- दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा- शाहीन बाग मामले से मेरा कोई लेनादेना नहीं, भाजपा इसका लाभ उठा रही है
- केजरीवाल के मुताबिक, अमित शाह इस वक्त देश के सबसे ताकतवर शख्स हैं, लेकिन वो मामला हल नहीं कर रहे
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि शाहीन बाग के रास्तों को खुलवाने में उनका कोई रोल नहीं है। उनके मुताबिक, अगर देश के गृहमंत्री अमित शाह चाहें तो यह काम कर सकते हैं। केजरीवाल ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा जानबूझकर शाहीन बाग का मुद्दा उठा रही है क्योंकि दिल्ली चुनाव में उसके पास दूसरा कोई मुद्दा नहीं है। दिल्ली में गुरुवार शाम 6 बजे प्रचार थम जाएगा। 8 फरवरी को मतदान होगा। नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।
शाहीन बाग से भाजपा को फायदा
केजरीवाल ने बुधवार न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, “क्या आप बता सकते हैं कि शाहीन बाग मुद्दे से किस पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है? भाजपा इसका फायदा उठा रही है। इसकी वजह यह है कि उनके पास शाहीन बाग के अलावा दूसरा कोई मुद्दा है भी नहीं। वहां रास्ते बंद हैं और इसकी वजह से दूसरे लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हमने तो कई बार कहा है कि अमित शाह को रास्ते खुलवाने चाहिए।” शाहीन बाग में प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। इसकी वजह से कई रास्ते बंद हैं।भाजपा का एजेंडा खत्म हो गया है
सीएम ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता तुच्छ राजनीति करके दिल्ली की जनता को परेशान कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा, “अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री हैं। फिलहाल, वो देश के सबसे ताकतवर शख्स हैं। क्या वो शाहीन बाग के रास्ते भी नहीं खुलवा सकते। वो ये कर सकते हैं। कोई यह मानेगा ही नहीं कि शाह रास्ते नहीं खुलवा सकते। वो सिर्फ दिल्ली की जनता के साथ गलत राजनीति कर रहे हैं। यहां के लोगों को परेशान कर रहे हैं। सच्चाई ये है कि अगर शाह ने रास्ते खुलवा दिए तो भाजपा का एजेंडा ही खत्म हो जाएगा। क्योंकि उनके पास यही मुद्दा है और इससे ही वो लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।”शाहीन बाग में मेरा कोई रोल नहीं
शाहीन बाद मामले में कई कदम नहीं उठाए जाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, “मेरा इसमें कोई रोल नहीं है। अगर मेरे अधिकार क्षेत्र में कुछ होता तो मैं फौरन कदम उठाता। मैं वहां के रास्ते नहीं खुलवा सकता। ये लॉ एंड ऑर्डर का मसला है और पुलिस को इस पर फैसला करना है। मेरी अपनी सीमाएं हैं। दिल्ली की जनता ने मुझे स्कूल, हॉस्पिटल, बिजली, पानी और राशन जैसे मामले देखने के लिए चुना है। लॉ एंड ऑर्डर का मामला केंद्र सरकार को देखना है।”
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