मुख्यमंत्री के गृह जिले व पूर्व राजस्व मंत्री रहे करण सिंह वर्मा के कार्यकाल का है, पूरा मामला।
सीहोर/ इछावर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व पूर्व राजस्व मंत्री के गृह जिले में भ्रष्टाचार की बाढ़ सी आ गई। यहां पर एक दो तीन नहीं बल्कि दर्जन भर से अधिक भ्रष्टाचार की यह पूरी कहानी एक आरटीआई से उजागर हुई है,जानकारी के अनुसार सीहोर के विनीत राठौर को इछावर तहसील में राजस्व विभाग की जमीनों पर हेरा फेरी की जानकारी लगी तो उन्होंने सन् 2017 में आरटीआई आवेदन लगाया। जिसके बाद उन्होंने वहां से दो माह बाद जो जानकारी मिली उसे देखकर वह दंग रह गए। जानकारी को देख ऐसा लगा जैसे मानो अफसरों ने नियम कानूनों को किसी अलमारी के कोने में रख दिया हो, ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारनामे उजागर कर कार्यवाही करने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता ने आला अधिकारियों को आवेदन भी दिए। लेकिन ऊपरी दबाव में शायद आवेदनों का गला घोट दिया गया। तत्कालीन तहसीलदार निकिता तिवारी ने भी आरटीआई कार्यकर्ताओं को कागजों की खानापूर्ति करते हुए कई महीनों तहसील के चक्कर लगवाए। आरटीआई कार्यकर्ताओं का तहसीलदार निकिता तिवारी पर भी बड़ा आरोप है, कि जब जमीनों की हेराफेरी की गई उस समय निकिता तिवारी इछावर तहसील कार्यालय में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ थी। आरटीआई कार्यकर्ता कार्यालय के चक्कर लगाते रहे। विनीत राठौर ने बताया कि इसमें उचित जांच होना चाहिए राजस्व के रिकॉर्ड में कई सारे फेरबदल बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेशों के बिना ही कर दिए गए। अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच होती है तो कई बड़े अधिकारियों के चेहरे सामने आ सकते हैं। इस मामले में अपर कलेक्टर विनोद कुमार चतुर्वेदी को भी अवगत कराया गया था। पर उन्होंने आरटीआई कार्यकर्ताओं से मिलने से साफ इनकार कर दिया था और अभी तक कोई जांच भी नहीं की गई। तत्कालीन कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर कलेक्टर विनोद कुमार चतुर्वेदी को तुरंत जांच के आदेश दिए थे। परंतु आज तक कोई जांच कार्यवाही नहीं की गई इससे साफ जाहिर होता है, कि इतने बड़े मामले को भी अपर कलेक्टर विनोद चतुर्वेदी ने गंभीरता से नहीं लिया और लीपापोती करने मे लग गए। जब मीडिया कर्मियों ने अपर कलेक्टर से बात की तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, हमारे पास हजारों मामले आते हैं हमें ध्यान नहीं रहता सवाल यह है कि आखिरकार अभी तक जांच क्यों नहीं की गई। वहां आरटीआई कार्यकर्ता राठौड़ का आरोप है कि कहीं ना कहीं प्रशासन के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत से ही पूरा भ्रष्टाचार हुआ है, इसी कारण अभी तक मामले की जांच नहीं हुई और ना ही भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की देखना यह है कि प्रशासन इस पूरे मामले पर क्या कार्यवाही करता है आरटीआई कार्यकर्ता ने वर्तमान में अपर कलेक्टर महोदय को अवगत कराया तो उन्होंने कहा मेरे पास अब चार्ज नहीं है। अब आप कलेक्टर महोदय को अवगत कराएं इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं घोटाला तो हुआ है, जिसके कारण अभी तक कोई जांच नहीं की गई एवं राजस्व के रिकॉर्ड से नंबर गायब होना साप बताता है कि अधिकारी इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहे हैं, आरटीआई आवेदक के द्वारा जब रिकॉर्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि मांगी गई तो उन्हें इछावर तहसील कार्यालय से लिखित जवाब दिया कि हमारे यहां रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। अब देखना यह है कि दोषियों पर कार्रवाई कब होती है यहां पूरा मामला पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक करण सिंह वर्मा के कार्यकाल आरटीआई आवेदक का कहना है, कि पूर्व मंत्री करण सिंह वर्मा के कार्यकाल में जितने भी फेरबदल हुए हैं उन मामलों में जांच होना चाहिए।
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