Sunday, 16 February 2020

28 दिन में रीडिंग हुई तो 140 और 36 दिन में रीडिंग हुई तो 180 यूनिट बिजली खपत पर सब्सिडी मिलेगी


  • इंदिरा ग्रह ज्योति योजना के तहत कम बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जा रही है

  • इसमें रीडिंग का गणित सबसे खास, पांच यूनिट रोजाना औसत खपत वालों को ही फायदा

    भोपाल . इंदिरा ग्रह ज्योति योजना के तहत कम बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी दी जा रही है। इसमें रीडिंग का गणित सबसे खास है। यदि किसी क्षेत्र में 28वें दिन ही रीडिंग हो गई तो उपभोक्ता को 140 यूनिट खपत पर सब्सिडी मिलेगी। यदि रीडिंग देरी से यानी 36वें दिन हुई तो 180 यूनिट खपत पर भी सब्सिडी दी जाएगी। शर्त यह है कि 30 दिन में औसत खपत 5 यूनिट रोजाना होना चाहिए।



    कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2019- 20 के रिटेल सप्लाई टैरिफ में इसके बारे में प्रावधान है। रीडिंग साइकिल क्षेत्रवार जारी रहती है, इसलिए इसकी समयावधि दो दिन कम या छह दिन अधिक भी हो जाए तो इस पर असर नहीं होता। पांच यूनिट रोजाना बिजली खपत वाले उपभोक्ताअों को 28 से 36 दिन तक इसका फायदा मिलता है।


    140 यूनिट खपत का सब्सिडी का पूरा गणित





























     शुरुआती 100 यूनिट खपत पर    100 रु.
     
     अगली 40 यूनिट पर दूसरे स्लैब (51 
    से 150 यूनिट) यानी
    4.95 रु. प्रति यूनिट 
    की सामान्य दर से    198 रु. 
     
    खपत पर 12 फीसदी ड्यूटी     47.76 रु.
     
     फिक्स चार्ज     100 रु. 
     
     मीटर किराया      10 रु.
     
     30 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल कास्ट     

    42 रु. 









     बिल की कुल राशि    497.76 रु.

    यहां यह ध्यान रखें- कंपनी के मुताबिक 100 यूनिट खपत के बावजूद जिनके बिल 100 रु. से कम आ रहे हैं, उनकी सुरक्षा निधि पर मिल रहे एक फीसदी ब्याज की राशि घटाई जा रही है। इसीलिए उन्हें 100 रुपए से कम राशि के बिल मिल रहे हैं।



    • 467.55 रु.  100 यूनिट का बिल

    • 367.55 रु. की सब्सिडी

    • सिर्फ बिजली खपत यानी एनर्जी चार्ज के ही 467.55 रु. में से 100 रुपए तक ही अापसे लिए जा रहे हैं।


    सैकड़ों उपभोक्ताओं को मिल रहा है इसका फायदा
    साॅफ्टवेयर में ही यह प्रावधान है कि रीडिंग चाहे 28 दिन में हो या 36 दिन में। बिजली खपत का अौसत पांच यूनिट रोजाना अाना चाहिए। सैकड़ों उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल रहा है।
    - मनीष सिंह, एमडी, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी





भास्कर प्रॉपर्टी समाधान / घर के लिए केंद्रीय सब्सिडी चाहिए तो...लाेन आवेदन के साथ अप्लाई करें, तभी मिलेगी सब्सिडी


  • आयाेजित प्राॅपर्टी समाधान के दाैरान एक्सपर्ट पैनल ने लाेगाें की ओर से पूछे गए सवालाें के जवाब में दीए

  • आयाेजन की शुरुआत में दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर अवनीश जैन ने स्वागत उद् बोधन से हुआ

    भाेपाल | आप घर खरीदने के लिए केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं ताे बैंक में लाेन के लिए आवेदन करने के साथ ही सब्सिडी के लिए भी अप्लाई कर दें। तभी आपकाे 2.67 लाख रुपए तक की सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाएगा। ये जानकारी शनिवार काे दैनिक भास्कर की ओर से मिंटाे हाॅल में आयाेजित प्राॅपर्टी समाधान के दाैरान एक्सपर्ट पैनल ने लाेगाें की ओर से पूछे गए सवालाें के जवाब में दी। आयाेजन की शुरुआत में दैनिक भास्कर के स्टेट एडिटर अवनीश जैन ने स्वागत उद् बोधन दिया।


    रेरा में रजिस्टर्ड प्राेजेक्ट में ही खरीदें प्राॅपर्टी
    इस दाैरान बताया गया कि प्राॅपर्टी खरीदने से पहले टीएनसीपी का नक्शा, नजूल की स्वीकृति, नगर निगम की बिल्डिंग परमिशन, जमीन का लैंड यूज जैसी 20 से ज्यादा जानकारी प्राॅपर्टी खरीदने से पहले लेना जरूरी है। किसी भी व्यक्ति के लिए ये तमाम जानकारी जुटाना मुश्किल हाेता है। अगर इन परेशानियाें सेे बचना है ताे रेरा में रजिस्टर्ड प्राेजेक्ट में प्राॅपर्टी खरीदें। क्याेंकि किसी प्राेजेक्ट के रजिस्टर्ड करने से पहले रेरा ऐसे तमाम दस्तावेजाें की जांच करता है।


    एक्सपर्ट्स ने इन सवालाें के भी दिए जवाब
    सवाल : रजिस्ट्री के बाद भी प्राॅपर्टी का नामांतरण जरूरी है? नामांतरण बिल्डर कराएगा या खरीदार?
    जवाब : प्राॅपर्टी का नामांतरण कराना बेहद जरूरी है अाैर नामांतरण कराने की जिम्मेदारी खरीदार की ही हाेती है।


    सवाल : रेरा के गठन से पहले की अनुमति प्राप्त काॅलाेनी में गड़बड़ी हाे रही है ताे क्या इसकी शिकायत कर सकते हैं?
    जवाब : अगर, प्राॅजेक्ट में काम चल रहा है या प्लाॅट की बिक्री की जा रही है ताे इसकी शिकायत की जा सकती है।


    सवाल : 2400 वर्ग फीट का बड़ा प्लाॅट है, क्या तीन लाेग मिलकर 800-800 स्क्वायर फीट खरीद सकते हैं?
    जवाब : इस तरह प्लाॅट की रजिस्ट्री नहीं हाेगी, लेकिन उस पर तीन हिस्साें में मकान बनाए जाएं ताे रजिस्ट्री करा सकते हैं।


    सवाल : प्राॅपर्टी बैंक में मॉर्गेज है। मालिक कहता है-पैसा दाे बैंक काे चुकाकर रजिस्ट्री करा देंगे। क्या ये प्राॅपर्टी ले सकते हैं?
    जवाब : ऐसे मामलाें में बैंक की एनअाेसी लेना जरूरी है। बेहतर है अाप बैंक से बात कर सीधे बैंक काे भुगतान करें।




मेयर काउंटडाउन / 2016 से बन रही सड़क का मेयर ने देररात फिर किया भूमिपूजन, व्यापारी बोले- अब तक कहां थे


  • दिसंबर 2018 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन होने के बाद से महापौर आलोक शर्मा की सक्रियता कम हो गई 

  • स्वच्छ सर्वे में भी महापौर यदा-कदा ही नजर आए, लेकिन कार्यकाल के अंतिम दिनों में वे अचानक सक्रिय हो गए

    भोपाल. दिसंबर 2018 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार का गठन होने के बाद से महापौर आलोक शर्मा की सक्रियता कम हो गई । ‘भोपाल की चौपाल’ कार्यक्रम भी बंद हो गया। इसके बाद महापौर ने खुद को भाजपा की संगठनात्मक गतिविधियों में व्यस्त कर लिया। स्वच्छ सर्वे में भी महापौर यदा-कदा ही नजर आए। लेकिन कार्यकाल के अंतिम दिनों में वे अचानक सक्रिय हो गए हैं। फिर चाहे वो छोटे तालाब पर रानी कमलापति की प्रतिमा के अनावरण का मामला हो या स्मार्ट रोड का। ताजा मामला संतनगर की मॉडल रोड का है। यह रोड बस स्टैंड से प्रेमरामचंदानी मार्ग होते हुए संत कंवरराम चौराहे तक बननी थी। लेकिन 2016 से बन रही इस रोड का आधा हिस्सा यानी संत कंवरराम चौराहे से प्रेम रामचंदानी मार्ग तक का काम बंद था।


    इससे व्यापारियों को परेशानी होती थी। शनिवार सुबह 11 बजे टेकरी रोड के व्यापारियों ने मॉडल रोड को लेकर नगर निगम के खिलाफ धरने की तैयारी कर रखी थी। लेकिन धरने से पहले ही शुक्रवार रात 12 बजे मेयर आलोक शर्मा संत हिरदाराम नगर में मॉडल रोड पर आ पहुंचे और एक बार फिर डामरीकरण के लिए भूमिपूजन कर डाला। इस पर व्यापारियों का कहना था कि डेढ़ साल से रोड का काम अधूरा था। अब तक महापौर कहां थे। रात के घटनाक्रम के बाद शनिवार सुबह सामाजिक संस्था पूज्य सिंधी पंचायत व्यापारियों के समर्थन में सड़क पर उतर आई।


    शुक्रवार रात 12 बजे पहुंचे मेयर, 200 मी. डामरीकरण हुआ....और फिर काम बंद


    मेयर के भूमिपूजन के बाद कॉन्ट्रैक्टर ने यहां काम तो शुरू करा दिया, लेकिन बाकी बची 500 मीटर सड़क के बीचों-बीच 200 मीटर हिस्से में लगभग 15 फीट चौड़ाई तक ही डामरीकरण किया और फिर काम बंद कर दिया। इस संबंध में कॉन्ट्रैक्टर का कहना है कि 5-7 दिन में सड़क निर्माण पूरा कर दिया जाएगा।


    स्वच्छ सर्वे में कम ही नजर आए, पिछले 8 दिन से अचानक सक्रिय


    7 फरवरी को उन्होंने रानी कमलापति की प्रतिमा के अनावरण को लेकर धरना दिया।
    8 फरवरी को महापौर ने स्मार्ट रोड का काम पूरा नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करने के लिए डिपो चौराहा पर धरना दिया।
    14 फरवरी को बावड़ियाकलां ब्रिज के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए व रात 12 बजे बैरागढ़ पहुंच गए।


    और छोटे तालाब पर स्थापित रानी कमलापति की प्रतिमा का अनावरण रविवार सुबह 11 बजे होगा।


    व्यापारियों का आरोप- डामरीकरण केवल ड्रामा, मेयर बोले...पूरे 5 साल सक्रिय रहा हूं


     मेयर द्वारा रात में चुपचाप से आकर भूमिपूजन और डामरीकरण कराना ड्रामा लग रहा है। अब तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा क्यों नहीं कराया गया। कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। राजकुमार थावानी, व्यापारी, मॉडल रोड

     


     मेयर ने केवल श्रेय लेने के लिए रात में आकर सड़क निर्माण का दिखावा किया है। व्यापारियों ने जब धरने की चेतावनी दी तब महापौर की नींद खुली हैं, अब तक क्या कर रहे थे। नरेश ज्ञानचंदानी, जिला योजना समिति सदस्य

    व्यापारियों की मांग पर ही सड़क पर डामरीकरण का काम शुरू कराया है। पूरे पांच साल सक्रिय रहा हूं। स्वच्छता सर्वे में दो बार दूसरे नंबर पर आना भी मेरे कार्यकाल की उपलब्धि है।- आलोक शर्मा, महापौर



मप्र / एक सरकार-एक कैबिनेट, तीन अफसर-तीन आदेश... जानिए आखिर क्या है अंदर की कहानी


  • 140 करोड़ के सरकारी प्लांट और 950 करोड़ रु. सालाना का कारोबार निजी कंपनियों के हाथों में देने की तैयारी

  • एमी एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन के उत्पादन/संचालन कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा

    भोपाल ( अनिल गुप्ता ) . 27 नवंबर 2019। मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक। पोषण आहार पर 23 नंबर का एजेंडा। एक ही मिनट में सभी ने कहा- ओके, और आनन-फानन में प्रस्ताव पास हुआ। बैठक से बाहर निकलते ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह ने निर्णय के प्रारूप का आदेश जारी कर दिया। 14 बिंदुओं के इस आदेश की खास बात यह थी कि 13 साल से टेकहोम राशन सप्लाई में एमपी एग्रो के साथ लगी तीन निजी कंपनियों के सालाना 950 करोड़ रु. के एकाधिकार को ध्वस्त कर दिया गया था।


    14 बिंदुओं के आदेश में कंडिका 11 में साफ लिख दिया गया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एमपी एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन के उत्पादन/संचालन कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा। जैसे ही यह आदेश प्रमुख सचिव खाद्य विभाग अौर सीईओ ग्रामीण आजीविका मिशन के पास पहुंचा, पूरे मंत्रालय में हलचल मच गई। माना जा रहा था कि सरकार की मंशा ऐसा करने की बिल्कुल नहीं थी। इसी के कुछ दिन बाद यह साफ भी हो गया, जब मुख्य सचिव ने कैबिनेट मीटिंग के मिनिट्स जारी किए। उन्होंने कंडिका 11 को विलोपित करने की बात कह दी। सारे विभाग हैरत में थे कि वो किसकी बात मानें। कैबिनेट की बैठक के ठीक 50 दिन बाद 16 जनवरी 2020 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के उप सचिव


    एसआर चौधरी ने एक नया आदेश निकाला।


    इस आदेश में कंडिका 11 को हटा दिया गया और एक बार फिर टेकहोम राशन के कारोबार में निजी कंपनियों का रास्ता खुल गया। उप सचिव के इस आदेश पर मंत्री कमलेश्वर पटेल और विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव की सहमति थी।



    गौरी सिंह की विदाई... पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह ने कैबिनेट की इस बैठक के बाद 20 दिसंबर को अचानक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने की घोषणा कर दी। उनके बाद मनोज श्रीवास्तव ने इस विभाग का जिम्मा संभाला। गौरी की विदाई को लेकर विधानसभा में भी कई सवाल उठे थे और कुछ विधायकों ने कहा था कि पोषण आहार पर वे सरकार की नीति से सहमत नहीं हैं। यह भी पहली बार हुआ है कि पीएस द्वारा तैयार कैबिनेट निर्णय का प्रारूप बाद में बदल दिया गया।



    निजी एजेंसियों वाला बिंदु हटाया
    एेसा नहीं है कि कंपनियों की भागीदारी बढ़ाना है। क्या गांव की महिलाएं प्लांट चला पाएंगी। बाद में किसी भी तरह की कोई परेशान न हो, इसीलिए तो एमपी एग्रो को प्लांट सौंपे गए हैं और निजी एजेंसियों वाला बिंदू हटाया गया।’ - एसआर मोहंती, मुख्य


    सचिव, मप्र


    भास्कर ने ढूंढ निकाले वे तीन अहम दस्तावेज, जो बयां कर रहे पूरी हकीकत


    कैबिनेट की बैठक : 27 नवंबर 2019 - कैबिनेट ने एक मिनट में पास किया था प्रस्ताव, अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह ने उसी दिन निजी कंपनियों की एंट्री को रोक दिया था और यह आदेश जारी किया था ।


    यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एमपी एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन उत्पादन/ संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।

    इस आदेश के एक ही सप्ताह बाद गौरी सिंह ने आश्चर्यजनक रूप से स्वैच्छिक  सेवानिवृत्ति ले ली थी। इस पर विधानसभा में कई सवाल-जवाब भी हुए। 


    मुख्य सचिव की नोटशीट : 5 दिसंबर 2019


    सीएस ऑफिस से 5 दिसंबर को मुख्य सचिव एसआर मोहंती के हस्ताक्षर से एक नोटशीट कैबिनेट के निर्णय की संबंधित विभाग को भेजी गई। इसमें 1 से 10 व 12 से 14 तक के बिंदुओं को स्वीकृत होना बताया, जबकि बिंदु 11 को शामिल नहीं किया गया। इसी बिंदु के आधार पर टेकहोम राशन सप्लाई मेंं निजी कंपनियों की भागीदारी पर रोक लगाई गई थी। नोटशीट पर तारीख 27 नवंबर लिखी है, पर यह विभाग को कई दिन बाद मिली। उससे पूर्व ही गौरी सिंह का पत्र सभी संबंधितों को मिल चुका था।


    50 दिन बाद : 16 जनवरी 2020 - कैबिनेट में हुए फैसलों के आदेश आमतौर पर विभाग एक हफ्ते के भीतर ही जारी कर देते हैं, लेकिन पोषण आहार सप्लाई से जुड़ा यह आदेश 50 दिन बाद निकला।


    14 बिंदुओं के कैबिनेट फैसले में से 11वंे नंबर की वही कंडिका हटाकर नया आदेश जारी किया गया, जिसमें निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को पोषण आहार के काम से बाहर किया गया था।

    ये दोनों आदेश 27 नवंबर 2019 की कैबिनेट के आधार पर जारी हुए थे। अब सवाल उठता है कि सही कौन सा है।


    दिसंबर 2019 से कंपनियों की सप्लाई बंद है, लेकिन नए आदेश से कभी भी हो सकती है वापसी...
    मार्च 2018 में सरकार ने निजी कंपनियों से यह काम वापस लेने की घोषणा कर दी थी, लेकिन तमाम दांव-पेंचों के चलते यह व्यवस्था दिसंबर 2019 तक चलती रही और अब फरवरी के बाद इसे आगे नियमित करने का नया रास्ता खोल दिया गया। प्रदेश में हर माह 12 हजार टन पोषण आहार का उत्पादन किया जाता है और राज्य सरकार इस पर सालाना करीब 950 करोड़ रुपए खर्च करती है। इस कारोबार का फायदा सिर्फ निजी कंपनियां ही उठाती हैं।


    वर्तमान स्थिति: 140 करोड़ में 7 नए संयंत्र तैयार, 5 में उत्पादन भी शुरू


    प्रदेश में 7 स्थानों पर 20 करोड़ (प्रत्येक) की लागत से सरकार ने पोषण आहार संयंत्र बनाए हैं। इनमें से देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला, सागर में उत्पादन शुरू हो चुका है। शिवपुरी और रीवा का काम भी अंतिम चरण में है। मतलब इन पर 140 करोड़ रुपए लग चुके हैं।


    2 हर प्लांट प्रतिमाह 12 हजार टन पोषण आहार का उत्पादन करेगा। इससे 80 लाख बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बालिकाओं को आहार उपलब्ध कराया जाना है।


    3 तेरह साल से यह काम सरकारी कंपनी एमपी एग्रो के पास है। उसने निजी कंपनियों एमपी एग्रो न्यूट्री फूड, एमपी एग्रो टॉनिक्स और एमपी एग्रो फूड इंडस्ट्रीज को यह काम भागादारी के तहत दे रखा है।




मध्य प्रदेश / जनगणना 2021 के पहले चरण के रूप में एनपीआर का काम 1 मई से, कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा


  • एनपीआर में वर्तमान पते पर आप कब से रह रहे हैं? पूर्व में आप और आपके माता-पिता कहां रहते थे? जैसे करीब 16 सवाल पूछे जाएंगे

  • एनपीआर का काम दस साल बाद दूसरी बार होने से इसे अपग्रेडेशन करना बताया गया है, पूछा जाएगा कि आपके माता-पिता का कहां जन्म हुआ?भोपाल। सीएए और एनआरसी को लेकर जारी देशव्यापी विरोध के बीच मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपग्रेडेशन का काम एक मई से शुरू हो जाएगा। यह 14 जून तक मकानों की गणना के साथ-साथ चलेगा। यह दोनों काम जनगणना 2021 के पहले चरण के रूप में होंगे। गृह विभाग ने इनका गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। एनपीआर में वर्तमान पते पर आप कब से रह रहे हैं? पूर्व में आप और आपके माता-पिता कहां रहते थे? जैसे करीब 16 सवाल पूछे जाएंगे। लेकिन कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।

    वहीं, मकान सूचीकरण, उनकी गणना के तहत भवन स्वामी से 31 सवाल होंगे। इसके प्रोफॉर्मा में पेन नंबर, प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई सवाल नहीं है, लेकिन परिवहन के लिए आप कौन सा वाहन इस्तेमाल करते हैं? यह जरूर पूछा जाएगा। इसके अलावा बेघर/ घुमंतु लोगों को संस्थागत परिवारों के रूप में पहली बार एनपीआर में दर्ज किया जाएगा।


    उल्लेखनीय है कि एनपीआर देश के निवासियों का एक रजिस्टर है। इसमें प्रत्येक नागरिक को अपना पंजीयन कराना अब कानूनी तौर पर अनिवार्य है। एनपीआर का काम दस साल बाद दूसरी बार होने से इसे अपग्रेडेशन करना बताया गया है। एनपीआर में ये अवश्य पूछा जाएगा कि आपके माता-पिता का कहां जन्म हुआ? उनकी राष्ट्रीयता क्या है? यह काम हरेक शहर में मकानों की मोहल्लावार सूची बनाने, गणना के साथ होगा।




मध्य प्रदेश / भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने के बाद कांग्रेस में हलचल तेज, मुख्यमंत्री बोले- जल्द तय होगा पीसीसी के नए अध्यक्ष का नाम


  • शनिवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्वालियर में कहा था- मप्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष का नाम जल्द ही पार्टी हाईकमान तय करेगा

  • सिंधिया के समर्थक लंबे समय से पार्टी हाईकमान के सामने यह बात उठाते रहे हैं कि उनके नेता को प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी सौंपी जाए                                 भोपाल. प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर किसी नए चेहरे की ताजपोशी जल्द होने की संभावना बढ़ गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने इस बात की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने नया नाम तय कर लिया है। इसके बाद ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के तेवर सख्त हुए हैं। राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि सिंधिया को अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। संगठन की मंशा सिंधिया को राज्यसभा भेजकर प्रदेश में सक्रियता कम करने की है। पीसीसी का नया अध्यक्ष आदिवासी वर्ग का हो सकता है।शनिवार रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ग्वालियर में कहा था कि मप्र कांग्रेस के नए अध्यक्ष का नाम जल्द ही पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी तय करेंगी। प्रदेश में सत्ता और संगठन से जुड़े मसलों को लेकर सीएम ने कहा कि दोनों के बीच बेहतर समन्वय बनाने की दिशा में कारगर कदम उठाए जाएंगे। दिल्ली में समन्वय समिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई है। बैठक में पंचायत और निकाय चुनावों की तैयारी को लेकर भी चर्चा हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक लंबे समय से पार्टी हाईकमान के सामने यह बात उठाते रहे हैं कि उनके नेता को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाए।

    अगले सप्ताह तक नए नाम की घोषणा होने की संभावना


    बताया जा रहा है कि खुद को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाने की भनक ज्योतिरादित्य सिंधिया को पहले ही लग चुकी है। इसीलिए उन्होंने टीकमगढ़ में वचन पत्र के वादे पूरे नहीं होने पर सड़क पर उतरने का बयान दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ को कहना पड़ा कि सिंधिया चाहें तो सड़क पर उतर जाएं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नए नाम की घोषणा अगले सप्ताह तक होने की उम्मीद है। पूरी रणनीति आगामी नगरीय निकायों के चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है।


    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में बच्चन, वर्मा, भूरिया, पटवारी


    भोपाल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजा दौड़ में कई नाम लिए जा रहे हैं। इसमें बाला बच्चन, सज्जन सिंह वर्मा, कांतिलाल भूरिया, बिसाहू लाल साहू, अजय सिंह, उमंग सिंघार, रामनिवास रावत, और जीतू पटवारी का नाम शामिल है। हालांकि, जिस तरह से भाजपा ने राकेश सिंह को हटाकर वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, उसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस भी ऐसा ही नाम सामने लाकर चौंका


    सकती है। फिलहाल, कांतिलाल भूरिया के अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की संभावना ज्यादा जताई जा रही है।


    मप्र समन्वय समिति की बैठक से जल्दी चले गए सिंधिया
    नई दिल्ली में शनिवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर बुलाई गई मप्र समन्वय समिति की बैठक से सिंधिया जल्दी उठकर चले गए। हालांकि, मप्र प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि उन्होंने मुझे पहले ही बता दिया था कि वह बैठक से कुछ और कार्यों की वजह से जल्दी चले जाएंगे। बावरिया ने कहा कि समन्वय समिति की बैठक में पार्टी नेताओं के बीच आपसी बयानबाजी को लेकर अनुशासन बनाने पर भी चर्चा हुई है। इसके अलावा, सरकार के एक साल के कार्य और निर्णय को लेकर जनता पर उसके असर और आगामी पंचायत चुनावों में कांग्रेस की रणनीति को लेकर चर्चा हुई।




Saturday, 15 February 2020

हनी ट्रैप / मानव तस्करी केस में श्वेता स्वप्निल को दोषमुक्त किए जाने पर हाईकोर्ट में अपील करेगी एसआईटी


  • एसआईटी चीफ ने बताया- कोर्ट से सर्टिफाइड कॉपी मिलते ही हम हाईकोर्ट जाएंगे

  • एसआईटी की दलील- श्वेता के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य, निचली अदालत में सबूत पेश भी किए

    भोपाल (कीर्ति गुप्ता) . बहुचर्चित हनी ट्रैप से जुड़े मानव तस्करी केस में श्वेता स्वप्निल जैन को दोषमुक्त करने के भोपाल कोर्ट के फैसले को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) अब हाईकोर्ट में चुनौती देगी। एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार ने बताया कि भोपाल कोर्ट से सर्टिफाइड कॉपी मिलते ही हम हाईकोर्ट जाएंगे। अहम बात ये है कि न्यायाधीश भरत कुमार व्यास ने श्वेता स्वप्निल को दोषमुक्त करने के आदेश में लिखा है कि फरियादी मोनिका यादव और अन्य गवाहों के बयान में श्वेता स्वप्निल के संबंध में कोई तथ्य सामने नहीं आए।


    जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय के मुताबिक इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दाखिल करेंगे। नियमानुसार 90 दिन के अंदर पुनरीक्षण याचिका पेश करनी होगी।


    इसलिए दोषमुक्त... जो गैजेट्स जब्त किए थे, उन्हें कोर्ट में पेश ही नहीं किया
    1 जज भरत कुमार व्यास ने फैसले में लिखा- फरियादी मोनिका यादव ने सात पेज के बयान में पांचवें पेज के तीसरे पैरे में सिर्फ इतना कहा है कि- मैंने सुना है कि श्वेता स्वप्निल के संपर्क श्वेता विजय जैन से भी बड़े लोगों से हैं। अन्य गवाहों के बयान में भी श्वेता स्वप्निल के संबंध में कोई भी तथ्य सामने नहीं आए हैं।


    सीआईडी ने जिन ऑडियो-वीडियो की सीडी और गैजेट्स के आधार पर उसे आरोपी बनाया, उसे भी कोर्ट में पेश नहीं किया गया।
    3 स्वप्निल पर धारा 120 बी आपराधिक षडयंत्र की धारा लगाई गई है, पर उसके प्रमाण नहीं है। मोनिका पर अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाने का सबूत उसके खिलाफ नहीं है।



    जबकि सीआईडी ने चालान में कहा था...
    सीआईडी निरीक्षक मनोज शर्मा द्वारा 27 दिसंबर 2019 को पेश चालान के अंतिम पृष्ठ पर लिखा गया है कि श्वेता स्वप्निल से जब्त गैजेट्स में उसके व मोनिका के आपत्तिजनक वीडियो हैं। इनके आधार पर उसकी श्वेता विजय जैन व आरती दयाल से संबद्धता और आपराधिक षडयंत्र में शामिल होना प्रमाणित होता है।


    अब एसआईटी ये दलील देगी : श्वेता स्वप्निल के खिलाफ अभियोजन के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं..निचली अदालत में सबूत पेश भी किए गए हैं।

    एसआईटी की जांच पर सवाल…



    •   मानव तस्करी केस में श्वेता स्वप्निल को जिन आरोपों के आधार पर आरोपी बनाया था, वो कोर्ट में पेश क्यों नहीं किए? 

    •  क्या चालान पेश करते समय सीआईडी ने जानबूझकर सबूतों की अनदेखी की? जब्त सबूत कहां चले गये। कोर्ट को तो मिले ही नहीं?




मप्र / 31 मार्च को 10 से 12 हजार अधिकारी-कर्मचारी होंगे सेवानिवृत्त, जिन्हें देना पड़ेंगे 3500 करोड़


  • सरकार कर रही विचार... सेवानिवृत्ति के बाद 6 माह या 1 साल की संविदा नियुक्ति दी जाए, ताकि फिलहाल भुगतान से बचा जा सके

  • सरकार दे सकती है सेवानिवृत्ति के बाद 6 महीने या 1 साल की संविदा नियुक्ति

    भोपाल . प्रदेश में 24 साल बाद अधिकारी-कर्मचारियों के रिटायरमेंट को लेकर अजीबो-गरीब स्थिति बन गई है। वजह बीते दो साल से रिटायरमेंट पर रोक लगी होना है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने 31 मार्च 2018 से 31 मार्च 2019 के बीच होने वाले रिटायरमेंट पर रोक लगा दी थी, तब सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 62 साल की गई थी। अब ऐसे करीब 10 से 12 हजार अधिकारी-कर्मचारी अगले महीने 31 मार्च को शासकीय सेवा की अवधि पूरी कर रहे हैं।


    ऐसे में जहां अधिकारी वर्ग को रिटायरमेंट पर 80 लाख से 1 करोड़ रुपए और कर्मचारी को 25 से 30 लाख रुपए तक का भुगतान करना पड़ेगा। इस पर 3500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार का आकलन किया गया है, वह भी ऐसे में जब प्रदेश का खजाना खाली है। इसे लेकर सरकार पसोपेश में है। इसलिए सरकार में सेवानिवृत्ति के विकल्पों पर विचार चल रहा है। इसमें कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद 6 महीने या 1 साल की संविदा नियुक्ति दे दी जाए, जिससे रिटायरमेंट पर होने वाले भुगतान से फिलहाल बचा जा सके। हालांकि इस बारे में कोई भी खुलकर कहने से बच रहा है।


    सेवानिवृत्ति पर 22 साल पहले भी बने थे ऐसे ही हालात
    इसी तरह के हालात 22 साल पहले बने थे जब 1996 में शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 साल कर दी थी। सरकार को कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर एकमुश्त भुगतान की इस स्थिति का सामना 31 मार्च 2021 में भी करना पड़ेगी, जब 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 के बीच करीब 15 हजार कर्मचारी एक साथ रिटायर होंगे। उस दौरान भी 4000 करोड़ रुपए का एक साथ भुगतान करना पड़ेगा। इस बढ़े हुए खर्चे का इस साल इंतजाम होना मुश्किल है।


    भाजपा सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 62 साल कर दी थी



    • 80 लाख से 1 करोड़ रुपए तक भुगतान करना होगा अधिकारी वर्ग को रिटायरमेंट पर

    • 25 से 30 लाख रुपए तक भुगतान करना पड़ेगा सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर


    ऐसे बढ़ गया खर्चा- यदि 31 मार्च 2018 को रिटायर होने वाले शासकीय सेवकों को विधिवत रिटायर किया जाता तो उस दौरान अधिकारियों को 5 लाख और कर्मचारियों को 2 लाख रुपए कम भुगतान करना पड़ता। दो साल में यह खर्चा 200 करोड़ रुपए बढ़ गया है। बहरहाल अब रिटायरमेंट पर कर्मचारियों को


    नियमानुसार साढ़े सोलह माह की ग्रेज्युटी, 10 माह का अवकाश नकदीकरण और स्वास्थ्य बीमा योजना में जमा हुई राशि और कर्मचारी भविष्य निधि में जमा राशि का ब्याज के साथ भुगतान करना होता है। यह राशि अधिकारियों के खाते में 80 लाख से 1 करोड़ तो कर्मचारियों के हिस्से में 25 से 30 लाख रुपए होती है।


    सरकार के पास दो विकल्प



    •  सेवानिवृत्ति की आयु ही एक साल बढ़ा दी जाए, लेकिन दोनों मामलों पर जीएडी को परीक्षण और सेवावृद्धि की आयु बढ़ाने का फैसला वित्त विभाग को लेना है।

    •  सेवानिवृत्ति के बाद 6 माह या 1 साल की संविदा नियुक्ति दे दी जाए, जिससे फिलहाल भुगतान से बचा जा सके।




लगाम की तैयारी / साेमवार से पड़ेंगे अवैध मैरिज गार्डन और शादी हॉल में ताले, 75 लोगों को नोटिस जारी


  • वर्षों से बिना अनुमति कर रहे थे संचालन तालाबंदी हुई तो 300 शादियों पर संकट

  • विवाह समारोह के लिए मैरिज गार्डन, शादी हॉल बुक करा चुके लोग हो रहे परेशान

    भोपाल . मैरिज गार्डन संचालकों की मनमानी का खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है। वर्षों से बिना लाइसेंस लेकर गार्डन का संचालन किया जा रहा था, अब जिला प्रशासन और नगर निगम इन गार्डन में तालाबंदी की कार्रवाई करने जा रहा है। सोमवार-मंगलवार से कार्रवाई शुरू की जाएगी। ऐसे में इन गार्डन में करीब 300 शादियों की बुकिंग कराने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
    शहर में संचालित 175 में से 75 मैरिज गार्डन ऐसे हैं जिन्होंने नगर निगम से गार्डन संचालन का लाइसेंस नहीं लिया है।


    गुरुवार-शुक्रवार को निगम ने इन सभी को नोटिस जारी किया है। 7 दिन में जवाब नहीं देने पर इनको सील करने की कार्रवाई की जाएगी। निगम और जिला प्रशासन की सख्ती का असर है कि एक ही दिन में 20 गार्डन संचालकों ने अनुमति के लिए आवेदन किया है। करोंद निवासी सुनीता कुशवाह का कहना है कि क्षेत्र के एक गार्डन में शादी की बुकिंग कराई है, अब यदि शादी नहीं हुई तो कहां जाएंगे। कोलार निवासी संदीप वर्मा कहना है कि उनकी अगले महीने शादी होना है कोलार रोड के एक गार्डन में शादी की बुकिंग कराई है।


    गार्डन संचालक बोले...लाइसेंस रिन्यू होने तक न हो कोई कार्रवाई



    •  सिमरन मैरिज गार्डन के संचालक आशीष राय ने नगर निगम को लिखकर दिया है कि चूंकि नियम बहुत सख्त हो गए हैं और अब वो गार्डन का संचालन नहीं करना चाहते हैं। इसलिए उनको पांच दिन की मोहलत सामान उठाने के लिए चाहिए।  

    •  लाला शादी हॉल के संचालक राजकुमार यादव ने बताया कि लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए आवेदन नगर निगम में दिया है। जब तक लाइसेंस नहीं मिल जाता, तब तक बुकिंग नहीं ले रहे हैं।   

    •  करोंद स्थित बंधन शादी हॉल के अब्दुल मतीन ने कहा कि उन्होंने लाइसेंस के लिए शुक्रवार को आवेदन किया है। शादियों की बुकिंग फिलहाल नहीं ले रहे हैं।  

    •  आवंतिका मैरिज गार्डन के संचालक राधे राजपूत ने बताया कि उन्होंने अनुमति मांगी है, उनके यहां पर पार्किंग की व्यवस्था है। सारे नियमों का वो पालन कर रहे हैं।

    • 175 मैरिज गार्डन संचालित हो रहे राजधानी में। 

    • 100 मैरिज गार्डन ही हैं वैध। 

    • 75 अवैध, इन्हें 7 दिन में लाइसेंस लेना होगा। नहीं तो होगी कार्रवाई।




तामिया, छिंदवाड़ा छोड़कर 38 रेस्ट हाउस सर्किट हाउस निजी हाथों में देने की तैयारी; 100 करोड़ जुटाने की उम्मीद


  • पीपीपी मोड  मौजूदा बिल्डिंग के साथ 30 साल की लीज पर देंगे भूमि

  • चित्रकूट, अमरकंटक व चंदेरी के रेस्ट हाउस-सर्किट हाउस भी शामिल

    भोपाल. प्रदेश में मौजूद पीडब्ल्यूडी व जलसंसाधन विभाग के रेस्ट हाउस और सर्किट हाउस को राज्य सरकार निजी हाथों में देेने जा रहा है। इसमें मौजूदा बिल्डिंग के साथ आसपास की भूमि भी 30 साल की लीज पर दी जाएगी। ऐसे 38 रेस्ट हाउस और सर्किट हाउस का चयन कर लिया गया है, जिन्हें पीपीपी मोड या अन्य माध्यम से दिया जाना है। सूची में से तामिया व छिंदवाड़ा के रेस्ट हाउस भवन, परिसर मौजूद दूसरी बिल्डिंग और खाली जमीन को शामिल नहीं किया गया है। तामिया और छिंदवाड़ा को पर्यटन विभाग ही अपने हाथ में लेकर विकसित करेगा। पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस पर सहमति दे दी है। विभाग के प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने आगे की कार्यवाही भी प्रारंभ कर दी।



    पैसा जुटाने इस कवायद को अंजाम दिया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के रेस्ट व सर्किट हाउस को पर्यटन के लिहाज से तैयार करने को लेकर पहली बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 25 मई 2019 को हुई थी। इसमें तय हुआ था कि निजी निवेश से रेस्ट और सर्किट हाउस को विकसित किया जाए।



    सरकार को उम्मीद- जुटाएंगे 100 करोड़, कैबिनेट में जा सकता है मामला


    रेस्ट और सर्किट हाउस को पीपीपी मोड अथवा अन्य किसी तरीके से निजी निवेश कराके विकसित करने का फैसला कैबिनेट ले सकती है। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि इसी वित्तीय वर्ष में निर्णय लिया जाना है। सरकार को उम्मीद है कि इससे 100 करोड़ से अधिक राशि जुटाई जा सकेगी।



    शुरुआत में 56 रेस्ट-सर्किट हाउस को पर्यटन के लिए माना गया उपयुक्त
    40 को मिली मंजूरी... एक अक्टूबर 2019 को पीडब्ल्यूडी के पीएस की अध्यक्षता में फिर बैठक की गई। इसके मद्देनजर सूची तैयार की गई। शुरू में 56 रेस्ट-सर्किट हाउस को पर्यटन के लिए उपयुक्त माना गया, लेकिन बाद में 40 को मंजूरी मिली। इसमें से भी तामिया और छिंदवाड़ा को अलग कर दिया गया। शेष 38 रेस्ट और सर्किट हाउस भवन के साथ कुल जमीन पौने चार लाख मीटर है।


    ये प्रमुख स्थल जाएंगे निजी हाथों में
    बैतूल के चोपना और शाहपुर, गुना के बम्होरी, होशंगाबाद के ढेकना, रायसेन के बरेली, औबेदुल्लागंज व उदयपुरा, अशोकनगर के चंदेरी, भिंड के मालनपुर, गुना के खटकिया व मकसूदनगढ़, मुरैना के सबलगढ़, श्योपुर के गोरस, शिवपुरी के सुभाषपुरा, राजगढ़ के रेस्ट हाउस व मोतीपुरा, बुरहानपुर के असीरगढ़,बड़वानी के सेंधवा, झाबुआ के मेघनगर व थांदला, खरगौन के बड़वाह धामनोद रोड पर दो व पिपलिया, अनूपपुर के राजेंद्र ग्राम व अमरकंटक, सतना के रामपुर बघेलान व चित्रकूट, सीधी के मझौली, उमरिया के ताला, दमोह के बंधकपुर व खर्राघाट, छतरपुर के भीमकुंड, सागर के ढाना व रेहली, देवास के सतवास, नीमच के मोरवान और होशंगाबाद के सोहागपुर शामिल हैं। इन सभी में दो से लेकर चार तक कमरे हैं। चित्रकूट में 8 और भीमकुंड में 12 कमरे हैं।




मुंबई हालही में रिलीज हुई फिल्म “मलंग” प्रशंसा का पात्र बनी हुई है।


  • शनिवार को भाजपा महासचिव अरूण सिंह ने शर्मा के नाम की घोषणा की, वे संघ की पसंद बताए जा रहे हैं

  • शर्मा एबीवीपी से लंबे समय तक जुड़े रहे हैं, वह प्रदेश में भाजपा के संगठन मंत्री का पद भी संभाल चुके हैं

  • भोपाल. भाजपा ने खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वे राकेश सिंह की जगह लेंगे। शनिवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह ने पत्र जारी कर शर्मा के नाम की घोषणा की। बताया जा रहा है कि शर्मा संघ की पहली पसंद थे। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से लंबे समय तक जुड़े रहे। वे भाजपा संगठन में प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाल चुके हैं। शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा-

    32 साल से राजनीति में सक्रिय हैं शर्मा
    विष्णु दत्त शर्मा का जन्म 1 अक्टूबर 1970 को मुरैना जिले के सुरजनपुर गांव में हुआ। करीब 32 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। शुरुआत एबीवीपी से की। चंबल क्षेत्र में भाजपा का बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते हैं। संघ के भी चहेते हैं। शर्मा ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई आंदोलन किए। भ्रष्टाचार के खिलाफ पदयात्रा भी निकाली, जो बालाघाट से शुरू हुई थी। उन्होंने नर्मदा में प्रदूषण को लेकर भी काफी अध्ययन किया और एनजीटी में मामला भी दायर किया था। शर्मा की पहचान जमीनी नेता के रूप में होती है।


    शर्मा का राजनीतिक करियर



    • वर्ष 1986 में विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुए।

    • 1993 से 1994 तक मप्र राज्य सचिव रहे।

    • वर्ष 1995 से 2013 तक संगठन के प्रचारक रहे।

    • 2001 से 2007 तक एबीवीपी राज्य संगठन सचिव रहे।

    • इसके बाद एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव का पद संभाला।

    • मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन सचिव बने।

      • 2007 से 2009 तक एबीवीपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे।

      • वर्ष 2013 में विधिवत रूप से भाजपा में आए।

      • वर्ष 2013 से 2018 तक भाजपा में प्रचारक रहे।

      • अगस्त 2016 से प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी संभाली।

      • 2015 में नेहरू युवा केंद्र संगठन के उपाध्यक्ष भी रहे।

      • केंद्र की मोदी सरकार ने दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री के तौर पर यह दायित्व सौंपा था।

      • 2019 में खजुराहो से लोकसभा सदस्य चुने गए।



      ग्वालियर में एग्रीकल्चर और एग्रोनामी से एमएससी की


      शर्मा ने 1985-86 में एमपी बाेर्ड से हायर सेकेंडरी की पढ़ाई की। इसके बाद ग्वालियर के कृषि महाविद्यालय से 1989-91 में एग्रीकल्चर में बीएससी करने के बाद ग्वालियर के ही कृषि महाविद्यालय से एग्रीकल्चर और एग्रोनामी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की।


      वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बैठाना चुनौती


      शर्मा को लेकर मई 2019 के लोकसभा चुनाव में चर्चा थी कि उन्हें भोपाल या विदिशा से टिकट दिया जाएगा, लेकिन पार्टी के अंदर कथित विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया और पार्टी ने उन्हें खजुराहो से टिकट दिया और वे सांसद भी चुने गए। शर्मा के समक्ष राज्य में 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बैठाना बड़ी चुनौती रहेगी।


      शिवराज ने कहा- कार्यकर्ता नए जोश और नई उमंग के साथ काम करेंगे
      शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर वीडी शर्मा को बधाई दी। कहा- मुझे पूर्ण विश्वास है कि शर्मा के नेतृत्व में पार्टी नई ऊंचाई प्राप्त करेगी। कार्यकर्ता नए जोश और नई उमंग के साथ पार्टी और प्रदेश को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे। कहा- शर्मा को जब भी कोई काम दिया गया, उसे हर बार नई ऊंचाइयां प्रदान की, नए मानक तय किए। कलाम इनोवेशन एंड गवर्नेंस अवॉर्ड, यूथ लीडर अवॉर्ड जैसे पुरस्कारों ने आपके प्रयासों को सम्मान देने का काम किया। पूर्व सीएम ने राकेश सिंह के कार्यकाल की भी सराहना की।






Saturday, 8 February 2020

मप्र / बुरहानपुर में सास की हत्या करने वाली दो सगी बहनों को उम्रकैद, क्राइम सीरियल देखकर रची थी वारदात की साजिश


  • सिलबट्‌टे से सिर पर वार किया, सास जिंदा न बच जाए, इसलिए दुपट्‌टे का फंदा बनाकर गला घोंटा

  • दहेज मांगने से परेशान होना बताया था कारण, अपराध छुपाने के लिए रची थी लूट की साजिश

  • 28 फरवरी 2018 की घटना, अदालत ने हत्या के साथ साजिश रचने और सबूत छुपाने का दोषी माना

    बुरहानपुर. नेपानगर में 2 साल पहले सिर पर सिलबट्‌टा मारकर और दुपट्‌टे का फंदा बनाकर गला घोंट कर सास की हत्या करने के सनसनीखेज मामले में दो सगी बहनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। दोनों पर 10 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार गुप्ता की अदालत ने दिया। दोनों को धारा 302/34 के तहत आजीवन कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना और धारा 201 के तहत 7 वर्ष के कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई।


    दोनों बहनें 5 मार्च 2018 से जेल में हैं। दोनों ने अपराध छुपाने के लिए लूट की साजिश रची थी। पुलिस और परिवार को गुमराह किया, लेकिन जांच में दोनों की करतूत सामने आ गई। सास की हत्या करने के लिए दोनों ने क्राइम सीरियल देखकर लूट की झूठी वारदात की पूरी साजिश रची थी। दोनों ने सास की हत्या करने के पीछे दहेज के लिए प्रताड़ित करना कारण बताया था।


    इन तथ्यों के आधार पर आरोपी दोनों बहनें पहुंचीं उम्रकैद की सजा तक



    • दीपिका द्वारा फरियादी बनकर प्रकरण दर्ज कराया गया था। इसमें दो फेरीवालों के आने का उल्लेख किया था लेकिन पूरे क्षेत्र में किसी ने भी फेरीवालों को नहीं देखा था। इस पर शंका हुई।

    • दीपिका ने कहा था- फेरीवाले ने सिर पर लोहे की राॅड मारी थी लेकिन उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं थे।

    • जिस दुपट्‌टे से योगिता का गला घोंटा गया था, वह अलमारी में था। अलमारी से वह बाहर कैसे आया, इस पर पुलिस ने सवाल किए थे।

    • घटनास्थल पर लिए फोटो में यह बात सामने आई थी कि खून से सने फर्श पर पैरों के पंजे के निशान थे लेकिन यह आकार में किसी पुरुष के नहीं बल्कि महिला के थे।

    • जेवर और रुपए लूटने की बात एफआईआर में थी लेकिन जांच के बाद घर के किचन में ही रुपए और जेवर जमीन में दबे हुए मिले थे।

    • पूछताछ में दीपिका ने बहन रूपा के साथ मिलकर हत्या करना कबूल किया था।


    सास की प्रताड़ना से तंग आकर पहले आत्महत्या का मन बनाया था


    नेपानगर के 7 नंबर गेट एरिया में 28 फरवरी 2018 को 55 वर्षीय योगिता साहू की हत्या हुई थी। उसे बहू दीपिका पति विजय साहू और रूपा पति रितेश साहू ने मारा था। अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता सुहैल हुसैन के अनुसार दोनों बहनों ने बताया था कि सास की प्रताड़ना से तंग आकर पहले दोनों ने आत्महत्या करने का मन बनाया था लेकिन बच्चों का भविष्य सोचकर मन बदल लिया। इसके बाद सास की हत्या की साजिश रची। हत्या के लिए 28 फरवरी को दोपहर का समय तय किया। उस दिन दोनों के पति संविदा कर्मचारियों की हड़ताल में शामिल होने भोपाल गए हुए थे। नगर पालिका में लिपिक ससुर मोतीलाल ऑफिस में थे। बहन दीपिका से फोन पर बातचीत के बाद बड़ी बहू रूपा बुरहानपुर से 700 रुपए में किराए से ऑटो कर नेपानगर आई। उसने घर से दूर ऑटो खड़ा कर कुछ देर बाद आने को कहा। साजिश के मुताबिक रूपा के आते ही दीपिका ने सिलबट्‌टा उठाकर सास योगिता के सिर पर वार किया। वह जमीन पर गिर गई लेकिन सांसें चल रही थीं। वह जिंदा न बच जाए, इसलिए दोनों ने कपड़े का फंदा बनाकर सास का गला घोंट दिया। हत्या के बाद रूपा बुरहानपुर लौट गई।


    मामले में तत्कालीन थाना प्रभारी की जांच थी अहम
    प्रकरण में 21 लोगों ने गवाही दी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण गवाही तत्कालीन थाना प्रभारी बीएस रावत


    की थी। उन्होंने ही मामले की पूरी जांच की थी और वारदात के दिन घर से चुराए गए जेवर तथा हत्या में उपयोग किया गया सिलबट्‌टा जब्त किया था।


    सास ने मारपीट की शिकायत की थी
    घटना के डेढ़ साल पहले सास योगिता ने दोनों बहुओं द्वारा मारपीट करने की शिकायत नेपानगर थाने में की थी। उसने ये शिकायतें 10 अक्टूबर और 15 अक्टूबर को की थी लेकिन तब इस मामले में पुलिस ने भी ध्यान नहीं दिया था। फिर इसकी जांच-पड़ताल हुई।


    फेरीवालों द्वारा हमला करने की रची थी कहानी
    सास की हत्या के बाद वारदात को लूट की नीयत से हत्या बताने के लिए रूपा ने दीपिका के पैर-हाथ बांधकर टी-टेबल पर पटक दिया। दीपिका ने झूठी कहानी रची थी कि दोपहर को दो फेरीवाले बैडशीट लेकर आए थे। खरीदने से इनकार करने पर भी वह घर में घुस आए और पीने के लिए पानी मांगा। वह पानी लेने गई, इधर दोनों ने सास पर लोहे की राॅड से हमला कर दिया। मैंने सास को बचाने गई तो मुझ पर हमला कर बांध दिया। बदमाश जेवर और एक लाख रुपए ले गए थे। घर में काम करने वाली युवती ने लोगों को बुलाया था। मामले की दीपिका ही फरियादी थी लेकिन वह ही आरोपी निकली।


    संदेह के दो बड़े कारण



    1. दीपिका ने कहा था फेरीवाले ने सिर पर लोहे की राॅड मारी थी लेकिन उसके शरीर पर चोट के निशान नहीं थे।

    2. घटनास्थल पर लिए फोटो में यह बात सामने आई थी कि खून से सने फर्श पर पैरों के पंजे के निशान थे लेकिन यह आकार में किसी पुरुष के नहीं बल्कि महिला के थे।




भोपाल / नर सिंह सत्या को क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के 21 दिन बाद बाड़े में छोड़ा, अब उन्हें पर्यटक देख सकेंगे


  • वन विहार में जल्द शुरू होगी लॉयन सफारी, तैयारियां शुरू हो गई हैं 

  • बिलासपुर की कानन पिंडारी चिड़ियाघर से लाया गया था सिंहों का जोड़ा

    भोपाल. राजधानी के वन विहार नेशनल पार्क में शनिवार को सिंह के जोड़े सत्या की क्वारेंटाइन अवधि (अलग-थलग कमरे में रखा गया) पूरी होने और स्वास्थ्य परीक्षण में फिट पाए जाने के बाद नर सिंह सत्या को बाड़े मे छोड़ा गया है। अब पर्यटक इसका का दीदार कर पाएंगे। वहीं मादा सिंह नंदी को अभी नहीं छोड़ा गया है। उसे चार दिन बाद बाड़े में छोड़ा जाएगा। वन विहार के अधिकारियों का कहना है अभी मादा सिंह नंदी की स्थिति छोड़ने वाली नहीं है।


    सिंहों के इस जोड़े को बिलासपुर के कानन पेंडारी चिड़ियाघर से जनवरी में लाया गया था। दोनों सिंहों को 10 गुणा 10 के कमरे में रखा गया था। इन्हें 21 दिन तक रखा जाता है, इस दौरान वह वातावरण के अनुकूल खुद को ढाल लेते हैं। इन सिंहों को लाने की वजह वन विहार में लॉयन सफारी शुरू करना है।


    नंदी थोड़ी चिड़चिड़ी थी, सत्या ने अच्छे से किया


    वन अधिकारियों ने बताया कि मादा सिंह नंदी थोड़ी चिड़चिड़ी हो गई थी। शुरूआत में ज्यादातर समय नंदी कमरे में ही बैठी रहती थी, नए वातावरण से सामंजस्य बैठाने के लिए बार-बार गुर्राती थी। लेकिन, बाद में नंदी ने खुद को वन विहार के अनुकूल बना लिया है। वहीं, सिंह सत्या ने पहले दिन से अपनी क्रॉल को चेक करने के बाद अपनी टेरेटरी मार्क कर दी थी और उसे


    वातावरण के साथ सामंजस्य बिठाने में परेशानी नहीं आई।


    वन विहार की डायरेक्टर कमालिका मोहंता ने बताया कि वन मंत्री उमंग सिंघार की महत्वाकांक्षी योजना लायन ब्रीडिंग और लायन सफारी पर काम शुरू किया जा रहा है। जल्दी ही लोग वन विहार में लायन सफारी का आनंद मिलेगा।




मध्य प्रदेश / होली बाद 16 मार्च से बजट सत्र शुरू हो सकता है, 15 से 20 बैठक होने की संभावना


  • बजट को मार्च में पारित करना है, इसलिए 31 मार्च के पहले बजट संबंधी सारे कार्य निपटा लिए जाएंगे

  • बजट सत्र के मद्देनजर संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से बजट का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा हैभोपाल. विधानसभा का बजट सत्र इस बार होली के बाद होने की संभावना है। मार्च से शुरू होकर अप्रैल तक सत्र चलने के आसार हैं। होली 10 मार्च को है और उस हफ्ते के बाद ही सत्र होना संभावित है। सूत्रों के अनुसार, 16 मार्च से सत्र शुरू हो सकता है। बजट को मार्च में पारित करना है, इसलिए 31 मार्च के पहले बजट संबंधी सारे कार्य निपटा लिए जाएंगे। अन्य विधेयक व कार्यों के लिए अप्रैल तक बैठकें हो सकती हैं। पूरे सत्र में 15 से 20 बैठकें हो सकती हैं। अमूमन बजट सत्र फरवरी में शुरू हो जाता है।

    जानकारी के अनुसार, बजट सत्र के मद्देनजर संसदीय कार्य विभाग के माध्यम से बजट का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। 16 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र के पहले दिन की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद 20 मार्च को बजट पेश किए जाने की संभावना है। संभावना जताई जा रही है कि 23 मार्च से 30 मार्च तक चर्चा करने के बाद बजट पास किया जा सकता है।



    आमतौर पर विधानसभा का बजट सत्र फरवरी के अंतिम सप्ताह से शुरू होता है और मार्च में समाप्त होता है। 2006, 2007 तथा 2011 में अपवाद रहा है तब बजट सत्र अप्रैल तक चला। 2006-2007 में तो मार्च-अप्रैल में सत्र चला, लेकिन 2011 में तो फरवरी से बजट सत्र शुरू होकर अप्रैल तक आयोजित किया गया था।




पहल / कपड़े की थैली पर छपवाया बेटे की शादी का निमंत्रण कार्ड, रूमाल पर समारोह की पूरी जानकारी


  • नेपा मिल से सेवानिवृत्त प्रबंधक परियोजना ने पर्यावरण संरक्षण के लिए की सार्थक पहल

  • 2015 में बेटी की शादी में भी थैलियाें पर छपवाया था निमंत्रण, बोले- कागज की बचत होगी

    नेपानगर. पर्यावरण प्रेमी और हाल ही में नेपा लिमिटेड के प्रबंधक परियोजना पद से सेवानिवृत्त हुए विजय कुमार शाह ने बेटे की शादी का अनूठा निमंत्रण कार्ड छपवाया है। आमजन को प्लास्टिक और कागज का कम उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उन्होंने निमंत्रण कार्ड काॅटन की थैली पर छपवाया है। जबकि विवाह समारोह का विवरण थैली के अंदर रखे कॉटन के रूमाल पर छपवाया है। इससे कागज की बचत होगी, वहीं वाशेबल इंक होने से दो-तीन बार धुलने पर यह रूमाल लोगों के काम भी आएगा।


    विजय कुमार शाह ने बताया कि बेटे अपेक्षित की 12 फरवरी को शादी है। इसके लिए ऐसी एक हजार पत्रिकाएं छपवाई हैं। कॉटन की थैली पर विवाह निमंत्रण, शुभ विवाह लिखा है। थैली के अंदर रूमाल पर विवाह समारोह का पूरा विवरण है। नीचे प्लास्टिक और कागज का उपयोग कम करने और अधिक से अधिक पौधरोपण करने की अपील की गई है। विजय शाह के अनुसार, आमजन में प्लास्टिक का उपयोग खत्म करने के लिए ऐसे प्रयास बहुत जरूरी है। वर्तमान समय में सरकार भी पेपरलेस वर्क पर जाेर दे रही है। इससे हमारा पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।


    नहीं फैलेगा कचरा, काम आएंगे थैली और रूमाल
    आमतौर पर शादी का निमंत्रण कार्ड कागज पर छपता है। शादी के बाद में इन्हें फेंक दिया जाता है। इससे कचरा फैलता है। लेकिन, इस विवाह पत्रिका में निमंत्रण पाने वाले को कॉटन की थैली और रूमाल दिया जा रहा है। ये दोनों चीजें बाद में उनके काम आएंगी।


    2015 में बेटी की शादी में बांटी थी थैलियां, पेड़ लगाने का किया था आह्वान
    विजयकुमार शाह ने 2015 में बेटी प्राची शाह की शादी में कपड़े की थैलियां छपवाई थीं। इनको तत्कालीन सीएमडी एएन सोनसले ने सभी को वितरीत किया था। इसकी काफी सराहना की गई थी। इस पत्रिका में आमजन से निवेदन किया गया था कि अपने घर, मोहल्ले, गांव-नगर और देश को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाएं। इसके लिए पौधारोपण अवश्य करें। कम से कम एक जरूरतमंद विद्यार्थी की शिक्षा में योगदान भी दें।




इंदौर / एसबीआई के एटीएम से 14 लाख रुपए चोरी, ड्रिल से डिजिटल लॉक खोलकर सेंध लगाई


  • परदेशीपुरा क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक काॅम्प्लेक्स स्थित एसबीआई के एटीएम में हुई चोरी

  • चोरों ने पहले सीसीटीवी कैमरे के तार को निकाला, फिर लॉक तोड़कर रुपए ले गए




    इंदौर. परदेशीपुरा क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक काॅम्प्लेक्स स्थित एटीएम से करीब 14 लाख की चाेरी का मामला सामने आया है। चाेराें ने एमटीएम के डिजिटल लाॅक काे ड्रिल मशीन की मदद से खोला और रुपए लेकर फरार हो गए। सूचना मिलने पर एएसपी प्रशांत चौबे के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस के अनुसार, घटना काे देखकर लगा रहा है कि एटीएम से अच्छी तरह से वाकिफ व्यक्ति ने वारदात काे अंजाम दिया है।


    एएसपी प्रशांत चौबे के अनुसार, चोरी की वारदात परदेसीपुरा थाना क्षेत्र के इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स के पास स्थित एसबीआई के एटीएम में शुक्रवार देर रात हुई। रुपए नहीं निकलने की शिकायत पर होल्डिंग कंपनी का कर्मचारी एटीएम ठीक करने पहुंचा तो घटना का पता चला। इसके बाद उसने अपने सीनियर और पुलिस को सूचना दी। चाैबे के अनुसार कल ही एटीएम में रुपए लोड किए गए थे। रात में चोरों ने पहले लॉक खोलकर सीसीटीवी कैमरे के तार को निकाला। इसके बाद एटीएम में लबे लाॅक को ओपन किया और डिजिटल लॉक को ड्रिल की मदद से खोलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया। खास बात यह है कि यह ड्रिल मशीन अलग प्रकार की होती है, जो एटीएम का काम देखने वालों के पास होती है। एटीएम में उस समय ना गार्ड था, ना तो सीसीटीवी कैमरे चालू थे। चौबे के अनुसार, पूर्व में भी इस एटीएम में इस प्रकार की घटना हुई थी, तब पुलिस ने एटीएम के रखरखाव का जिम्मा संभालने वाली कंपनी के कर्मचारी को गिरफ्तार किया था।



    एटीएम खराब की सूचना के बाद उसे ठीक करने पहुंचा था कर्मचारी
    होल्डिंग कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि हमें कॉल सेंटर से सूचना मिली थी कि उक्त स्थान स्थित एटीएम खराब है। इसके बाद मैं एटीएम को दुरुस्त करने पहुंचा देखा कि मशीन बंद थी और गेट खुला हुआ था। इसके बाद मैंने एटीएम खोलने के लिए चाबी लगाई तो पूरी बॉडी खुल गई। इस पर मैंने तत्काल अपने सीनियर को इसके बारे में जानकारी दी। शुक्रवार को एटीएम में 15 लाख 35 हजार रुपए थे। इसमें चोरी के पहले बैलेंस 13 लाख 83 हजार रुपए था, जो








मध्य प्रदेश / बैतूल के पूर्व भाजपा विधायक भगवत पटेल का निधन, रविवार को होगा अंतिम संस्कार

रविवार दोपहर भगवत पटेल की अंत्येष्टि उनके गांव चुड़िया में की जाएगी


बैतूल। बैतूल के पूर्व भाजपा विधायक भगवत पटेल का शनिवार दोपहर लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। उनकी अंत्येष्टि रविवार को उनके गांव चुड़िया में की जाएगी। ये जानकारी भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर दी है।भगवत पटेल 1990 ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। लेकिन, दिसंबर 1992 में राष्ट्रपति द्वारा विधानसभा भंग किए जाने के कारण वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे।


मध्य प्रदेश / विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड; पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी किया


  • माखनलाल जाटव की 2009 में चुनाव प्रचार के दौरान भिंड में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी

  • जमानती वारंट पर पेश नहीं होने पर आर्य के खिलाफ कोर्ट ने 7वीं बार में गिरफ्तारी वारंट जारी किया थाभोपाल. 11 साल पुराने बहुचर्चित कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव हत्याकांड मामले में आरोपी पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को भोपाल की विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। जाटव की भिंड जिले की गोहद तहसील के छिरैंटा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वह लोकसभा चुनाव का प्रचार कर रहे थे।

    हत्याकांड में पुलिस ने सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह की रिपोर्ट पर आरोपी नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा, रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया था। स्पेशल कोर्ट ने पहले 19 मई को आर्य को हत्याकांड में आरोपी बनाया, लेकिन वह हाईकोर्ट गए तो वहां स्पेशल कोर्ट का फैसला निरस्त हो गया। इस दौरान मंत्री आर्य ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने भिंड कोर्ट के फैसले को सही माना।


    स्पेशल कोर्ट ने लाल सिंह को आरोपी बनाया था
    भिंड की स्पेशल कोर्ट ने 24 अगस्त को तत्कालीन राज्यमंत्री लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाते हुए 25 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया था। जाटव के बेटे रणवीर सिंह ने विशेष अदालत में आवेदन दिया था कि उनके पिता की हत्या के मामले में मंत्री आर्य को


    आरोपी बनाया जाए, क्योंकि मंत्री ने अपने चार लोगों के साथ छिरैंटा में मौजूद रहकर 13 अप्रैल 2009 की रात 8 बजे पिता की हत्या करवाई थी।


    कोर्ट ने लाल सिंह खिलाफ 6बार जमानती वारंट जारी किया था
    विशेष अदालत ने मामले में लाल सिंह आर्य को सम्मन जारी किया था। हत्या के मामले में कोर्ट में 6 बार जमानती वारंट पर पेश नहीं होने पर मंत्री लाल सिंह आर्य के खिलाफ 7वीं बार में कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद 5 अप्रैल को लाल सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। हालांकि कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। उन्हें एक लाख के मुचलके पर रिहा किया गया था।


    सुरक्षा गार्ड ने कहा- अंधेरे में किसी को नहीं देख पाया
    स्पेशल कोर्ट में अरविंद जाटव, श्रीपाल सिंह के अलावा हत्या के समय विधायक माखनलाल जाटव के साथ गाड़ी में मौजूद रहे सुरक्षा गार्ड एएसआई बालकृष्ण ढोंगरा के बयान भी हुए थे। कोर्ट में ढोंगरा ने कहा था कि उन्होंने वारदात के समय गोली चलने की आवाज तो सुनी थी, लेकिन अंधेरा होने से किसी को पहचान नहीं पाया।13 अप्रैल 2009: आर्य ने कहा था- माखनलाल को मारो, बचने न पाए
    "छरैंटा गांव में विधायक जाटव चुनाव प्रचार के दौरान अपनी गाड़ी में बैठकर लोगों से मिल रहे थे। उसी वक्त लाल सिंह आर्य हथियारों से लैस साथियों के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा- माखनलाल को मारो। बचने न पाए। इसके बाद ही उनके दो साथियों ने गोली चलाई। घायल जाटव को ग्वालियर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।" -जाटव के बेटे रणवीर के वकील ने जैसा कोर्ट में कहा था...




मप्र / आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद सनातन धर्म को बिगाड़ने का कार्य कर रहे, अयोध्या में रामभक्त करें मंदिर निर्माण : स्वरूपानंद


  • स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते हैं

  • भगवान शिव ने जिस स्वरूप के दर्शन भगवान राम के किए थे, उसी रामलला की प्रतिमा स्थापित होना चाहिएनरसिंहपुर। ज्योतिष एवं द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए आज कहा कि केन्द्र सरकार मंदिर नहीं बना सकती, इसका निर्माण केवल राम भक्त ही कर सकते हैं। विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) को सनातन धर्म को बिगाड़ने का कार्य कर रहे हैं। ये बात स्वामी स्वरूपानंद ने शनिवार को नरसिंहपुर जिले के झोंतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही।

    स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि ट्रस्ट में सरकारी व्यक्ति शामिल हैं और सरकारी व्यक्ति मंदिर नहीं बना सकते हैं। ट्रस्ट में किसी को रखने पर कोई आपत्ति नहीं है, उन्हें तो ट्रस्ट बनाने पर ही आपत्ति है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के स्वरूप का खुलासा होना चाहिए, किस तरह का मंदिर बना रहे है। उन्होने कहा कि भगवान शिव ने जिस स्वरूप के दर्शन भगवान राम के किए थे, उसी रामलला की प्रतिमा स्थापित होना चाहिए।


    उन्होंने कहां कि यदि अध्योध्या में भगवान राम का मंदिर सनातन धर्म के अनुरूप निर्मित कराया जाता है, तो वह आम भक्तों की तरह दर्शन करने के लिए अवश्य जाएंगे। उनका कहना है कि यहां पर भव्य मंदिर रामलला का बनना चाहिए क्योंकि उच्चतम न्यायालय में रामलला की जीत हुई है। सरकार की जीत नही हुई है। इसलिए रामलला का भव्य मंदिर रामजन्मभूमि अध्योया में भक्तों के सहयोग से बनना चाहिए।




Thursday, 6 February 2020

महाभियोग / 49 दिन चली प्रक्रिया के बाद ट्रम्प सभी आरोपों से बरी, इस संकट से बच निकलने वाले तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति


  • ट्रम्प पर दो आरोप लगाए गए थे- पहला- सत्ता का दुरुपयोग, दूसरा- कांग्रेस के काम में रुकावट डालना

  • सीनेट में हुई वोटिंग में पहले आरोप पर समर्थन में 52, विरोध में 48 वोट पड़े, दूसरे आरोप पर 53-47 से जीत मिली

    वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प महाभियोग के सभी आरोपों से बरी हो गए। उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने और कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के काम में रुकावट डालने का आरोप था। सीनेट में रिपब्लिकंस (ट्रम्प की पार्टी) का बहुमत है। लिहाजा सत्ता के दुरुपयोग के आरोप पर ट्रम्प को 52-48 और कांग्रेस के काम में रुकावट डालने के आरोप पर 53-47 वोट मिले। महाभियोग के संकट से निकलने वाले ट्रम्प अमेरिकी इतिहास के तीसरे राष्ट्रपति हैं।


    उटाह से सीनेटर मिट रोमनी अकेले रिपब्लिकन रहे, जिन्होंने ट्रम्प के खिलाफ (सत्ता के दुरुपयोग के समर्थन में) वोट किया। हालांकि, रोमनी ने कांग्रेस के काम में बाधा डालने के आरोप में ट्रम्प के समर्थन में वोट दिया।


    ‘ट्रम्प आरोपमुक्त हुए’
    सीनेट से बरी होने के बाद व्हाइट हाउस की प्रवक्ता स्टेफनी ग्रीशम ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प को सारे आरोपों से मुक्ति मिल गई है। यह एक तरह से उनकी पुनर्स्थापना जैसा है। डेमोक्रेट्स का शर्मनाक बर्ताव अब बीते दिनों की बात हो गई है।’’ ग्रीशम ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि क्या उनके (डेमोक्रेट्स) खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?


    डेमोक्रेट लाए थे महाभियोग प्रस्ताव


    18 दिसंबर को निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्ज में ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। आरोप था कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की पर 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए दबाव बनाया। बिडेन के बेटे यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी में बड़े अधिकारी हैं। यह भी आरोप था कि ट्रम्प ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोक दिया था।


    तीन सदी में 3 राष्ट्रपतियों पर महाभियोग
    अमेरिका के 243 सालों के इतिहास में यह तीसरा मौका था, जब किसी राष्ट्रपति पर महाभियोग की कार्रवाई हुई। 19वीं सदी में एंड्रयू जॉनसन, 20वीं सदी में बिल क्लिंटन पर महाभियोग चला। 21वीं सदी ट्रम्प पर महाभियोग की कार्रवाई हुई। इससे पूर्व जिन दोनों राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चला, वो उनके दूसरे कार्यकाल में चला, जबकि ट्रम्प पर उनके पहले ही कार्यकाल में महाभियोग लाया गया।


    ट्रम्प से पहले दो राष्ट्रपतियों पर महाभियोग क्यों चला


    17वें राष्ट्रपति डेमोक्रेटिक पार्टी के जॉनसन के खिलाफ अपराध और दुराचार के आरोपों में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पास हुआ था। सीनेट में जॉनसन के पक्ष में वोटिंग हुई और वे राष्ट्रपति पद से हटने से बच गए। ऐसे ही 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को ज्यूरी के सामने झूठी गवाही देने और न्याय में बाधा डालने के मामले में महाभियोग का सामना करना पड़ा था।


    1974 में राष्ट्रपति निक्सन पर अपने एक विरोधी की जासूसी करने का आरोप लगा था, लेकिन महाभियोग से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। क्योंकि उन्हें पता था कि सीनेट में मामला जाने पर इस्तीफा देना पड़ेगा।




इंग्लैंड / 7.2 करोड़ रु में खरीदे गए जोफ्रा आर्चर चोट के कारण आईपीएल से बाहर, श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज भी नहीं खेलेंगे


  • इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने कहा- स्कैन के दौरान कोहनी में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई

  • आईपीएल का पहला मैच 29 मार्च को, इंग्लैंड की टीम अगले महीने श्रीलंका जाएगी

    लंदन. राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर आईपीएल के 13वें सीजन में चोट के कारण नहीं खेलेंगे। गुरुवार को यह जानकारी इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने दी। आर्चर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार टेस्ट की सीरीज के पहले मैच में चोटिल हुए थे। उनकी दाहिने कोहनी में चोट लगी थी। आर्चर इंग्लैंड के साथ दो टेस्ट की सीरीज खेलने अगले महीने श्रीलंका भी नहीं जाएंगे। वहीं, आईपीएल का पहला मैच 29 मार्च को खेला जाएगा।


    आर्चर को राजस्थान ने 2018 में नीलामी के दौरान 7.2 करोड़ रुपए में खरीदा था। ईसीबी ने कहा, "‘आर्चर ने बुधवार को ब्रिटेन में दाहिने कोहनी का स्कैन करवाया। स्कैन में ही फ्रैक्चर की पुष्टि हुई। अब वे ईसीबी मेडिकल टीम के साथ रिहैबलिटेशन की शुरुआत करेंगे।’’




कोरोनावायरस / संक्रमण के इलाज की अमेरिकी दवा पर चीन ने पेटेंट मांगा, दोनों देशों में ट्रेड वॉर गहराने के आसार


  • थाईलैंड में कोरोनावायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति पूरी तरह ठीक, अस्पताल से छुट्टी मिली

  • चीन से अब तक केरल में 2528 लोग आए, राज्य में 2435 की घरों में और 93 की अस्पतालों में निगरानी

    बीजिंग/नई दिल्ली. कोरोनावायरस की नई दवा को लेकर अमेरिका और चीन के बीच फिर से ट्रेड वॉर गहराने की आशंका नजर आ रही है। अमेरिकी कंपनी गिलियड साइंस ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए एक दवा बनाई है और इसके पेटेंट के लिए आवेदन दिया है। जबकि चीन चाहता है कि पेटेंट का अधिकार उसे मिले। चीन सरकार की वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने पेटेंट की बात स्वीकार करते हुए यह माना है कि इस प्रक्रिया में बौद्धिक संपदा कानून की बाधा है। लेकिन, यह संस्थान राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए काम करता है।


    भारत ने चीनी पासपोर्ट पर जारी सभी वीजा (5 फरवरी से पहले जारी) सस्पेंड कर दिए हैं। इमिग्रेशन अधिकारी ने बताया कि कोई भी विदेशी जो 15 जनवरी तक चीन गया था उसे फिलहाल भारत नहीं आने दिया जाएगा। सड़क मार्ग पर भी यह रोक लागू होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हॉन्गकॉन्ग, मकाऊ और ताइवान के चीनी पासपोर्ट धारकों के लिए यात्रा पर यह प्रतिबंध लागू नहीं है। दुनियाभर में 565 लोगों की मौत हो चुकी है। 28,292 मामले सामने आ चुके हैं। चीन में 563 और हॉन्गकॉन्ग-फिलीपींस में भी


    1-1 युवक की मौत हुई है।


    हुबेई में बुधवार को 70 की मौत


    चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने गुरुवार को कहा- हुबेई प्रांत में बुधवार को 70 लोगों की मौत दर्ज की गई। चीन में 28,035 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, थाईलैंड में कोरोनावायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति पूरी तरह ठीक हो गया है। उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 21 देशों से बीजिंग को महामारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डोनेशन मिला है। वुहान में 11 प्रमुख स्थानों को अस्थायी अस्पताल में बदल दिया गया है। इनमें स्पोर्ट्स सेंटर, जिम और एग्जिबिशन सेंटर भी शामिल हैं। प्रशासन का कहना है कि इससे 10,000 बिस्तरों की व्यवस्था हो गई है। वुहान में स्थिति इतनी गंभीर है कि 30 घंटे पहले जन्मे बच्चे को भी वायरस ने चपेट में लिया है। इससे पहले बच्चे की मां भी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाई गई थी।




श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट / महंत कमल नयन का दावा: नृत्य गोपाल दास होंगे ट्रस्ट के अध्यक्ष, चंपत राय सचिव; शाह ने आश्वासन दिया


  • ट्रस्ट में महंत नृत्यगोपाल दास का नाम न होने पर संतों ने नाराजगी जताई

  • संतों ने मणिराम दास छावनी में बैठक बुलाई थी, जो गृहमंत्री के आश्वासन पर रद्द की गई

    अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सचिव चंपत राय होंगे। यह दावा महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को फोन पर उन्हें यह आश्वासन दिया है। शाह ने कहा- बाबरी ढांचा विध्वंस केस में फैसला आने के बाद इसकी घोषणा की जाएगी। कानूनी बाधा के चलते महंत नृत्य गोपाल दास और विहिप नेता चंपत राय के ट्रस्ट में शामिल होने की घोषणा नहीं की गई है। दोनों पर विवादित ढांचा गिराने के मामले में केस चल रहा है।


    दरअसल, राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया। इसमें पूर्व अयोध्या राजघराने के विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा समेत 15 ट्रस्टी शामिल हैं। लेकिन, ट्रस्ट में श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का नाम नहीं था। इस पर संतों ने नाराजगी जताते हुए अयोध्या के मणिराम दास छावनी में बैठक बुलाई थी, जिसे शाह के आश्वासन के बाद रद्द कर दिया गया।


    ट्रस्ट में संत-महंतों का अपमान किया गया: महंत


    अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सचिव चंपत राय होंगे। यह दावा महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को फोन पर उन्हें यह आश्वासन दिया है। शाह ने कहा- बाबरी ढांचा विध्वंस केस में फैसला आने के बाद इसकी घोषणा की जाएगी। कानूनी बाधा के चलते महंत नृत्य गोपाल दास और विहिप नेता चंपत राय के ट्रस्ट में शामिल होने की घोषणा नहीं की गई है। दोनों पर विवादित ढांचा गिराने के मामले में केस चल रहा है।


    इससे पहले राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास ने कहा था- ट्रस्ट के माध्यम से संत-महंतों का अपमान किया गया है। जिन्होंने पूरे जीवन की कुर्बानी दी है। उनका ट्रस्ट में कहीं कोई नामोनिशान नहीं है। महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी कमल नयन दास ने कहा था- हम इस ट्रस्ट को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इस ट्रस्ट में वैष्णव समाज के संतों का अपमान किया गया है। जो राम मंदिर आंदोलन के लिए लगे रहे और कुर्बानी दी, उनको ट्रस्ट से दूर रखा गया है।


    विमलेंद्र मोहन के नाम पर थी आपत्ति
    कमल नयन ने गृहमंत्री अमित शाह से नाराजगी जताते हुए कहा था- ट्रस्ट में पूर्व अयोध्या राजपरिवार के विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा को शामिल किया है। जबकि, वे राजनीतिक व्यक्ति हैं। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े हैं। राम जन्मभूमि आंदोलन से इनका कोई वास्ता नहीं है। पूरे देश में संत समाज इसका विरोध करेगा। राम मंदिर आंदोलन के समय कानून बना था- राम नंदी वैष्णव ही राम जन्मभूमि का अध्यक्ष होगा।


    अनशन पर बैठे परमहंस दास
    राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट का संरक्षक और परमाध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर अयोध्या की तपस्वी छावनी से निष्कासित महंत परमहंस दास अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने अन्न व जल सब त्याग दिया है। परमहंस दास यूपी के चंदौली में बुधवार से ही अनशन शुरू किया है।




डिफेंस एक्सपो / 23 एमओयू से यूपी में खुलेगी 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश की राह; भारत-मेडागास्कर की बैठक में उठा समुद्री सुरक्षा का मुद्दा


  • डिफेंस एक्सपो के दूसरे दिन रक्षामंत्रियों के बीच हुई बैठक में राजनाथ ने कहा- दोनों देशों के बीच और मजबूती आएगी

  • पूर्वी अफ्रीकी देश मेडागास्कर के रक्षामंत्री लेफ्टिनेंट जनरल रोकोटोनिरीना रिचर्ड ने कहा- समुद्री सुरक्षा में भारत की बड़ी भूमिका

    लखनऊ. डिफेंस एक्सपो में सजे रक्षा बाजार में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अलग-अलग कम्पनियों से 23 एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इससे 50 हजार करोड़ रुपए के निवेश की राह खुलेगी। सरकार की योजना सफल हुई तो 3 लाख से अधिक नौकरियों के सृजित होंगी। वहीं, पूर्वी अफ्रीकी देश मेडागास्कर और भारत के रक्षामंत्रियों की बैठक में समुद्री सुरक्षा का खाका खींचा गया।


    यूपी के बुंदेलखंड में बनना है डिफेंस कॉरिडोर


    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के बुंदेलखंड में डिफेंस कॉरिडोर बनाने के लिए काम कर रहे हैं। यूपी इन्वेस्टर्स समिट के दौरान पीएम मोदी ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर स्थापित करने की घोषणा की थी। इस कॉरिडोर में हथियार और रक्षा उपकरणों के कारखाने स्थापित किए जाएंगे। इससे करीब 2.5 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। पहले चरण में बुंदेलखंड के चित्रकूट, जालौन, झांसी और अलीगढ़ में कॉरिडोर का काम शुरू किया जाएगा। यह कॉरिडोर भारत सरकार के मेक इन इंडिया प्रॉजेक्ट के तहत बनाया जाएगा। यहां ड्रोन, वायुयान और हेलीकॉप्टर असेंबलिंग सेंटर, डिफेंस पार्क, बुलेट प्रूफ जैकेट, रक्षा के क्षेत्र में आर्टिफिशल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने के उपकरण, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, डिफेंस इनोवेटिव हब आदि होंगे।


    दोनों देशों के रक्षामंत्रियों की हुई बातचीत


    मेडागास्कर के रक्षामंत्री लेफ्टिनेंट जनरल रोकोटोनिरीना रिचर्ड ने कहा कि भारतीय महासागर के समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ाने में भारत की बड़ी भूमिका है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग में संबंधों को बढ़ाने पर जोर दिया। कहा, ''समुद्री पड़ोसियों के रूप में दोनों देशों की जिम्मेदारी है। वे सुरक्षित समुद्री वातावरण सुनिश्चित करें ताकि व्यापार और वाणिज्य का विकास हो सके। मार्च 2018 में मेडागास्कर में भारत के राष्ट्रपति की राजकीय यात्रा को रेखांकित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक यात्रा से दोनों देशों के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों में और मजबूती आई।''


    दोनों देशों के बीच हुआ एमओयू संबंधेां को और मजबूती प्रदान करेगा- राजनाथ
    उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) से दोनों देशों को रक्षा सहयोग के लिए समर्थकारी ढांचा मिला। रक्षामंत्री ने कहा कि डिफेंस एकस्पो 2020 दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने और आपसी व्यवसाय के विभिन्न क्षेत्रों का अन्वेषण करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।


    मेडागास्कर के रक्षामंत्री लेफ्टिनेंट जनरल रोकोटोनिरीना रिचर्ड ने कहा कि भारतीय महासागर के समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा को बढ़ाने में भारत की बड़ी भूमिका है। उन्होंने ‘ऑपरेशन वेनिला’के लिए अपनी सरकार की ओर से आभार व्यक्त किया, जिसमें भारतीय नौसेना ने साइक्लोन डयाने की वजह से मेडागास्कर के बाद की तबाही से प्रभावित आबादी को सहायता प्रदान की।


    मरीन कमांडो फोर्स ने दिखाई अपनी ताकत


    दुनिया के घातक कमांडो में शामिल भारतीय नौसेना के मार्कोस (मरीन कमांडो फोर्स) ने लखनऊ में पहली बार अपनी प्रस्तुति दी। गुरुवार को डिफेंस एक्सपो में वाटर स्कूटर, खास ड्रेस व हाईटेक हथियारों से लैस इन कमांडो ने समुद्री लुटेरों से निपटने और आतंकी हमले को नाकाम करने का अपना हुनर दिखाया। गोमती रिवर फ्रंट के ऊपर मार्कोस कमांडो भारतीय सेना के हेलीकॉप्टर से नीचे उतरे और आतंकी हमले को नाकाम करने का डेमो दिखाया।




अयोध्या / अधिकारी ने कहा- ट्रस्ट बिना किसी शर्त के किसी भी रूप में कोई दान ले सकता है; राम जन्मभूमि न्यास ने कहा- रामनवमी से शुरू हो सकता है काम


  • शिवसेना ने सामना में लिखा- दिल्ली चुनाव से पहले मंदिर ट्रस्ट का ऐलान करना राजनीति

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी

    नई दिल्ली. लोकसभा में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन की घोषणा के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने इसके लिए एक रुपए का चंदा दिया है। यह ट्रस्ट को मिला पहला दान है। केंद्र सरकार की तरफ से गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी डी. मुर्मू ने यह चंदा दिया। अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत, बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान ले सकता है। इसी बीच, राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमल नयन दास ने कहा- इस साल रामनवमी से मंदिर निर्माण का काम शुरू हो सकता है।


    इधर, राम जन्मभूमि न्यास के मुख्य ट्रस्टी महंत नृत्य गोपाल दास को नए ट्रस्ट में जगह न दिए जाने पर त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा- उन्हें शायद इसलिए जगह नहीं मिली, क्योंकि वह और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय बाबरी मस्जिद ढहाने के केस में आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पांडे को राम जन्मभूमि की डिक्री दी गई है। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि मार्च में यह मामला खत्म हो जाने के बाद गोपाल दास को नए ट्रस्ट में शामिल कर लिया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी गुरुवार को जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करने की बात कही है। उन्होंने हिंदुओं से मंदिर निर्माण के लिए 25 मार्च से 8 अप्रैल


    के बीच सामूहिक जुलूस निकालने का आग्रह किया है।


    दिल्ली चुनाव से पहले राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान राजनीति : शिवसेना
    उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के ऐलान के एक दिन बाद शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए उन पर निशाना साधा। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने गुरुवार को लिखा दिल्ली चुनाव से पहले मंदिर निर्माण के ट्रस्ट का ऐलान करना राजनीति से प्रेरित है। मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से चार दिन पहले 'जय श्री राम' का नारा दिया। श्रीराम की मदद से अगर दो-चार सीटें बढ़ गईं तो खुश होंगे। इसमें लिखा गया है, उम्मीद थी कि राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीति नहीं की जाएगी, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसकी नींव रख दी गई है और 2024 लोकसभा चुनाव के मौके पर इसे पूरा किया जाएगा।


    प्रधानमंत्री ने लोकसभा में ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था
    इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के. पाराशरण को 15 सदस्यीय ट्रस्ट को ट्रस्टी बनाया गया है। उनके अलावा एक शंकराचार्य समेत 5 धर्मगुरु ट्रस्ट में शामिल हैं। अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को भी ट्रस्टी बनाया गया।शुरू में तो राम मंदिर ट्रस्ट हिंदू पक्ष की तरफ से पैरवी करने वाले वकील के.पाराशरण के दिल्ली स्थित घर से काम करेगा। लेकिन बाद में स्थायी कार्यालय से इसका कामकाज चलेगा। इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से फैसला लेने का अधिकार होगा।




आरबीआई / रेपो रेट लगातार दूसरी बार 5.15% पर स्थिर; 2020-21 में 6% जीडीपी ग्रोथ का अनुमान


  • आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया

  • रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है, इसमें कमी होने से लोन सस्ते होते हैं

  • आरबीआई ने 2020-21 की पहली छमाही के महंगाई दर अनुमान में 0.30% का इजाफा किया

    मुंबई. आरबीआई ने इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया। इसे 5.15% पर बरकरार रखा है। खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी और भविष्य में अनिश्चितता को देखते हुए आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरें स्थिर रखने के पक्ष में वोट दिया। तीन दिन की बैठक के बाद आरबीआई ने गुरुवार को फैसलों का ऐलान किया। रेपो रेट के अलावा अन्य दरें भी स्थिर रखी हैं। रिवर्स रेपो रेट 4.90% पर बरकरार रखा है। दिसंबर की बैठक में भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। इससे पहले लगातार 5 बार कटौती करते हुए रेपो रेट में 1.35% कमी की थी। आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी ग्रोथ 6% रहने का अनुमान जारी किया है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) में 5% ग्रोथ का पिछला अनुमान ही बरकरार रखा है।


    अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर का अनुमान 0.30% बढ़ाया





















    अवधिमहंगाई दर अनुमान
    जनवरी-मार्च 20206.5%
    अप्रैल-सितंबर 20205.4%-5% (पिछला अनुमान 5.1%-4.7% था)
    अक्टूबर-दिसंबर 20203.2%

    अकोमोडेटिव आउटलुक बरकरार


    कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए दूध और दाल जैसी वस्तुओं के रेट बढ़ सकते हैं। इसे ध्यान में रखकर आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान बढ़ाया है। हालांकि, दिसंबर के उच्च स्तर (7.35%) से नीचे आने की उम्मीद जताई है। आरबीआई ने कहा कि चालू तिमाही में नई फसल आने से प्याज की कीमतें घटने के आसार हैं।आरबीआई नीतियां बनाते समय खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है। मध्यम अवधि में आरबीआई का लक्ष्य रहता है कि खुदरा महंगाई दर 4% पर रहे। इसमें 2% की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन, दिसंबर में यह 6% की अधिकतम रेंज से भी ऊपर पहुंच गई। आरबीआई ने मौद्रिक नीति को लेकर इस बार भी अकोमोडेटिव नजरिया बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि रेपो रेट में आगे कटौती संभव है।


    आर्थिक विकास दर बढ़ाने के लिए 3 फैसले
    1. बैंकों को ज्यादा कर्ज बांटने की छूट : बैंकों को अपनी कुल जमा राशि का 4% हिस्सा आरबीआई के पास रखना होता है। इसे कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) कहा जाता है। आरबीआई ने कहा है कि बैंक छोटे-मध्यम उद्योगों, ऑटो और होम लोन सेगमेंट में कर्ज की रकम बढ़ाते हैं तो बढ़ाई हुई रकम को घटाकर सीआरआर की गणना कर सकते हैं। यह छूट 31 जुलाई 2020 तक रहेगी।


    2. छोटे-मध्यम उद्योगों के कर्ज की रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम की डेडलाइन 9 महीने बढ़ाई : आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सरकार के सुझावों के मुताबिक छोटे और मध्यम कारोबारियों के कर्ज की वन टाइम रिस्ट्रक्चरिंग की समय सीमा मार्च 2020 से बढ़ाकर दिसंबर 2020 तक करने का फैसला लिया गया है।


    3. रिएल एस्टेट सेक्टर को राहत : कमर्शियल रिएलिटी लोन वाले प्रोजेक्ट शुरू करने में देरी की वजह वाजिब हुई तो उन कर्जों को डाउनग्रेड नहीं किया जाएगा। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए संशोधित नियमों का ड्राफ्ट 29 फरवरी तक जारी किया जाएगा।


    छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में सामंजस्य की जरूरत


    दास ने कहा कि ब्याज दरों को रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जोड़ने से लोगों को मौद्रिक नीति का ज्यादा फायदा मिल रहा है। छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में सामंजस्य की जरूरत है। आरबीआई की पॉलिसी से कुछ दिन पहले ऐसी रिपोर्ट आई थी कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी कर सकती है।


    ग्रोथ बढ़ाने के लिए ब्याज दरों के अलावा दूसरे उपाय भी हैं: आरबीआई गवर्नर
    जीडीपी ग्रोथ में कमी को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि आरबीआई प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में कटौती करे। ताकि कर्ज सस्ते हों तो मांग बढ़े और आर्थिक विकास दर में तेजी आए। आरबीआई ने पिछले साल लगातार 5 बार रेपो रेट घटाया भी था, लेकिन खुदरा महंगाई दर में इजाफे को देखते हुए लगातार दूसरी बार रेपो रेट स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों के अलावा दूसरे तरीके भी हैं। ग्रोथ बढ़ाने के लिए जब तक जरूरी होगा तब तक अकोमोडेटिव आउटलुक रखा जाएगा।


    कोरोनावायरस के असर से निपटने के लिए आकस्मिक योजना जरूरी
    आरबीआई गवर्नर ने सरकार को सुझाव दिया है कि अर्थव्यवस्था पर कोरोनावायरस के संभावित असर को देखते आकस्मिक योजना तैयार कर लेनी चाहिए। वायरस का संक्रमण फैलने की वजह से पर्यटकों की आवाजाही और अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रभावित होगा। इसकी वजह से जनवरी के आखिर में शेयर बाजारों में बिकवाली हुई और कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई थी।




लोकसभा / मोदी ने विभाजन का जिक्र करते हुए कहा- किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर लकीर खींच दी गई


  • मोदी ने कहा- पुरानी लीक पर चलते तो मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती, न बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझता

  • ‘सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है, एक नई सोच की जरूरत है, हमने पुराने तरीके पर चलने की आदत बदली’

    नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। एक घंटे 40 मिनट के भाषण में मोदी विपक्ष पर काफी हमलावर नजर आए। विभाजन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसी (जवाहर लाल नेहरू) को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान की जमीन पर लकीर खींच दी गई। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार को कामों की इतनी जल्दी क्यों है? अगर पुरानी लीक पर चले होते तो अनुच्छेद 370 खत्म नहीं होता।


    मोदी का भाषण: 11 पॉइंट


    1. नेहरू पर आरोप
    प्रधानमंत्री बनने की इच्छा किसी की भी हो सकती है, इसमें कोई बुराई नहीं। लेकिन किसी को प्रधानमंत्री बनना था, इसलिए हिंदुस्तान के नक्शे पर एक लकीर खींच दी गई। लाखों हिंदुओं और सिखों पर अत्याचार हुए। भूपेंद्र कुमार दत्त एक वक्त ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव थे। जेल में उन्होंने 78 दिन भूख हड़ताल की थी। वे पाकिस्तान में रह गए थे। बंटवारे के तुरंत बाद संविधान सभा में उन्होंने अल्पसंख्यों की स्थिति पर चिंता जताई थी। बाद में स्थितियां खराब होने पर दत्त को भारत में शरण लेनी पड़ी। एक और स्वतंत्रता सेनानी जोगीराज मंडल भी पाकिस्तान में रुक गए थे। उन्हें कानून मंत्री बनाया गया था।


    9 अगस्त 1950 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसमें लिखा था कि पाकिस्तान ने मुस्लिम लीग के सभी विचारों को नहीं माना। मंडल को भी भारत ही आना पड़ा। इतने दशकों के बाद भी पाकिस्तान की सोच नहीं बदली।


    2. पुराने ढर्रे पर चलते तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता
    सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। एक नई सोच की जरूरत है। लेकिन हम पहले के तरीके से चलते और उस रास्ते पर चलते जिसकी आपको आदत हो गई थी तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता और मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती। राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। करतारपुर साहिब कॉरिडोर कभी नहीं बनता। न ही बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझता।


    3. कांग्रेस की कार्यशैली
    आज दुनिया को भारत से अपेक्षा है। अगर हम चुनौतियों को चुनौती नहीं देते तो शायद देश को अनेक समस्याओं से लंबे अरसे तक जूझना पड़ता। अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता। फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता। हमने तेजी से काम किया है। अगर ये तेजी नहीं होती तो 11 करोड़ घरों में शौचालय न होता, 13 करोड़ घरों में गैस का चूल्हा न पहुंचता और लंबे अरसे से दिल्ली में अटकी 17 अवैध कॉलियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को अपने घर का अधिकार न मिलता।


    4. पूर्वोत्तर का विकास
    पूर्वोत्तर हमारे लिए सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है। वहां के एक-एक नागरिक के साथ आगे बढ़ने का मौका मिला और दिल्ली उनके दरवाजे पर पहुंच गई। लगातार हमारे मंत्री वहां गए और लोगों से संवाद किया। वहां लोगों को सड़क, बिजली, ट्रेन और हवाई सेवाएं दी गईं। पहले पूर्वोत्तर में सूर्य तो निकलता था लेकिन सुबह नहीं होती थी। पूर्वोत्तर के लिए पहले जो काम होते थे, वो एक प्रकार से खानापूर्ति थी। कागज पर समझौते हुए लेकिन बोडो समस्या का समाधान नहीं हुआ। इससे 4 हजार लोग मौत के घाट उतारे गए थे। अब जो समझौता हुआ उसमें सभी ग्रुप एक साथ


    आए। समझौते में लिखा है कि बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है।


    5. भ्रष्टाचार
    आर्थिक विषयों पर यह जरूर सोचना चाहिए कि आज कहां हैं और पहले कहां थे। हमारे माननीय सदस्य कहते हैं कि ये क्यों नहीं करते, कब तक करोगे और कैसे करोगे। मैं इसे आलोचना के रूप में नहीं लेता, बल्कि ये मेरे लिए प्रेरणा है। क्योंकि आपको पता है कि करेगा तो यहीं करेगा। पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार, कमजोर बैंकिंग और संसाधनों की बंदरबांट के मुद्दे सदन में गूंजते थे। हमने इन सब को खत्म करने का लक्ष्य रखा था और उसे पूरा भी किया। आज वित्तीय घाटा और महंगाई बनी हुई है। विपक्ष ने रोजगार का जिक्र किया तो मोदी ने चुटकी ली- एक काम न करेंगे न होने देंगे। आपकी बेरोजगारी नहीं हटने देंगे।


    6. राहुल के बयान पर जवाब
    मैं मानता हूं कि कांग्रेस ने 70 साल में कभी आत्मसंतुष्टि महसूस नहीं की। कल एक कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने कहा कि युवा मोदी को डंडे मारेंगे। अगले 6 महीने में ऐसे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और पीठ का साइज (मजबूती) इतना बढ़ा दूंगा कि कोई भी डंडा मार सके। मैंने गंदी गालियां झेली हैं। खुशी है कि 30-40 मिनट से बोलने के बाद कांग्रेस को अब तो करंट लगा।’


    7. बंगाल-कश्मीर के हालात


    अधीरजी (कांग्रेस नेता) बंगाल में क्या चल रहा है, उसका कच्चा चिट्ठा खोल दें तो आपको बड़ी तकलीफ होगी। वहां लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। कांग्रेस के वक्त संविधान की क्या स्थिति थी। अगर हमारे जैसे सोचते तो जम्मू-कश्मीर में भारत का संविधान लागू करने से क्यों रुके रहे? शशिजी (शशि थरूर), आप तो जम्मू-कश्मीर के दामाद थे। वहां की बेटियों को अधिकार क्यों नहीं दिलाया? किसी सांसद को तो कश्मीर में केवल जमीन दिखती है। कश्मीर की पहचान कभी बम, बंदूक और अलगाववाद हो गई थी। 19 जनवरी 1990 को कुछ लोगों ने कश्मीर की पहचान को दफना दिया था। कश्मीर की पहचान सूफी परंपरा और सभी मतों को सम्मान देने की है।’’


    8. संविधान
    कांग्रेस का मंत्र होना चाहिए- संविधान बचाओ। आपको इसे दिन में 100 बार बोलना चाहिए। आपातकाल के दौरान आपको संविधान याद नहीं आया था। जिन्होंने बार-बार संविधान में बदलाव किया, राज्य सरकारों को बर्खास्त किया, उन्हें तो संविधान बोलने की जरूरत है। संसद में पास प्रस्ताव को कोई फाड़ दे तो उन्हें बार-बार संविधान बोलना ही पड़ेगा। पीएम और पीएमओ के ऊपर रहने वालों को संविधान का महत्व समझने की जरूरत है। कांग्रेस अगर संविधान का महत्व समझती तो ऐसी हालत ऐसी न होती। संविधान बचाने के नाम पर देश और दिल्ली में


    क्या हो रहा है। इसे देश देख और समझ भी रहा है। सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह चुका है कि आंदोलन ऐसे न हों, जिनसे लोगों को परेशानी हो। लेफ्ट और कांग्रेस के लोग वहां जाकर लोगों को भाषण देकर उकसा रहे हैं।


    9. सीएए
    कुछ लोग रह रहे हैं कि सीएए लाने की जल्दी क्या थी। सरकार भेदभाव कर रही है। हिंदू-मुस्लिम में बांटकर देश के टुकड़े करना चाहती है। ये वे लोग हैं, जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वालों के साथ फोटो खिंचवाते हैं। पाकिस्तान हमें तोड़ने की कई कोशिशें कर चुका है। ये दुखद है कि कुछ लोग पाकिस्तान के रवैये पर भरोसा कर रहे हैं। भारत छोड़ो आंदोलन का नारा देने वाले महापुरुष (खान अब्दुल गफ्फार खान) भारतीय थे, बाद में पाकिस्तानी बने। मुझे भी एक बार उनके पैर छूने का अवसर मिला था।


    10. सिख दंगे
    कांग्रेस की सोच रही है कि कोई मरे तो मरे। सीएए से भारत में किसी भी अल्पसंख्यक को कोई परेशानी नहीं होगी। क्या कांग्रेस को 1984 के दंगे याद हैं। क्या वहां रहने वाले हमारे सिख भाई अल्पसंख्यक नहीं थे। आपने आरोपियों को सजा नहीं दिलाई और इतना ही नहीं दंगा भड़काने के एक आरोपी को मुख्यमंत्री बना दिया। देश को कांग्रेस से जिम्मेदार विपक्ष की अपेक्षा थी, लेकिन वो गलत रास्ते पर चल पड़ी है। अगर


    राजस्थान और मध्य प्रदेश में आपकी सरकारें कोई प्रस्ताव पास करें और विरोध होता रहे ऐसे चल सकता है। आपने गलत किया है, इसलिए विपक्ष में बैठे हो।


    11. कविता और शेर सुनाया
    मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं। एक शायर ने कहा है- खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, आप छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं।




ग्वालियर / राजपूत बोर्डिंग के छात्रों पर छेड़छाड़, लूट और एससी-एसटी एक्ट का केस दर्ज; हॉस्टल बंद


  • सोमवार रात मराठा बोर्डिंग में वाल्मीकि समाज के शादी समारोह में मारपीट और तोड़फोड़ करने का मामला

  • इंदरगंज थाने से 50 कदम की दूरी पर हुई वारदात, पुलिस ने दो छात्रों को नामजद किया, जबकि 12-13 आरोपी अज्ञातग्वालियर. मराठा बोर्डिंग में सोमवार रात वाल्मीकि समाज के शादी समारोह में राजपूत बोर्डिंग के छात्रों द्वारा दूल्हा और उसके पिता सहित अन्य लोगों के साथ मारपीट, तोड़फोड़ एवं पथराव करने के मामले ने तूल पकड़ लिया। वाल्मीकि समाज के लोगों ने देर रात तक थाना घेरे रखा। उसके बाद पुलिस ने राजपूत बोर्डिंग के छात्रों के खिलाफ मारपीट व लूट-डकैती, छेड़छाड़, एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही मंगलवार दोपहर बाद छात्रावास प्रबंधन ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर छात्रावास को आगामी आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया।

    छात्रावास में रह रहे छात्रों को तीन दिन में हॉस्टल खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया है। उधर, पुलिस ने दोनों नामजद आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपए का इनाम घोषित कर दिया है। इंदरगंज थाने से पचास कदम की दूरी पर हुई इस वारदात में पुलिस ने दो छात्रों को नामजद किया है जबकि 12-13 आरोपी अज्ञात हैं। घटना से गुस्साए वाल्मीकि समाज के लोगों ने मंगलवार को सुबह शहर की सफाई व्यवस्था का काम ठप कर अंबेडकर प्रतिमा उद्यान पर धरना दिया, नारेबाजी की। वारदात में नामजद आरोपी वीरू पर एक साल में पांचवां केस दर्ज हुआ है। सभी आरोपी फरार हैं।


    क्या है मामला : मराठा बोर्डिंग में सोमवार की रात सीताराम खरे की बेटी की शादी हो रही थी। इसी दौरान राजपूत बोर्डिंग के छात्रों ने वहां पहुंचकर उपद्रव कर दिया। उपद्रवियों ने दूल्हे के साथ ही उसके पिता और अन्य लोगों के साथ मारपीट कर दी थी। इसके बाद पथराव भी किया और भाग गए। वारदात के बाद वर और वधू पक्ष के साथ समारोह में शामिल मेहमान भी


    इंदरगंज थाने पहुंचे और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर थाने का घेराव कर दिया। पुलिस ने आधी रात में ही छात्रावास में दबिश भी दी लेकिन हमलावर नहीं मिले।


    आनन-फानन में बुलाई बैठक में लिया छात्रावास बंद करने का फैसला


    मंगलवार को आनन-फानन में राजपूत बोर्डिंग प्रवेश व अनुशासन समिति के साथ राजपूत हितकारिणी सभा के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि पूरे घटनाक्रम से छात्रावास की छवि धूमिल हुई है। हालांकि घटना को पूर्व में निष्कासित छात्रों द्वारा अंजाम दिया गया है, जिन्हें वर्तमान में रह रहे छात्रों ने आश्रय दिया था। बैठक में सर्वसम्मति से छात्रावास को आगामी आदेश तक बंद करने और छात्रों से तीन दिन में छात्रावास को खाली कराने का फैसला लिया गया। बैठक के बाद अधीक्षक भरत भदौरिया ने इस आदेश को नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दिया।



    दो नामजद छात्रों पर 5-5 हजार का इनाम


    आरोपी वीरेंद्र उर्फ वीरू तोमर और अर्जुन उर्फ अन्नू तोमर पर पुलिस ने 5-5 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। वीरू के खिलाफ एक वर्ष में यह पांचवां मामला दर्ज हुआ है। जबकि अन्नू तोमर का रिकॉर्ड इंदरगंज थाने में नहीं मिला है। पुलिस अन्य थानों में उसके रिकॉर्ड का परीक्षण कर रही है। पुलिस के अनुसार वीरू की बीते माह ही परिसर में घुसकरमारपीट के मामले में जमानत हुई है।




दतिया / पटवारी समेत दोस्त का अपहरण कर आश्रम ले गए, मारपीट की; पंडोखर महंत और उनके भाई समेत 8 पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज


  • हाईवे स्थित ढाबा पर खाना खाते वक्त किया अपहरण, फायरिंग भी की

  • आरोपियों ने आश्रम में कुल्हाड़ी के बेंत, लाठी और सरियों से पीटादतिया. पटवारी और उसके दोस्त का अपहरण कर आश्रम में ले जाकर मारपीट करने के मामले में पुलिस ने पंडोखर सरकार महंत गुरुशरण शर्मा, उनके भाई रामजीशरण शर्मा, बहनोई और चेलों के खिलाफ हत्या के प्रयास और लूट का केस दर्ज किया है।

    ग्राम बरचौली के पंकज दुबे के अनुसार, वे पटवारी अंकित पाराशर, सुदीप शर्मा और संजय दुबे के साथ सोमवार रात ढाबे पर खाना खा रहे थे। इसी दौरान पंडोखर सरकार महंत गुरुशरण शर्मा के भाई रामजीशरण, उनके बहनोई और अन्य लोगों ने हवाई फायर किए।


    इसके बाद वे पंकज और अंकित को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर पंडोखर आश्रम ले गए। यहां महंत गुरुशरण शर्मा, रामजीशरण, उसके बहनोई और तीन-चार लोगों ने पंकज और अंकित को लोहे की रॉड, डंडे और कुल्हाड़ी से पीटा, जिससे दोनों लहूलुहान हो गए। महंत के चेले दोनों के मोबाइल छीनकर हाईवे पर पटककर चले गए।


    राजीनामा के लिए भी बनाया दबाव
    सड़क पर पड़े पटवारी और पंकज को गांव का ही संजय दुबे इलाज के लिए भांडेर अस्पताल ले गया, यहां से प्राथमिक इलाज के बाद दतिया मेडिकल कॉलेज रैफर कर दिया गया। लेकिन, हालत नाजुक होने के कारण ग्वालियर रैफर कर दिया गया। घटना की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद महंत गुरुशरण, उसके रिश्तेदार और अन्य प्रभावशाली लोगों ने पटवारी और फरियादी पंकज पर राजीनामा के लिए दबाव बनाया,यहां तक कि एससीएसटी एक्ट के प्रकरण में फंसाने की धमकी दी, जिसकी शिकायत पटवारी और उसके दोस्त ने शाम को एसपी कार्यालय में आवेदन देकर की। इसके बाद आरोपियों पर केस दर्ज हुआ




मध्य प्रदेश / पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह का निधन, आज अंतिम संस्कार होगा


  • कैंसर से पीड़ित थे राजेंद्र प्रसाद, ग्वालियर के अस्पताल में अंतिम सांस ली

  • पूर्व मंत्री का मौ के पास स्थित गृह ग्राम किटी में अंतिम संस्कार किया जाएगा

    भिण्ड. पूर्व मंत्री राजेंद्र प्रसाद का 75 वर्ष की आयु में बुधवार देर रात निधन हो गया। वे 1990 में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार में स्वास्थ मंत्री रहे। उन्होंने ग्वालियर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। गुरुवार दोपहर बाद मौ के पास स्थित उनके गृह ग्राम किटी में अंतिम संस्कार किया जाएगा।


    राजेन्द्र प्रसाद के निधन पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने दुख व्यक्त किया।




ग्वालियर / बिना बुलाए लगुन में खाना खाने पहुंचे, टोकने पर गोलियां चलाईं, दूल्हे के चाचा की मौत


  • ग्वालियर से 25 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर के विलारा गांव की घटना

  • इसी गांव के रहने वाले हैं तीनों हमलावर, आराेपी आपस में रिश्तेदार भीग्वालियर. ग्वालियर से करीब 25 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर के विलारा गांव में मंगलवार रात एक शख्स की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक के भतीजे का लगुन-फलदान समारोह चल रहा था। इसी बीच गांव के ही तीन युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्याकांड को अंजाम दिया। हत्या करने वाले तीनों युवक आपस में रिश्तेदार हैं।

    तीनों आरोपी बिना निमंत्रण के खाना खाने पहुंचे थे। इस दौरान किसी ने उन्हें टोक दिया। इस पर वे खाना खाने के बाद बाहर गए और 20 मिनट बाद लौटते ही उन्होंने समारोह में लाइसेंसी बंदूक से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। एक गोली दूल्हे के चाचा ऊदल पुत्र जसवंत सिंह कुशवाह (30) के सीने में जा लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या करने के बाद आरोपी कार में सवार होकर भाग गए। घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया। हत्यारों के नाम हरेंद्र राणा, बाली राणा और गुड्‌डू राणा हैं। हरेंद्र राणा बाली का चचेरा भाई है, जबकि गुड्डू भी रिश्तेदार है। पुलिस अभी हत्यारों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।


    यह बना मौत का कारण



    • जब गुड्‌डू और बाली बिना बुलाए खाना खाने पहुंच गए तो दूल्हे के किसी रिश्तेदार ने टोक दिया था। इसे यह लोग अपनी बेइज्जती समझ बैठे। फिर इन लोगों ने वापस आकर फायरिंग कर दी। हालांकि दूल्हे के पिता का कहना है कि इनसे किसी ने कुछ नहीं कहा था।

      जिसकी मौत हुई, उसी पर थी कार्यक्रम की जिम्मेदारी



      • जिस घर में शहनाई बज रही थी। वहां मातम छा गया। इस शादी की पूरी जिम्मेदारी ऊदल ही संभाल रहा था। शादी की पूरी खरीदारी उसी ने की थी। ऊदल पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। उसके एक 6 साल का बेटा है।


      भगदड़ में एक बच्चा और महिला गिरने से घायल



      • कार्यक्रम में एक के बाद एक गोलियां चलने से वहां भगदड़ मच गई। इस दौरान लोग इधर से उधर भागे तो भगदड़ में एक बच्चा और एक महिला गिरने से घायल हो गई। इन्हें हल्की चोट आई हैं।


      प्रत्यक्षदर्शी: मेरे सामने मेरे भाई को मार डाला, 20 मिनट पहले ही खाना खाकर बोले थे हत्यारे, आते हैं भाईसाहब
      "मेरे बेटे देवाराम की शादी 9 फरवरी को है। शादी से पहले मंगलवार को लगुन-फलदान कार्यक्रम था। लगुन चढ़ने के बाद रात करीब 9.30 बजे खाना चल रहा था। छत पर वधु पक्ष के लोग बैठे थे। नीचे पंडाल में कुछ रिश्तेदार मौजूद थे। हमने गांव में सीमित लोगों को ही बुलाया था। हरेंद्र, गुड्‌डू और बाली को हमारे यहां से निमंत्रण नहीं गया था। लेकिन फिर भी गुड्‌डू और बाली खाना खाने आ गए। मैं ही खाना परोस रहा था, जब वे लोग पंगत में बैठ गए तो मैंने इन्हें भी खाना परोस दिया। मैंने तो इन्हें टोका तक नहीं। खाना खाने बाद यह लोग मेरे पास आए और बोले कि आते हैंभाईसाहब। मैंने हाथ जोड़कर विदा किया। 20 मिनट बाद ही बाली, गुड्‌डू हरेंद्र आए और इन्होंने लाइसेंसी बंदूक से पहले हवाई फायर किया। गोली की आवाज सुनकर मेरा भाई ऊदल ऊपर से नीचे की तरफ आ रहा था। वह उतर ही नहीं पाया, तब तक मेरे सामने मेरे भाई के सीने में गोली मार दी। फिर दो फायर और किए। इसके बाद कार से भाग निकले। मेरे भाई ने माैके पर ही दम तोड़ दिया। ये लोग मेरी तरफ भी गोलियां चला रहे थे, लेकिन गोली दीवार में लगी।" -खेर सिंह कुशवाह,मृतक का भाई






मप्र / दुबई से जूसर-स्पीकर में छिपाकर लाया 25 लाख रुपए का सोना, दिल्ली में करनी थी डिलीवरी


  • डीआरआई  ने  दुबई-इंदौर फ्लाइट से आए एक यात्री के पास से करीब 25 लाख रुपए का 612 ग्राम सोना जब्त किया

  • लगेज को स्कैन किया पर कुछ सामने नहीं आया, लैब में जांच की तो पता चला कि स्पीकर में कॉइल के भीतर सोना छुपा रखा हैइंदौर | डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) ने मंगलवार रात दुबई-इंदौर फ्लाइट से आए एक यात्री के पास से करीब 25 लाख रुपए का 612 ग्राम सोना जब्त किया है। यात्री मिक्सर जूसर और पोर्टेबल स्पीकर में सोना छुपाकर लाया था।  दरअसल, डीआरआई को सूचना मिली थी कि यात्री मोहम्मद वसीम दुबई से सोना लेकर आ रहा है। इमीग्रेशन के बाद जब वह बाहर आया तो सबसे पहले उसकी चेकिंग की। लगेज को स्कैन किया पर कुछ सामने नहीं आया। फिर लगेज को अलग कर लैब में जांच की तो पता चला कि स्पीकर में कॉइल के भीतर सोना छुपा रखा था। इसके ऊपर मैगनेट था, इससे वह नजर नहीं आ रहा था और संभवत: स्कैनर भी पकड़ नहीं पा रहे थे। इसी तरह जूसर में कॉइल के अंदर सोना भरकर उसने ऊपर से कवर कर दिया था। पूछताछ में पता चला कि यह सोना वह भोपाल होते हुए दिल्ली ले जाने वाला था। वहीं डिलीवरी होना थी। 
     


इंदौर / मेकअप करने आई महिला ने गहनों का बैग चुराया, रात 3 बजे पति ने पीटकर दिलवाए जेवर, हाथ-पैर जोड़े तो माफ किया


  • चोरी के बाद पीड़ित परिवार से महिला ने तीन बार फोन लगाकर पूछा - बैग मिला की नहीं

  • परिजनों ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला मेकअप करने आई महिला ले गई बैग

  • जन्मदिन का केट काटते वक्त दूल्हे की बहन का बैग लेकर चंपत हुई थी महिला

    इंदौर. शादी में मेकअप करने आई एक महिला दूल्हे की बहन का जेवरों से भरा बैग लेकर चली गई। जब शोर शराबा हुआ तो वह अनजान बनी और तीन बार फोन लगाकर परिजन से पूछा कि बैग मिला की नहीं। परिजनों ने जब सीसीटीवी कैमरे देखे तो ब्यूटी पाॅर्लर संचालिका चोरी करते हुए दिखी। रात तीन बजे दूल्हे के परिजन महिला के घर पहुंचे और वीडियो दिखाया, इसके बाद भी वह नहीं मानी। आखिर में महिला के पति ने जब उसकी पिटाई लगाई तो उसने जेवर वापस किए। महिला के पति द्वारा हाथ-पैर जोड़ने पर परिजनों ने एफआईआर दर्ज नहीं करवाई।



    घटना बुधवार रात को तुकोगंज थाना क्षेत्र स्थित नाथ मंदिर रोड पंजाब अरोड़ वंशिय धर्मशाला में हुई। कुम्हारखाड़ी क्षेत्र में रहने वाले राजेश शुक्ला ने बताया कि उनके भांजे की शादी की पार्टी का कार्यक्रम था। इसलिए मेकअप करने के लिए स्कीम नंबर - 51 की एक महिला और उसकी एक सहकर्मी को बुलवाया गया। उसने शादी में शामिल होने आई महिलाओं का मेकअप किया। बुधवार को दूल्हे की बहन शुभांगी पति सौरभ शुक्ला निवासी रतलाम का जन्मदिन भी था। इसलिए सभी ने तल मंजिल स्थित हाल में केक काटने का प्लान बनाया। शुभांगी ने पहली मंजिल स्थित अपने रूम में जेवरों से भरा बैग रखा और केक काटने नीचे आ गई।


    मौका देखकर मेकअप करने वाली महिला ने अपनी सहकर्मी के साथ रूम में जाकर बैग चुराया और कहीं छिपा दिया। थोड़ी देर बाद बैग चोरी होने का हल्ला मचा तो वह भी बैग खोजने में लगी और अनजान बनी रही। फिर रात को मौका देखकर महिला कपड़ों में छिपाकर बैग ले गई। इधर, बेटी के जेवर चोरी होने की घटना से स्तब्ध परिजन ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले। तभी एक कैमरे में मेकअप करने वाली महिला चोरी करते हुए नजर आई।


    तीन बार फोन लगा लिया
    इस दौरान मेकअप करने वाली महिला ने दूल्हे के परिजन को तीन बार फोन लगाकर बैग मिलने का पूछा, ताकि कोई उस पर शंका नहीं करे। उधर, सीसीटीवी में घटना कैद होने के बाद परिजन ने डायल 100 को कॉल किया। पुलिसकर्मियों ने कहा कि आप रिपोर्ट दर्ज करवा दो पुलिस खुद माल ले आएगी। हालांकि परिजनों ने सज्जनता दिखाई और वे खुद रात में महिला के घर पहुंच गए। वहां महिला की बीमार सास और बच्चा व पति मिला। महिला ने शुरुआत में घटना करने से इनकार कर दिया। फिर दूल्हे पक्ष के लोगों ने सीसीटीवी कैमरे दिखाए तो महिला के पति ने रात 3 बजे अपनी पत्नी को पीटा। इसके बाद महिलाने घर में से जेवर निकालकर दिए। वहीं पति ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाने की गुहार लगाई। इसके बाद परिजन ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई।




मप्र / डीजीपी ने पुलिस दरबार लगाया, पुलिसकर्मियों की समस्याओं को सुना, मनावर की घटना पर कहा- हिंसात्मक भीड़ का हिस्सा ना बनें


  • डीजीपी ने स्मार्ट पुलिस की समीक्षा की, कहा- सभी स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता रहें 

  • इंदौर पुलिस के कार्यों की सराहना की, आईफा अवॉर्ड को लेकर कहा- यह चुनौतीपूर्ण

    इंदौर. मध्य प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह ने गुरुवार को स्मार्ट पुलिसिंग की समीक्षा की। उन्होंने डीआरपी लाइन पर पुलिस दरबार लगाया और एक-एक कर पुलिसकर्मियों से उनकी समस्याओं को जाना। उन्होंने कहा कि फील्ड में, सड़क पर स्मार्ट पुलिसिंग करने वाले जवानों को क्या परेशानी आती है, इस संबंध में उसने बात की गई। इसके अलावा भी जवानों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा। धार जिले के मनावर की घटना पर कहा कि समाज को हिंसात्मक भीड़ का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।


    डीजीपी ने इंदौर पुलिस की सराहना की। कहा- इंदौर पुलिस अच्छा काम कर रही है। भू-माफियाओं से लेकर तमाम अपराधों पर नकेल कसी गई है। उनका इंदौर आने का मकसद बेहतर पुलिसिंग, पुलिस के सामाजिक दायित्व और पुलिस अपने स्वास्थ्य का खुद ख्याल रखें.. यह था। डीजीपी ने अपराधों की समीक्षा के साथ पुलिस के कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा- इंदौर पुलिस ने 3 हजार वाहनों की नीलामी की है। आर्म्स और ड्रग्स मामले में इंदौर पुलिस ने कई माफियाओं को गिरफ्तार किया है।


    पुलिसकर्मियों की समस्याओं को जाना
    डीजीपी ने डीआरपी लाइन में पुलिस दरबार लगाया। पुलिसकर्मियों से चर्चा कर उनकी समस्याओं को जाना। सिंह ने कहा- पुलिसकर्मियों ने क्वॉर्टर, मकान, अस्पतालों में बेहतर इलाज, मांगलिक भवन, छुट्टी आदि समस्याओं को रखा। उन्होंने पुलिसकर्मियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बात कही। आईफा को लेकर कहा कि यह गर्व की बात है कि इतना बड़ा आयोजन हो रहा है। यह इंदौर पुलिस के लिए चुनौती भरा रहेगा।


    मनावर की घटना दुखद
    मनावर की घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि समाज को किसी भी फैली अफवाह को लेकर पहले सोचना होगा। पुलिस इस तरह के अपराधों को लेकर काम करेगी, जिससे इसमें कमी लाई जा सके। समाज बिना देखे, बिना सोचे समझे इस प्रकार की हिंसात्मक भीड़ का हिस्सा ना बने। पुलिसकर्मियों की यदि लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में दिखाई दे रहे आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है। डीजीपी, डीआईजी के साथ घायलों से मिलने अस्पताल भी पहुंचे।