भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं- आकाश भैरवे,
कृष्णकांत दौहरे रिपोर्टर इछावर,
गौभूमि समाचार सीहोर। गुरुवार को राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के नेतृत्व में शहर के अंबेडकर पार्क में सविधान दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की शुरुआत संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के स्मारक पर माल्यार्पण कर संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर प्रारंभ किया। भारतीय संविधान पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्ष आकाश भैरव ने बताया कि भारतीय संविधान दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संविधानों में से एक है। जो सदियों पुरानी समाज में रही आसामान्यताओं को दूर कर सभी वर्गों और सभी धर्मों के नागरिकों को समान अधिकार दिया। जिसका श्रेय संविधान निर्माता डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को जाता है। जिन्होंने बिना किसी भेदभाव के दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पदाधिकारियों और क्षेत्रवासियों ने शपथ लेकर संविधान के अनुसार चलने का संकल्प लिया। राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के सचिव हरीओम बौद्ध ने बताया कि संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के संविधान मसौदे को अपनाया गया था। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने से पहले 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया था। संविधान सभा के सदस्यों का पहला सेशन 9 दिसंबर 1947 को आयोजित हुआ। इसमें संविधान सभा के 207 सदस्य थे। संविधान की ड्रॉफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर थे। इन्हें भारत के संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। कार्यक्रम के दौरान महिला बिंग की अध्यक्ष कृष्णा सूर्यवंशी, हेमंत दोहोरे,पवन सूर्यवंशी, धनराज सिंह थरेले, वीरु जाटव, नीरज जाटव, सुरेश कुमार यादव, रामदीन बौद्ध ,गजराज जाटव, रोहित बौद्ध, सोनू बौद्ध, मोनू बोद्ध सहित बड़ी संख्या में सदस्यगण सम्मिलित हुए थे।