Wednesday, 5 February 2020

इंदौर / राजबाड़ा से कृष्णपुरा के बीच सेंट्रल लाइन की जांच करने पहुंची नगर निगम की टीम, व्यापारियों ने पक्षपात की शिकायत की थी


  • सेंट्रल लाइन डालने के बाद यहां के व्यापारियों ने नगर निगम में शिकायत की थी

  • कृष्णपुरा छत्री से लेकर बड़ा गणपति तक की सड़क को 60 फीट चौड़ी की जानी है

    इंदौर. राजबाड़ा से कृष्णपुरा छत्री के बीच सेंट्रल लाइन डालने को लेकर व्यापारियों ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए शिकायत की। बुधवार को निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर पुन: सेंट्रल लाइन की जांच की। यहां कृष्णपुरा छत्री से लेकर बड़ा गणपति तक की सड़क को 60 फीट चौड़ी किए जाने के क्रम में नगर निगम द्वारा सेंट्रल लाइन डालने का काम पूरा कर लिया गया है।



    1.7 किलोमीटर इस सड़क को चौड़ी करने के लिए दोनों हिस्सों पर स्थित मकान-दुकानों को तोड़ा जाना है। किसका कितना हिस्सा टूटेगा, इसके लिए सेंट्रल लाइन डाली गई है। इस सेंट्रल लाइन को लेकर राजबाड़ा-कृष्णपुरा व्यापारी संघ ने अफसरों को एक पत्र सौंपकर आरोप लगाया था कि प्रभावशाली लोगों के दबाव में निगमकर्मियों द्वारा लाइन में गड़बड़ी की गई है।



    सेंट्रल लाइन डालने के बाद अब निगम द्वारा लोगों के घर-दुकानों में लाल निशान लगाए जाएंगे ताकि वे तोड़फोड़ शुरू कर सकें। इसके बाद टीम द्वारा प्रत्येक भवन मालिक का नाम लिखा जाएगा और उसी नाम से नोटिस जारी होंगे। अधिकारियों के अनुसार जिसका भी जितना निर्माण टूटेगा उसे दोगुना एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो) का टीडीआर (ट्रांसफर ऑफ डेवलपमेंट राइट) सर्टिफिकेट मिलेगा।


    बतौर उदाहरण, अगर किसी का 200 वर्गफीट निर्माण टूटा है तो उसे 600 वर्गफीट का एफएआर मिलेगा। इससे वह स्वीकृत निर्माण से दोगुना निर्माण कर सकेगा। टीडीआर से वह यह एफएआर किसी और को भी बेच सकेगा। इसके लिए निगम द्वारा रिसिविंग जोन बनाए गए हैं। मतलब यह कि अगर किसी को दोगुना निर्माण नहीं करना है तो वह अपने एफएआर का वर्गफीट किसी और व्यक्ति को बेचकर आमदनी कर सकेगा।




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