Thursday, 6 February 2020

अयोध्या / अधिकारी ने कहा- ट्रस्ट बिना किसी शर्त के किसी भी रूप में कोई दान ले सकता है; राम जन्मभूमि न्यास ने कहा- रामनवमी से शुरू हो सकता है काम


  • शिवसेना ने सामना में लिखा- दिल्ली चुनाव से पहले मंदिर ट्रस्ट का ऐलान करना राजनीति

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी

    नई दिल्ली. लोकसभा में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन की घोषणा के एक दिन बाद केंद्र सरकार ने इसके लिए एक रुपए का चंदा दिया है। यह ट्रस्ट को मिला पहला दान है। केंद्र सरकार की तरफ से गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी डी. मुर्मू ने यह चंदा दिया। अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट अचल संपत्ति समेत, बिना किसी शर्त के किसी भी व्यक्ति से किसी भी रूप में दान, अनुदान ले सकता है। इसी बीच, राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमल नयन दास ने कहा- इस साल रामनवमी से मंदिर निर्माण का काम शुरू हो सकता है।


    इधर, राम जन्मभूमि न्यास के मुख्य ट्रस्टी महंत नृत्य गोपाल दास को नए ट्रस्ट में जगह न दिए जाने पर त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा- उन्हें शायद इसलिए जगह नहीं मिली, क्योंकि वह और विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय बाबरी मस्जिद ढहाने के केस में आरोपी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक पांडे को राम जन्मभूमि की डिक्री दी गई है। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि मार्च में यह मामला खत्म हो जाने के बाद गोपाल दास को नए ट्रस्ट में शामिल कर लिया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने भी गुरुवार को जल्द से जल्द मंदिर निर्माण का कार्य शुरू करने की बात कही है। उन्होंने हिंदुओं से मंदिर निर्माण के लिए 25 मार्च से 8 अप्रैल


    के बीच सामूहिक जुलूस निकालने का आग्रह किया है।


    दिल्ली चुनाव से पहले राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान राजनीति : शिवसेना
    उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन के ऐलान के एक दिन बाद शिवसेना ने ‘सामना’ के जरिए उन पर निशाना साधा। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने गुरुवार को लिखा दिल्ली चुनाव से पहले मंदिर निर्माण के ट्रस्ट का ऐलान करना राजनीति से प्रेरित है। मोदी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से चार दिन पहले 'जय श्री राम' का नारा दिया। श्रीराम की मदद से अगर दो-चार सीटें बढ़ गईं तो खुश होंगे। इसमें लिखा गया है, उम्मीद थी कि राम मंदिर के मुद्दे पर राजनीति नहीं की जाएगी, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इसकी नींव रख दी गई है और 2024 लोकसभा चुनाव के मौके पर इसे पूरा किया जाएगा।


    प्रधानमंत्री ने लोकसभा में ट्रस्ट के गठन का ऐलान किया था
    इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष के मुख्य वकील रहे 92 वर्षीय के. पाराशरण को 15 सदस्यीय ट्रस्ट को ट्रस्टी बनाया गया है। उनके अलावा एक शंकराचार्य समेत 5 धर्मगुरु ट्रस्ट में शामिल हैं। अयोध्या के पूर्व शाही परिवार के राजा विमलेंद्र प्रताप मिश्रा, अयोध्या के ही होम्योपैथी डॉक्टर अनिल मिश्रा और कलेक्टर को भी ट्रस्टी बनाया गया।शुरू में तो राम मंदिर ट्रस्ट हिंदू पक्ष की तरफ से पैरवी करने वाले वकील के.पाराशरण के दिल्ली स्थित घर से काम करेगा। लेकिन बाद में स्थायी कार्यालय से इसका कामकाज चलेगा। इस ट्रस्ट के पास राम मंदिर निर्माण और इससे जुड़े विषयों पर स्वतंत्र रूप से फैसला लेने का अधिकार होगा।




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