- मोदी ने कहा- पुरानी लीक पर चलते तो मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती, राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती
- ‘सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है, एक नई सोच की जरूरत है, हमने पुराने तरीके पर चलने की आदत बदली’
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक सवाल बार-बार आ रहा है कि सरकार कामों की इतनी जल्दी क्यों है? मोदी ने मशहूर कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की एक कविता का जिक्र करते हुए कहा- लीक पर वे चलें, जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो जो हमारी यात्रा से बने, ऐसे अनिर्मित पथ ही प्यारे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 31 जनवरी को संयुक्त सत्र में अभिभाषण के दौरान अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास का मार्ग खुल सकेगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा था कि भारत से रिकॉर्ड 2 लाख मुस्लिम हज के लिए जाते हैं। भारत दुनिया का अकेला देश है, जहां हज की पूरी प्रक्रिया डिजिटल है।
‘पुराने ढर्रे पर चलते तो अनुच्छेद 370 नहीं हटता’
मोदी ने कहा, ‘‘सरकार बदली है, सरोकार भी बदलने की जरूरत है। एक नई सोच की जरूरत है। लेकिन हम पहले के तरीके से चलते और उस रास्ते पर चलते जिसकी आपको आदत हो गई थी तो शायद 70 साल के बाद भी इस देश से अनुच्छेद 370 नहीं हटता और मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की तलवार डराती रहती। राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहती। करतारपुर साहिब कॉरिडोर कभी नहीं बनता। न ही बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद सुलझता।’’कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाए
‘‘आज दुनिया की भारत से अपेक्षा है। अगर हम चुनौतियों को चुनौती नहीं देते तो शायद देश को अनेक समस्याओं से लंबे अरसे तक जूझना पड़ता। अगर कांग्रेस के रास्ते पर चलते तो 50 साल बाद भी शत्रु संपत्ति के लिए इंतजार करना पड़ता। 28 साल बाद भी बेनामी संपत्ति कानून का इंतजार खत्म नहीं होता।
फाइटरजेट का इंतजार भी खत्म नहीं होता।’’‘‘हमने जिस तेजी से काम किया है। जनता ने इसे देखा और अधिकता के साथ हमें दोबारा काम करने का मौका दिया। अगर ये तेजी नहीं होती तो 11 करोड़ घरों में शौचालय न होता, 13 करोड़ घरों में गैस का चूल्हा न पहुंचता और लंबे अरसे से दिल्ली में अटकी 17 अवैध कॉलियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को अपने घर का अधिकार न मिलता।’’
‘पूर्वोत्तर में सूरज तो निकलता था, सुबह नहीं होती थी’
मोदी ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर हमारे लिए सिर्फ एक क्षेत्र नहीं है। वहां के एक-एक नागरिक के साथ आगे बढ़ने का मौका मिला और दिल्ली उनके दरवाजे पर पहुंच गई। लगातार हमारे मंत्री वहां गए और लोगों से संवाद किया। वहां लोगों को सड़क, बिजली, ट्रेन और हवाई सेवाएं दी गईं। प्रयोग तो पहले भी हुए और आज भीहो रहे हैं। पहले पूर्वोत्तर में सूर्य तो निकलता था लेकिन सुबह नहीं होती थी।’’
‘‘पूर्वोत्तर के लिए पहले जो काम होते थे, वो एक प्रकार से खानापूर्ति थी। कागज पर समझौते हुए लेकिन बोडो समस्या का समाधान नहीं हुआ। इससे 4 हजार लोग मौत के घाट उतारे गए थे। अब जो समझौता हुआ है, जो हथियारों पर विश्वास करने वालों के लिए एक संदेश है। हमारी कोशिश में सभी हथियारी ग्रुप एक साथ आए। समझौते में लिखा है कि इसके बाद बोडो की कोई मांग बाकी नहीं रही है। आज नया सवेरा आया है। वो प्रकाश आपके चश्मा बदलने पर दिखाई देगा।’’
‘संसद में पहले बंदरबांट की बातें गूंजती थीं’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आर्थिक विषयों पर यह जरूर सोचना चाहिए कि आज कहां हैं और पहले कहां थे। हमारे माननीय सदस्य कहते हैं कि ये क्यों नहीं करते, कब तक करोगे और कैसे करोगे। मैं इसे आलोचना के रूप में नहीं लेता, बल्कि ये मेरे लिए प्रेरणा है। क्योंकि आपको पता है कि करेगा तो यहीं करेगा। लेकिन पहले की सरकारों में भ्रष्टाचार, कमजोर बैंकिंग और संसाधनों की बंदरबांट के मुद्दे सदन में गूंजते थे। हमने इन सब को खत्म करने का लक्ष्य रखा था और उसे पूरा भी किया। आज वित्तीय घाटा और महंगाई बनी हुई है। विपक्ष ने रोजगार का जिक्र किया तो मोदी ने चुटकी ली- एक काम न करेंगे न होने देंगे। आपकी बेरोजगारी नहीं हटने देंगे।’’राहुल के डंडा मारने वाले बयान पर सूर्य नमस्कार
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि कांग्रेस ने 70 साल में कभी आत्मसंतुष्टि महसूस नहीं की। कल एक कांग्रेस नेता (राहुल गांधी) ने कहा कि युवा मोदी को डंडे मारेंगे। अगले छह महीने ऐसे सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा और पीठ का साइज (मजबूती) इतना बढ़ा दूंगा कि कोई भी डंडा मार सके। मैंने गंदी गालियां झेली हैं। खुशी है कि 30-40 मिनट से बोलने के बाद कांग्रेस को अब तो करंट लगा।’’दो चरण में बजट सत्र
बजट सत्र दो चरणों में होगा। पहला सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ था, जो 11 फरवरी को खत्म होगा। दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।
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