Wednesday, 20 January 2021

भारतीय विद्यार्थी, युवा बेरोजगार मोर्चा के पदाधिकारियों ने परिणाम निरस्त करने की मांग को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।

 


कृष्णकांत दौहरे रिपोर्टर, गौभूमि समाचार सीहोर। लोक सेवा आयोग मध्यप्रदेष द्वारा 21 दिसंबर 2020 को जारी परिणामों पर आपत्ति लेते हुए भारतीय विद्यार्थी युवा बेरोजगार मोर्चा ने प्रदेष के 51 जिलों सहित सीहोर में भी राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर सीहोर को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा परिणामों में अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के 87 प्रतिषत प्रतियोगी छा़त्रों के साथ घोर अन्याय करते हुए सामान्य वर्ग के प्रतियोगियों को नियम विरूद्ध अतिरिक्त लाभ देकर परीक्षा परिणाम घोषित किया गया है। घोषित परीक्षा परिणाम की उच्च स्तरीय समीक्षा कर परिणाम निरस्त करने की मांग ज्ञापन में की गई है। ज्ञापन देनेे वाले प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व करतेे हुए श्री रत्नदीप बांगरे ने कहा कि 13 प्रतिषत सामान्य वर्ग के प्रतिभागियों को 50 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ देते हुए संविधान द्वारा प्रदत्त प्रतिनिधित्व की मूलभावना के साथ खुला खिलवाड किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार तथा सभरवाल बनाम पंजाब सरकार के मामले में स्पष्ट रूप से आदेश पारित किया गया है कि आरक्षित वर्ग का प्रतिभागी यदि अनारक्षित वर्ग के प्रतिभागी के समकक्ष अंक प्रदान करता है तो उसका चयन अनारक्षित श्रेणी में किया जाएगा परंतु जारी परिणामों में इस आदेष की खुली धज्जियां उडाई गई है इसके साथ ही महिलाओं एवं विकलांग श्रेणी के प्रतिभागियों को भी नियम होनेे के बावजूद भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इस संबंध में भारतीय विद्यार्थी मोर्चा मध्यप्रदेष यूनिट द्वारा शीघ्र ही एक याचिका मध्यप्रदेष हाई कोर्ट में दायर की जा रही  है जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा विकलांग श्रेणी के प्रतिभागियों को संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत पर्याप्त लाभ मिल सकें। ज्ञापन सौंपने वालो में प्रतिभागी श्री रत्नदीप बांगरे, भारतीय युवा मोर्चा के प्रदेष अध्यक्ष श्री जनम सिंह परमार, विद्यार्थी मोर्चा के राज्य मीडिया प्रभारी श्री संजय भारती, जिला मीडिया प्रभारी श्री बी.एस.भदौरिया, श्री गौरव दुगारिया, श्री बलराम सिंह घनघोर, श्री प्रदीप रैकवार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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