- भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता अपने भाषणों में कुछ खास शब्दों का बार-बार कर रहे इस्तेमाल
- केजरीवाल साधारण तरीके से चुटीली भाषा का इस्तेमाल करते हैं, मनोज तिवारी के भाषणों में सहज अंदाज में व्यंगात्मक टिप्पणी
नई दिल्ली (बसंत शर्मा).‘शब्द’ अगर प्यार भरे हों तो दिल में उतर जाते हैं।अगर कटु हों तो दिल में तीर की तरह चुभते हैं। विधानसभा चुनाव में शब्दों के तीर भी चल रहे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक मिनट में करीब 125 शब्द बोलते हैं। वह अपने भाषणों में स्कूल और शिक्षा शब्द का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी एक मिनट में 120 शब्द बोलते हैं। वेसीएए और शाहीन बाग शब्द ज्यादा बोल रहे हैं। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा एक मिनट में 115 शब्द बोलते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री मोदी का नाम कई बार लेते हैं।
तिवारी सहज तरीके से करते हैं व्यंगात्मक टिप्पणी
केजरीवाल औरतिवारी की भाषा संतुलित है। एक-दूसरे पर आरोप भी शालीन तरीके से ही लगाते हैं। केजरीवाल साधारण तरीके से चुटीली भाषा का इस्तेमाल करते हैं। तिवारी सहज अंदाज में व्यंगात्मक टिप्पणी ज्यादा करते हैं। इस मामले में दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा भी मंझे हुए नेता हैं। चोपड़ा की भाषा और शब्दों के चयन में अनुभव, वरिष्ठता की छवि साफ झलकती है।
चुनाव में नेताओं के बिगड़े बोल पर मचा हड़कंप
चुनाव में नेताओं के बिगड़े बोले भी सुनाई दे रहे हैं। प्रचार के दौरान आपत्तिजनकटिप्पणी और भड़काऊ भाषण का इस्तेमाल करने पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा फंस गए हैं। चुनाव आयोग ने दोनों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाल ही में भाजपाउम्मीदवार कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया था कि 8 फरवरी को भारत बनाम पाकिस्तान का मैच होगा। चुनाव आयोग ने मिश्रा को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार से बाहर कर दिया था।
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