Tuesday, 28 July 2020

आज फिर भोपाल से 113 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से ठीक हुए

सुखद खबरों का सिलसिला जारी


 


लॉकडाउन का पालन करें - कोरोना मुक्त भोपाल बनाएं


         भोपाल : 27 जुलाई 2020


             कोरोना मुक्त भोपाल का संकल्प और कोरोना पर जीत के शासन-प्रशासन के  अथक और निरंतर प्रयासों के सुखद परिणाम नित दिन सामने आ रहे है।इसी क्रम में आज फिर भोपाल से 113 व्यक्ति कोरोना संक्रमण से ठीक होकर अपने घर रवाना हुए। शासकीय हमीदिया अस्पताल से 24, शासकीय होम्योपैथी चिकित्सालय से 4, पंडित खुशीलाल शासकीय आयुर्वेदिक अस्पताल से 8  और चिरायू अस्पताल से 77 व्यक्ति डिस्चार्ज हुए। इन सभी ने अपने सफल ईलाज के लिए शासन - प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन को धन्यवाद दिया।
              
                शासकीय हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव और चिरायु अस्पताल के डायरेक्टर डॉ अजय गोयंका ने आज डिस्चार्ज हुए व्यक्तियों को  बधाइयां दी। अस्पताल प्रबंधन ने मास्क , पुष्प और सैनिटाइजर भेंट कर शुभकामनाएं दी। शासन -प्रशासन की कोरोना मुक्त भोपाल बनाने की  मुहीम में जनता भी बढ़ चढ़कर भागीदारी और सहयोग दे रही है। लॉकडाउन के नियमों के पालन करने के साथ साथ मास्क लगाना, सेनिटाइजेशन करना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। शासन-प्रशासन और भोपाल वासियों के एकजुट और सांझा प्रयास ही कोरोना मुक्त भोपाल बनाने का मूल मंत्र है।


भोपाल - वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में पुलिस द्वारा lockdown का सख्ती से पालन करवाते हुए

वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा निर्देशन में पुलिस द्वारा lockdown का सख्ती से पालन करवाते हुए आज प्रातः 6 बजे से शाम 7 बजे तक कुल 110 मामलें किये दर्ज।


उक्त मामलों में कुल 118 लोगों को गिरफ्तार किया गया एवं कुल 42 दो/चार पहिया वाहन किये जप्त।


दिनाँक 25 जुलाई से आज तक कुल 3 दिन में 188ipc के कुल 345 प्रकरण किये गये दर्ज।


भोपाल जिले में दिनाँक 22 मार्च से आज दिनाँक 27 जुलाई तक lockdown के कुल 6843 प्रकरण पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्रवाई की गई।


आज दर्ज किए गए प्रकरणों में मुख्य रूप से बेवजह पैदल बाहर घूमने, बगैर मास्क लगाये बाहर घुमने, मोटरसाइकिल व कार से अकारण घूमने एवं किराना दुकान  खोलकर आदेशों का उल्लंघन करना आदि सम्मिलित हैं।


Sunday, 26 July 2020

21वी वर्षगांठ पर देश कर रहा करगिल शहीदों को नमन।

नई दिल्ली,


ये दिल मांगे मोर, शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा..।


करगिल-  भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध में करीब 18000 फुट से ज्यादा ऊंची चोटियों पर बैठे दुश्मनों को मार भगाया था। इस युद्ध में जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान ने ऑपरेशन बद्र शुरू किया था। लेकिन भारत का ऑपरेशन विजय पाकिस्तान के ऑपरेशन पर भारी पड़ा। इस युद्ध में पाकिस्तान ने ना केवल अपने 700 सैनिक गवा दिए बल्कि ऐसी मनोवैज्ञानिक मार भी खाई। जिससे वहां आज तक उबर नहीं पाया। कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच 22 मई से जुलाई 1999 के बीच लदाख में कारगिल की चोटियों पर लड़ा गया था। इस युध्य के जरिए पाकिस्तान कश्मीर और लद्दाख को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क को अपने कब्जे में लेना चाहता था। साथ ही सियाचिन ग्लेशियर से भी भारतीय सेना को भी हटा देना उसका मकसद था। इसके लिए जनरल परवेज मुशर्रफ के नेतृत्व में पाकिस्तानी सैनिको ने साजिश रची और ऑपरेशन बंद शुरू कर के करीब 5 हजार सैनिकों को मुजाहिद्दीन के भेष में कारगिल भेज दिया। ऑपरेशन करीब 60 दिनों तक चला यह पाकिस्तान सैनिक धीरे-धीरे कारगिल की ऊंची चोटियों पर कब्जा जमाकर बैठ गए ।पाकिस्तानी सैनिक अपने साथ भारी मात्रा में हथियार और खाने-पीने का सामान भी ले कर आए थे। वह लंबे युद्ध के लिए पूरी तैयारी करके आए थे ।भारतीय सेना को पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसके खिलाफ भारत सरकार ने पाकिस्तान से युद्ध लड़ने के लिए दो लाख सैनिकों को कारगिल की और रवाना किया। यहां तक 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी है, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप से इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 3,000 भारतीय सैनिकों और करीबी 5000 घुसपैठिए इस युद्ध में प्रत्यक्ष रुप से आमने-सामने हुए। भारतीय सेना और वायु सेना के संयुक्त ऑपरेशन में कारगिल की चोटियों पर कब्जा जमाए बैठे पाकिस्तानियों पर धावा बोल दिया। भारत को अंतरराष्ट्रीय जगत में धीरे-धीरे बढ़ रहे ने पाकिस्तान को कारगिल की ऊंची चोटी से पीछे भागने के लिए मजबूर कर दिया। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यहां सशस्त्र संघर्ष था। जिससे भारत ने अपने नाम किया इससे प्रेरणा लेकर एलओसी कारगिल में फिल्मी भी बनी। भारतीय वायुसेना ने युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल भी किया, इन विमानों ने कारगिल की चोटियों पर कब्जा जमाए बैठे दुश्मन पर अचूक बम गिराए जिससे उन में भगदड़ मच गई विग -29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर R77  मिसाइल से हमला किया गया। इस युद्ध में बड़ी संख्या में राकेट और बमों का इस्तेमाल भी किया था। इस युद्ध में राकेट फोर्स पाकिस्तान पर जमकर कहर ढाया इन तोपों की मदद से करीब 250000 गोले दागे गए वहीं 5,000 बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोटार्स से तो और राकेट का इस्तेमाल किया गया युद्ध के 17 दिनों में हर हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया। कारगिल युद्ध में भारत के 527 वीर योद्धाओं को खोया। हुआ ही 1300 से अधिक ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए पाकिस्तान के अधिकृत रूप से और 240 रिकॉर्ड के अनुसार 2900से ज्यादा सैनिक मारे गए थे । हालांकि वह कभी भी इस तथ्य को स्वीकार नहीं करता इस युद्ध के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ ने नवाज शरीफ का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा जमा लिया था। घटनाक्रम 3 मई 1999 एक चरवाहा ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना दी थी। 5 मई भारतीय सेना को की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुंची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया । उनमें से पांच की हत्या कर दी 9 मई पाकिस्तानियों की गोलाबारी से भारतीय सेना का कार्यक्रम में मौजूद गोला बारूद का स्टरो खत्म हो गया। 10 मई पहली बार लदाख का प्रवेश द्वार द्रास काकसार  और मुसको सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया। 26 मई भारतीय वायु सेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया। 27 मई कार्रवाई में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग 27 और मिग 29 का भी इस्तेमाल किया। 26 जुलाई कारगिल युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों पूर्ण निष्कासन की घोषणा की। कारगिल विजय दिवस पर उन तमाम वीर योद्धाओं को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित एवं शत-शत नमन। 



Saturday, 25 July 2020

अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों की भूमि पर कब्जा दिलाने हेतु सौंपा ज्ञापन।

सीहोर /इछावर-


बहुजन क्रांति मोर्चा एवं प्रसपा से जुड़े लोगों ने तहसील कार्यालय इछावर पहुंचकर अनुसूचित जनजाति जाति एवं पिछड़ा वर्ग पर हो रहे अन्याय अत्याचार को लेकर नायब तहसीलदार डाली रैकवार को महामहिम राज्यपाल के नाम संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपा। भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश मालवीय ने बताया कि ज्ञापन का वाचन प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल सिंह चौहान ने करते हुए अधिकारी को बताया कि सन दो हजार के लगभग प्रदेश के अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को तत्कालीन सरकार ने भूमि के पट्टे वितरित किए थे। आज तक हजारों परिवारों को भूमि पर कब्जा नहीं मिला, कई लोगों की हत्या हो गई है, तो कहीं किसानों के साथ मारपीट भी हो गई है। इसी क्रम में पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के विधानसभा क्षेत्र के कालापीपल तहसील इछावर सीहोर के अनुसूचित जाति जनजाति के परिवार के लोगों ने आज भी कागज के टुकड़ों को लेकर थाना तहसील के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने आज तक कब्जा नहीं मिला वर्तमान स्थिति में भूमि पर आज भी राजनीतिक सामाजिक व आर्थिक रूप से प्रभावशाली लोग ही कबीज है, ऐसी सीहोर जिले की पीड़ित अनुसूचित जनजाति के परिवारों का तत्कालीन की भूमिका कब्जा दिया जाएगा। पीड़ित परिवार की सुरक्षा देता प्रताड़ित करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही तहसील इछावर के गांव शाहपुरा के गरीब किसान फूल सिंह के पट्टे की भूमि को स्थानीय सरपंच द्वारा जबरन कब्जा कर उस में तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। उक्त जमीन पर तालाब और निर्माण किया गया और गरीब को वहां से हटाया गया। उनके समर्थन में सामाजिक संगठनों द्वारा आंदोलन किया जावेगा। गंभीर ज्वलनशील समस्याओं का निराकरण किया जावे ग्राम कालापीपल के अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों के समर्थन में पूर्व में जिला प्रशासन जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन के माध्यम से सामाजिक संगठन में अवगत कराया है। एवं पूर्व राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा के निवास पर धरना भी दिया था। इसके पश्चात भी शासन-प्रशासन अनसुनी कर रहे हैं। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से यह भी चेतावनी दी गई है कि 1 सप्ताह के अंदर पीड़ित किसानों को कब्जा नहीं दिया गया तो जिला कलेक्टर सीहोर हजारों की संख्या में उपस्थित होकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। सामाजिक संगठनों के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, इसकी जिम्मेदारी स्वयं शासन प्रशासन की होगी। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से जगदीश द्रविड़, अध्यक्ष जानम सिंह परमार, बंसीलाल मुंबई ,जितेंद्र मालवीय, एसएन तोमर, मदन सिंह भदोरिया, मनीष पिपलोदीया, अरविंद मालवीय, गौरव दुबारिया, बलवान सिंह, सुरेश संजय मालवीय, रामगोपाल, गेंदालाल, बाबूलाल शिवनारायण, राजाराम, नर्मद सिंह, अशोक, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित हुए थे।


Tuesday, 21 July 2020

शनि पृथ्वी और सूर्य एक सीध में रहेंगे आज सारिका घारू

मध्य प्रदेश/ सीहोर/ जामली - शाम को एक तरफ डूबता सूर्य तो दूसरी तरफ उगता शनि होगा। सारिका घारू


82 चंद्रमा वाला सनी का सामना आज अमावस्य में बिना चंद्रमा वाली से सारिका सौरमंडल का छठवां ग्रह शनि पृथ्वी के सीध में आ रहा है, आज 20:00 21 जुलाई की मध्य रात्रि 3:44 पर शनि और पृथ्वी और सूर्य एक सिद्ध में आ जाएगे, 1 सप्ताह में ग्रहों की पृथ्वी की सीध में आने की दुर्लभ खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए सरिका घारू ने बताया कि पृथ्वी का शनि और सूर्य के बीच में रहते हुए एक शोध में आने की यह घटना से टर्न 8 कोशिश अपोजिशन कहलाती है। विज्ञान प्रसार अधिकारी ने बताया कि आवश्यक होने से पृथ्वी का चंद्रमा सूर्य की तरफ होने से सारी रात नहीं दिखाई देगा। वही सामना कर रहा 82 चंद्रमा शनि से होगा। शनि के 53 चंद्रमा की पुष्टि हो चुकी है, इसके साथ 29 अन्य की पुष्टि की जा रही है,आ पोजीशन की स्थिति में इस साल के लिए शनि की पृथ्वी से दूरी सबसे कम होगी। कोरी आंखों से तो यह तारे के रूप में दिखाई देगा। लेकिन टेलिस्कोप से यहां अन्य अच्छे वाइनर कूलर से स्केरिंग बहुत अच्छे से देखे जा सकेंगे सारिका ने बताया कि 149 करोड़ 70 लाख किलोमीटर की दूरी पर परिक्रमा करता है, यह सूर्य से इतना दूर है कि सूर्य के प्रकाश को सैनी तक पहुंचने में 83 मिनट का समय लगता है, सनी इतना विशाल है कि इसके ठोस धरातल नहीं ब्याज पर रखने के लिए पृथ्वी की जरूरत होती है। शनि का एक दिन लगभग 11 घंटे के बराबर है, इसका एक साल पृथ्वी के 29 सालों से कुछ अधिक है हाइड्रोजन एवं हीलियम से बने इस गाने बताएं के कारण मनमोहक दिखाएं की जानकारी लेने नासा के स्ट्रिप क्लब फाइनल ईयर 11th था वैसा वन एवं टू के पास से निकल चुके हैं। 2004 से 2017 तक इसकी 294 परिक्रमा का डाटा एकत्र करने के बाद 2 टन को केसिनी इस में समा गया सनी से अब अगला सामना 2 अगस्त 2021 को होगा।


मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल श्री लालजी टंडन का लखनऊ में निधन आज शाम 4:00 बजे होगा अंतिम संस्कार

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन का लखनऊ के मेदांता अस्पताल में सुबह 5:00 बजे निधन हो गया है। वह 85 वर्ष के थे और उन्हें 11 जून को स्वास्थ्य खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तभी से वे अस्पताल में भर्ती थे। होने पर परिजनों ने उन्हें लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। शुरुआती पड़ताल में डॉक्टरों को पेशाब में संक्रमण का पता चलने पर इलाज शुरू किया जांच के दौरान राज्यपाल जी के लिवर में दिक्कत पाए जाने पर सीटी गाइडेड प्रोसीजर किया गया। इस दौरान पेट में रक्त स् स्तर बढ़ गया जिसके चलते उनका इमरजेंसी में ऑपरेशन किया गया था। लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन ने सुबह ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी जानकारी के मुताबिक हाल ही में उनकी उन्हे किडनी के साथ-साथ लीवर का फंक्शंस भी गड़बड़ गड़बड़ आ गया था। उनका इलाज आईसीयू में चल रहा था ,13 जून को उनका ऑपरेशन किया गया था। हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। जानकारी के मुताबिक आज 4:30 बजे होगा अंतिम संस्कार।


Saturday, 18 July 2020

अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई कर वन विभाग ने सागौन की सिल्लीया सहित खैर की लकड़ी जप्त की

सीहोर/ इछावर /जामली-  शुक्रवार की शाम वन विभाग ने लकड़ी तस्करों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, विभाग ने दो अलग-अलग जगहों से लाखों की लकड़ी जप्त की है। जप्ती के दौरान लकड़ी तस्करों वं वन विभाग कर्मचारियों के बीच झुमा झटकी भी हुई और कुछ आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। वहीं दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गए इच्छावर वन परीक्षेत्र रेंजर शिवकुमार सिवहारे को मुखबिर के द्वारा सूचना मिलने पर एक टीम बनाकर जिसमें पुलिस विभाग एवं वन विभाग के कर्मचारी अलग-अलग स्थानों पर तैनात हुऐ। तकरीबन रात 10:00 बजे सूचना मिली की नादान बीट से होते हुए इछावर की और लकड़ी से भरी पिकअप गाड़ी आ रही है। इस बीच वन विभाग ने अपनी टीम को लेकर बोरदी कला मार्ग पर सागौन से भरी पिकअप जप्त की, जिसमें सागोन की 32 बेशकीमती सिलिया थी। वहीं दूसरी ओर झालकी और कल्याणपुरा के बीच बेशकीमती खैर की लकड़ी से भरी एक आईसर गाड़ी को भी पकड़ा। क्षेत्र में लगातार हो रही है, वृक्षों की अंधाधुंध कटाई को लेकर वन विभाग लकड़ी तस्करों पर अलर्ट पर है।