गौभूमि समाचार सीहोर।
नवरात्रि के पावन अवसर पर नवमींं के दिन मां के दरबार सलकनपुर में दिनभर भक्तों का तांंता लगा रहा। यहां अल सुबह से लेकर देर शाम तक लगभग तीस हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे, वही भक्तों का आने का सिलसिला लगातार जारी रहा। ऐसे में नवमी के साथ रविवार का अवकाश भी था लेकिन उसके बाद भी कम श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचे। नवरात्रि के पहले दिन से अष्टमी के दिन सबसे ज्यादा लगभग 50000 भक्तों ने माता रानी के दर्शन किए थे। हालांकि हर वर्ष इस दिन भक्तों की संख्या एक लाख से ज्यादा होती थी लेकिन इस बार कोरोना वायरस ने कई श्रद्धालुओं को मंदिर जाने से रोक दिया। नवमींं पर माता रानी के दर्शन के लिए देर रात से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। दूरदराज से लोग पैदल चलकर दर्शन के लिए आ रहे थे तो वही कार बाइक की लाइनें भी दिनभर लगी रही। पैदल जा रहे भक्त माता रानी के जयकारे के साथ हाथ में ध्वजा लिए चल रहे थे। पैदल यात्रा में महिला पुरुष पुरुषों के अलावा अधिकतर बच्चे भी शामिल थे । कोरोनावायरस के चलते सलकनपुर में इस बार प्रशासन पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा था। दरअसल इस बार नवरात्र में मंदिर खुलने को लेकर कई दिनों तक असमंजस बना रहा लेकिन माता रानी के भक्तों की खुशी दुगनी उस वक्त हो गई जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर परिसर खुले रखने की घोषणा कर दी। इसके बाद प्रदेश के सभी देवी मंदिर नवरात्र के पावन अवसर पर खोल दिए गए। गौरतलब है कि सलकनपुर में भक्तों के लिए इस बार सुबह 3:00 बजे से रात 12:00 बजे तक मंदिर खुला रखने की व्यवस्था की गई थी ताकि भक्तों की भीड़ जमा ना हो सके और वे यहां आकर दर्शन कर सके। हालांकि इस बार भक्तों को परिक्रमा करने को नहीं मिली और ना ही मंदिर परिसर में नारियल प्रसाद चढ़ाने की अनुमति दी गई। कोरोना वायरस के कारण प्रशासन में माता रानी के मंदिर के परिक्रमा पर रोक लगा रखी हुई थी। इसके अलावा ऊपर नारियल फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा रखा था। कोरोना वायरस की गाइडलाइन को फॉलो करवाने के लिए इस बार पूरा प्रशासन यहां पर मुस्तैद रहा। रेहटी थाना प्रभारी अरविंद कुमरे ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते सलकनपुर में नवरात्रि के पहले दिन से ही प्रशासन द्वारा कड़ी सुरक्षा बढ़ती जा रही हैं। मंदिर परिसर में किसी भी तरह की भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा हैं। साथ ही पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया हैं। ताकि मंदिर में किसी भी प्रकार की कोई घटना ना हो सके। बता दें कि नवरात्रि के पावन अवसर पर यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।