भारत की जी20 की अध्यक्षता के तहत पहली जी20 भ्रष्टाचार निरोधक कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की बैठक आज गुरुग्राम, हरियाणा में शुरू हुई। बैठक के तहत, 'सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए आईसीटी का लाभ उठाने' विषय पर एक संक्षिप्त कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में अपनी बात रखी, जिसमें विभिन्न सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
हाल के वर्षों में, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए आईसीटी की भूमिका को विश्व स्तर पर मान्यता दी गई है। अनेक देश दक्षता बढ़ाने, पारदर्शिता के माध्यम से भ्रष्टाचार को कम करने, सार्वजनिक समीक्षा/विश्लेषण के लिए सरकारी डेटा को उजागर करने, सरकारी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने, अधिकारियों के निर्णय को रोकने और प्रमुख सेवाओं तक पहुँचने के लिए द्वारपालों/अधिकारियों के साथ बातचीत प्रतिबंधित करने के लिए आईसीटी का तेजी से उपयोग कर रहे हैं। आईसीटी न केवल सूचना तक पहुंच के माध्यम से नागरिकों के सशक्तिकरण को सक्षम बनाता है बल्कि सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणालियों में पदक्रम को भी बराबर करता है।
माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी समाज में सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पारदर्शिता, सूचना के प्रवाह और संचार को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण की शक्ति और डिजिटल विभाजन को पाटने पर जोर दे रहे हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, एसीडब्ल्यूजी बैठक के संक्षिप्त कार्यक्रम में सरकारी एजेंसियों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और सरकारी ई-मार्केटप्लेस की सक्रिय भागीदारी देखी गई ताकि सरकारी प्रक्रियाओं के स्वचालन के एकीकरण ने कैसे सार्वजनिक वितरण को कुशल और गैर-विवेकाधीन बना दिया है, इस पर चर्चा की जा सके।
भारत में डिजिटल इकोसिस्टम ने कई प्रक्रियाओं को कम कर दिया है और सरकारी अधिकारियों के साथ सीधे बातचीत की है तथा प्रामाणिक जानकारी को सुलभ और कागज-रहित बना दिया है। उदाहरण के लिए, डिजिलॉकर के 144.6 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं और उमंग ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से 3.36 अरब से अधिक का लेनदेन किया है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत भारत ने अपने यहां के निवासियों के लिए 1.35 अरब से अधिक डिजिटल पहचान बनाई है और नागरिकों के सीधे सभी सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंचने के लिए 470 मिलियन से अधिक मूल खाते खोले गए हैं। लगभग 2.8 मिलियन सूचीबद्ध उत्पादों के साथ 11,000 से अधिक उत्पाद श्रेणियां, 260 से अधिक सेवा श्रेणियां और सरकारी ई मार्केटप्लेस पर 2.5 लाख से अधिक सेवा पेशकश उपलब्ध हैं।
संक्षिप्त कार्यक्रम के पैनलिस्ट में क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष श्री आदिल जैनुलभाई, यूएनडीपी की मुख्य डिजिटल अधिकारी सुश्री कीजोम न्गोडुप मासली, नेशनल एंटी करप्शन ऑथरिटी, इटली के अध्यक्ष श्री ग्यूसेप बुसिया, यूआईडीएआई के सीईओ डॉ. सौरभ गर्ग, बेटर दैन कैश एलायंस के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर टिधर वाल्ड, वरिष्ठ सामाजिक सुरक्षा विशेषज्ञ, विश्व बैंक श्री अंबरीश शाही, एशियाई विकास बैंक के वरिष्ठ खरीद विशेषज्ञ श्री स्टीफन बेसादी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी श्री शामिल थे।
आईसीटी के माध्यम से पारदर्शिता और दक्षता के माध्यम से समावेशिता "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" मंत्र को बढ़ावा दे रही है और संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान विचार-विमर्श ने इस मंत्र को मजबूत किया।
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