Wednesday, 26 April 2023

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में तीन दिवसीय इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कॉन्फ्रेन्स

 

प्रदेश में वानिकी अनुसंधान का एक शतक पूरे होने और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नर्मदापुरम में 27 मार्च 2022 को की गई घोषणा के अनुरूप कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में 27 से 29 अप्रैल तक "इंटरनेशनल वाईल्ड लाईफ कॉन्फ्रेंस" होगी।

अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में वन्य-जीव विशेषज्ञ-पद्मभूषण डॉ.एच.एस. पवार सहित दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के ख्यातिलब्ध वन्य-जीव विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री के उद्देश्यों के अनुरूप ईकोनॉमी और ईकोलॉजी की नीति को अपनाते हुए देश के सर्वांगीण विकास के लिए निष्कर्ष निकालना कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य है।

भविष्य के लिये बनेगी रणनीति

वन विभाग और राज्य वन अनुसंधान "वन्य-जीव संरक्षण उभरता परिदृश्य एवं इस भावी रणनीति" विषय पर वन्य-प्राणी प्रबंधन-संरक्षण, पुनर्वास और मध्यप्रदेश सहित भारत में एक आदर्श पारिस्थितिक संतुलन बनाने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञ, शोधकर्ता और पेशेवर 4 तकनीकी विषय पर शोध पत्र एवं वक्तव्य प्रस्तुत करेंगे। साथ ही वन्य-प्राणी प्रबंधन, संरक्षण और पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर वर्तमान परिदृश्यों पर गहन मंथन कर भविष्य की रणनीति और नीतियाँ तय की जायेंगी।

कॉन्फ्रेंस, वन्य-जीव जनसंख्या प्रबंधन, वन्य-जीव आवास पारिस्थितिकी, वन्य-जीव नीति के मुद्दे चुनौतियाँ और मानव वन्य-जीव संघर्ष और शमन उपाय जैसे तकनीकी विषयों पर होगी।

नगरीय निकायों को अप्रैल माह के लिये मिली 300 करोड़ की चुंगी क्षतिपूर्ति राशि

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि नगरीय निकायों को चुंगी क्षतिपूर्ति के लिये 300 करोड़ रूपये आवंटित किए गए है। यह राशि माह अप्रैल के लिये जारी की गयी है। नगरीय निकायों में चुंगी कर समाप्त होने पर उससे होने वाली आय की क्षतिपूर्ति के लिये यह राशि जारी की जाती है।

श्री चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव 27 अप्रैल को ऐच्छिक अवकाश घोषित

 

राज्य शासन ने श्री चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव 27 अप्रैल को शासकीय कार्यालयों और संस्थाओं के लिये ऐच्छिक अवकाश घोषित किया है। श्री चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव को ऐच्छिक अवकाश सूची में सम्मिलित किया गया है। ज्ञातव्य है कि प्रत्येक शासकीय सेवक को वर्ष में घोषित ऐच्छिक अवकाश की सूची में से 3 अवकाश लेने की पात्रता होती है।

उच्च शिक्षा विभाग के 700 सहायक प्राध्यापकों, ग्रंथपाल, क्रीड़ा अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि हुई समाप्त

 

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर गठित परीक्षण समिति ने वर्ष 2019 में नियुक्त 700 सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त की गई है। इन्हें दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि के बाद सेवा में निरंतर माना जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने के बाद अब सहायक प्राध्यापक, ग्रंथपाल और क्रीड़ा अधिकारियों को वार्षिक वेतनवृद्धि सहित अन्य लाभ मिल सकेंगे।

एमपी ट्रांसको के गोविन्दपुरा परिसर का विद्युत नियामक आयोग की टीम ने लिया जायजा

 

म.प्र. विद्युत नियामक आयोग भोपाल के सचिव डॉ. उमाकान्त पान्डा एवं अन्य अधिकारियों ने एमपी ट्रांसको (एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी) के गोविन्दपुरा भोपाल स्थित क्षेत्रीय लोड डिस्पेच सेंटर, स्काडा कंट्रोल सेन्टर और 220 के.व्ही. सब स्टेशन का दौरा किया। इस दौरान आयोग की टीम ने लोड डिस्पैच सेंटर, स्काडा कंट्रोल सेन्टर की सम्पूर्ण कार्य-प्रणाली को नियामक आयोग के मापदंड अनुसार जाँचा और आवश्यक जानकारी ली।

टीम ने 220 के.व्ही. गोविन्दपुरा कन्ट्रोल रूम में लगे आरटीयू टेलीमीटरी, जी.आई.एस. उप केन्द्र ई-8 के रिमोट ऑपरेशन संबंधी भी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की। नियामक आयोग की टीम ने 220 के.व्ही. गोविंदपुरा के यार्ड में निर्माणाधीन मेट्रो फीडर-वे एवं स्मार्ट सिटी फीडर-वे के कार्य की प्रगति को जाना।

25 राज्यों के बिजली अधिकारियों ने समझी इंदौर की स्मार्ट मीटरिंग

 नई दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय, पॉवर फायनेंस कार्पोरेशन द्वारा नई दिल्ली में स्मार्ट मीटर, स्कॉडा और आरडीएसएस के तहत राष्ट्रीय कार्यशाला की गई। इसमें देश के 25 राज्यों के अधिकारियों ने इंदौर की स्मार्ट मीटर योजना की बारीकियों को समझा और इसे अपने राज्य में लागू करने की मंशा जताई।

दिल्ली में हुई राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला में मप्रपक्षेविविकं इंदौर के स्मार्ट मीटर परियोजना के निदेशक श्री रवि मिश्रा शामिल हुए। उन्होंने लर्निंग, स्मार्ट मीटर योजना की कार्य पद्धति, स्मार्ट मीटर के लाभ और चुनौतियों संबंधी जानकारी दी। श्री मिश्रा ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, महू, देवास, रतलाम, खरगोन में स्मार्ट मीटरीकरण का कार्य उच्च मापदंडों के अनुसार किया गया है। इससे कंपनी एवं उपभोक्ता हित में आशातीत परिणाम भी आए हैं। साथ ही उपभोक्ता संतुष्टि बढ़ी है और शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आई है।

म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री अमित तोमर के निर्देशन में स्मार्ट मीटर परियोजना का कुशलतापूर्वक प्रभावी संचालन किया जा रहा है। विभिन्न बिजली कंपनियों एवं राज्य सरकारों को भी इस संबंध में जानकारी देकर स्मार्ट मीटरीकरण को बढ़ावा भी दिया जा रहा है।

मंत्री श्री सिलावट ने किया साक्षी को सम्मानित

 

जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने मत्स्य संचालनालय में कुमारी साक्षी को साहसपूर्ण कार्य के लिए 21 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि भेंट कर सम्मानित किया।

मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि साक्षी के साहसिक कार्य से अन्य को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं स्वयं और मध्यप्रदेश शासन साक्षी जैसी बेटियों के साथ खड़ा है।

कुमारी साक्षी केवट निवासी ग्राम नीलकंठ, तहसील भैरोंदा, जिला सीहोर द्वारा नर्मदा नदी में डूब रहे एक व्यक्ति को सुरक्षित बचा कर उसके जीवन की रक्षा की थी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी श्री अवधेशानंद गिरि से आशीर्वाद प्राप्त किया

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वीआईपी गेस्ट हाउस पहुँच कर जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वामी जी का माल्यार्पण कर अभिवादन किया और शॉल-श्रीफल अर्पित किए। साथ ही उनके प्रदेश आगमन पर स्मृति-चिन्ह भेंट किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ युवा प्रतिभाओं ने पौधे रोपे

 बच्चों के जन्म-दिवस पर परिजन ने भी किया पौध-रोपण

मुख्यमंत्री ने लगाए कदंब, करंज और जामुन के पौधे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में कदंब, करंज और जामुन के पौधे रोपे। मुख्यमंत्री के साथ खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विक्रम अवार्डी श्री सत्येंद्र लोहिया, श्री प्रमोद धनेली और राज्य युवा पुरस्कार विजेता डॉ. साक्षी भारद्वाज जैसी युवा प्रतिभाओं ने पौधे लगाए। मुख्यमंत्री को श्री सत्येंद्र लोहिया ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल से आरंभ "दिव्यांगजन सशक्तिकरण खेलो यात्रा " के संबंध में अवगत कराया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ दो वर्षीय बालक श्री अपूर्व सिंह के जन्म-दिवस पर उनके माता-पिता श्री अर्जुन सिंह और श्रीमती पूजा सिंह ने भी पौधे लगाए। बालिका अनवी शर्मा के जन्म-दिवस पर उनकी माँ श्रीमती शिल्पी शर्मा तथा दादी श्रीमती उमा शर्मा ने पौध-रोपण किया। श्री राहुल शर्मा तथा श्रीमती कंचन शर्मा ने अपनी विवाह वर्षगाँठ पर पौधे रोपे।

पौध-रोपण में सर्वश्री मुकुल कटारे, श्रवण मिश्रा, लोकेश शर्मा, आशीष त्रिपाठी, अमित सक्सेना, हरीश पाटीदार, नरेंद्र मोदी, रोहित शर्मा, सिद्धार्थ भारद्वाज, पारूल अत्री तथा श्रीमती ममता भारद्वाज भी पौध-रोपण में सम्मिलित हुई।


भारत विश्व का भविष्य और भारत का भविष्य युवा: राज्यपाल श्री पटेल

 युवाओं को कौशल और उद्यमिता विकास के अभूतपूर्व अवसर उपलब्ध

राज्यपाल श्री पटेल द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी उद्घाटित  

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि भारत विश्व का भविष्य है। भारत का भविष्य युवा है। वर्ष 2070 तक भारत दुनिया का युवा देश बना रहेगा। दुनिया के श्रम बल की 21 प्रतिशत आबादी 2047 तक भारत में होगी। उन्होंने कहा है कि भविष्य के भारत में आवास, अवसंरचना, भोजन, शिक्षा, पानी, स्वास्थ्य, मनोरंजन और सामाजिक सुरक्षा की जरूरतों एवं मांगों का आकार और मात्रा बहुत विशाल हो जाएगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया है कि अपने कौशल और उद्यमिता के साथ सेवा और उत्पादन के क्षेत्र में बन रहे नए अवसरों का लाभ लेने के लिए आगे आएँ।

राज्यपाल श्री पटेल आज कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कंवेन्शन सेंटर में आईसेक्ट राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन आत्म-निर्भर भारत के लिए सामाजिक उद्यमिता और कौशल विकास विषय पर चर्चा के लिए किया गया है।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज युवाओं को आकार और पैमाने दोनों लिहाज से कौशल और उद्यमिता विकास के अभूतपूर्व अवसर सरकार उपलब्ध करा रही है। सरकार तेज व्यवसायीकरण को दुनिया भर से पूँजी निवेश सर्वश्रेष्ठ नवाचार परिपाटियाँ लाने और प्रतिबद्ध नीतिगत हस्तक्षेपों के जरिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सबल, समर्थ औश्र समृद्ध, आत्म-निर्भर भारत में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने, नवाचार और उद्यमिता के लिए मजबूत समावेशी परिवेश बनाया है। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सरकार ने स्टार्टअप की वित्तपोषण की जरूरतों को पूरा करने के लिए फन्ड ऑफ फन्ड्स, सीड फंड स्कीम और क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाई है।

देश में ज्ञान आधारित डिजिटल अर्थ-व्यवस्था भविष्य की प्रौद्योगिकी में नवाचार लॉजिस्टिक्स रक्षा अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए नये अवसर निर्मित हुए हैं। हरित हाइड्रोजन मिशन को 20 हजार करोड़ रूपए मिले है। पिछले वर्षों में रक्षा निर्यात 6 गुना बढ़ा है। कृषि बजट भी 1लाख 25 हजार करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। औषधियों के क्षेत्र में अनुसंधान और नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के जरिए नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। सरकार, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में कौशल प्रशिक्षण के लिए देश में 30 स्किल इंडिया अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र, तीन कृत्रिम मेधा उत्कृष्टता केन्द्र और फाइव जी एप्लीकेशन विकास के लिए 100 प्रयोग शालाएँ खोल रही है।

कुलाधिपति रविन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय श्री संतोष चौबे ने बताया कि मध्य भारत का पहला कौशल विकास विश्वविद्यालय आईसेक्ट द्वारा स्थापित किया जा रहा है। यह संस्थान का छठा विश्वविद्यालय होगा। उन्होने बताया कि आईसेक्ट सामाजिक उद्यमिता पर आधारित 37 हजार केन्द्रों का 27 राज्यों में संचालन कर रहा है। केन्द्र का मॉडल भारतीय भाषाओं और सोशल कनेक्ट पर आधारित है। उन्होंने बताया कि तकनीक के साथ कृषि के क्षेत्र में भी संस्थान द्वारा पहल की गई है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैपिटल गुड्स एसएससी श्रीमती शालिनी सिंह ने कॉन्फ्रेन्स की-नोट प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन भारत की डेमोग्राफिक विशिष्टताओं के आधार पर कौशल उन्नयन के द्वारा भारत को आत्म-निर्भर बनाने और निर्यात को बढ़ाने के प्रयासों पर केन्द्रित होना चाहिए। निदेशक आईसेक्ट डॉ. अदिति चतुर्वेदी ने आईसेक्ट की गतिविधियों और प्रकाशित पुस्तकों के संबंध में जानकारी दी। आईसेक्ट के सचिव डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने संगोष्ठी की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संगोष्ठी का आयोजन श्रृंखला में किया जा रहा है। इसी तरह की 15 कॉन्फ्रेन्स का आईसेक्ट द्वारा आयोजन किया जाना है।

प्रारंभ में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया गया। आईसेक्ट और माइक्रोसॉफ्ट के मध्य सामाजिक उद्यमिता पर पारस्परिक समझौता किया गया। साथ ही युवा उद्यमियों का सम्मान भी किया गया।

Monday, 24 April 2023

पशुओं के एफएमडी टीकाकरण के द्वितीय चरण में भी मध्यप्रदेश आगे

 वर्ष 2030 तक एफएमडी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि पशुओं में मुँहपका और खुरपका (फूट माउथ डिसीज़) टीकाकरण के द्वितीय चरण में भी मध्यप्रदेश देश में सर्वप्रथम है। प्रदेश ने निर्धारित अवधि से पूर्व 15 फरवरी 2023 को 2 करोड़ 7 लाख 68 हजार गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण पूर्ण कर लिया, जो देश में सर्वाधिक है।

मंत्री श्री पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में होने वाले एफएमडी टीकाकरण के प्रथम चरण में प्रदेश में 2 करोड़ 52 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं का टीकाकरण किया गया था। इसमें भी मध्यप्रदेश सबसे आगे था। एफएमडी रोग पशुधन उत्पादों को सर्वाधिक आर्थिक हानि पहुँचाने वाला रोग है। वर्ल्ड ऑर्गेनाइजेशन फॉर एनीमल हेल्थ की प्राथमिकता में शामिल इस रोग के उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2030 है।

मुँहपका एवं खुरपका बीमारी से पशुओं को बचाने का सबसे बेहतर उपाय टीकाकरण ही है। बछिया-बछड़े को पहला टीका 4 माह की उम्र में और दूसरा बूस्टर टीका एक माह बाद लगवाना चाहिये। इस बीमारी में पशु को जाड़ा देकर तेज बुखार आता है और भूख कम हो जाती है। मुँह से लार बहने लगती है। मुँह और खुर पर छोटे-छोटे छाले बन जाते हैं, जो बाद में बड़ा छाला बनने के बाद जख्म में बदल जाते हैं। दुधारु पशुओं का दूध उत्पादन 80 प्रतिशत तक घट जाता है। पशु कमजोर होने लगते हैं। प्रभावित पशु स्वस्थ होने के बाद भी लम्बे अरसे तक कमजोर ही रहते हैं। पशु के बीमार होने पर तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें और प्रभावित पशु को अलग रखने के साथ पशु-शाला को साफ-सुथरा और संक्रमणनाशी दवाओं का छिड़काव करवाते रहें। एफएमडी रोग का उन्मूलन पशु-पालकों को आर्थिक रूप से काफी मजबूत बनायेगा।

आयोग आपके द्वार अभियान अंतर्गत बीएलओ घर-घर जाकर करेंगे सर्वे : मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन

 16 मई 2023 तक चलेगा अभियान

मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्य शुरू होने से पहले प्रदेश में प्री-रिवीजन गतिविधियां कराई जा रही है। प्रदेश में आयोग आपके द्वार अभियान चलाया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश श्री अनुपम राजन ने बताया कि 17 अप्रैल से अभियान की शुरुआत हो चुकी है। यह 16 मई तक चलेगा। इस बीच निर्वाचक नामावली में नए नाम जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने और संशोधन की कार्रवाई की जाएगी। बीएलओ अपने मतदान केंद्र अंगर्तत आने वाले मतदाताओं के घर जाकर सर्वे करेंगे। मतदाता सूची में एक ही नाम के कई मतदाताओं के नाम होते हैं। ऐसे मतदाताओं को अभियान के दौरान पहले से ही चिन्हांकित किया जा रहा है। सभी बीएलओ अपने अपने मतदान केंद्र अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक स्थान पर चौपाल लगाकर मतदाता सूची का वाचन करेंगे। एक ही नाम के कई व्यक्ति मिलने पर उनकी पहचान कर, उनका आधार नंबर एकत्र करेंगे, ताकि दोहरी प्रवृष्टि वाले मतदाताओं का नाम एक स्थान से हटाया जा सकें। जिन मतदाताओं के नाम के आगे सरनेम नहीं लिखा है, उसमें भी सुधार किया जाएगा। इसके अलावा निर्वाचक नामावली से मृत मतदाताओं का नाम हटाने की कार्रवाई की जाएगी। मतदाता सूची में दर्ज पुरानी (ब्लैक एडं व्हाइट) फोटो को रंगीन में बदलने का कार्य किया जाएगा।

एक मतदान केंद्र पर न हो 1500 से अधिक मतदाताओं की संख्या

एक मतदान केंद्र पर 1500 से अधिक मतदाताओं की संख्या न हो। इसके अलावा यदि किसी मतदान केंद्र भवन की स्थिति जर्जर है और वहां पर कोई नया भवन बना है तो उसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएं, ताकि पुराने मतदान केंद्र भवन को परिवर्तित कर नए भवन को मतदान केंद्र बनाएं जाने की कार्यवाही की जा सके। मतदाताओं को मतदान के दौरान कोई असुविधा न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाए।

2 किमी की दूरी पर न हो मतदान केंद्र

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने समस्त कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को 2 किमी से अधिक की दूरी पर मतदान केंद्र नहीं होने, एक परिवार का नाम एक ही मतदान केंद्र पर होने, बीएलओ एप के माध्यम से मतदान केंद्र की फोटो अपलोड करने और कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को सत्यापन का प्रमाण पत्र देने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आँवला, करंज और गुलमोहर के पौधे लगाए

 मुख्यमंत्री का ग्वालियर में हिन्दी भवन के निर्माण की पहल के लिए आभार व्यक्त

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट उद्यान में आँवला, करंज और गुलमोहर के पौधे लगाए और श्रमदान किया।मुख्यमंत्री  के साथ दैनिक स्वदेश ग्वालियर समूह के संपादक श्री अतुल तारे, अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष डॉ. कुमार संजीव और मंत्री श्री धीरज शर्मा ने पौध-रोपण किया। मध्य स्वदेश भोपाल के प्रबंध संपादक श्री सौमित्र जोशी, श्री विनोद दुबे, श्री राजलखन, श्री पंकज शुक्ला और अन्य प्रतिनिधि पौध-रोपण में शामिल हुए।मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा ग्वालियर में हिन्दी भवन के निर्माण की पहल के लिए श्री तारे, डॉ. कुमार संजीव और श्री धीरज शर्मा ने आभार व्यक्त किया। 

     मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ आज शंभवी वूमेंस क्लब भोपाल की सदस्य सुश्री रेखा शर्मामाला विजयवर्गीयअमिता गुर्जरनम्रता मंडलडॉ. पारुल, निकिता बंसलश्रद्धा सिंहपूजा सोनीमोनिका अग्रवाल और अंजू भरत पटेल ने भी पौधे लगाए।

प्रधानमंत्री श्री मोदी का खजुराहो विमानतल पहुँचने पर हुआ आत्मीय स्वागत

 प्रभारी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने की अगवानी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सोमवार की सुबह 10.15 बजे खजुराहो विमानतल आगमन पर आत्मीय स्वागत किया गया। छतरपुर जिले के प्रभारी एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री तथा मिनिस्टर इन वेटिंग श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत कर अगवानी की। खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती विद्या अग्निहोत्री, विधायक सर्वश्री प्रद्युम्न सिंह लोधी,  राजेश शुक्ला,  राजेश प्रजापति, पूर्व राज्य मंत्री श्रीमती ललिता यादव, पूर्व विधायक श्री उमेश शुक्ला, श्री पुष्पेन्द्रनाथ पाठक, श्रीमती रेखा यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री मलखान सिंह, श्री पुष्पेन्द्र प्रताप सिंह, श्री अरविंद पटैरिया ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का प्रशासन की ओर से मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत, आईजी सागर जोन श्री प्रमोद वर्मा, डीआईजी छतरपुर रेंज श्री ललित शाक्यवार, कलेक्टर श्री संदीप जी.आर., पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी ने भी स्वागत किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी विशेष विमान से खजुराहो विमानतल पहुँचे थे। प्रधानमंत्री खजुराहो से भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस एवं अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए रीवा रवाना हुए।

प्रधानमंत्री श्री मोदी को खजुराहो विमानतल पर दी गई आत्मीय विदाई

 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद खजुराहो एयरपोर्ट से दोपहर 2.40 बजे केरल के कोच्चि रवाना होंने पर आत्मीय विदाई दी गई। छतरपुर जिले के प्रभारी एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे।

जिला पंचायत पन्ना की अध्यक्ष श्रीमती मीना राजे सिंह, श्री सतानंद गौतम, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री जी. जनार्दन, सागर संभागायुक्त डॉ. वीरेन्द्र सिंह रावत, आईजी सागर रेंज श्री प्रमोद वर्मा, डीआईजी श्री ललित शाक्यवार, कलेक्टर श्री संदीप जी.आर., पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी भी विदाई के दौरान उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री श्री मोदी रीवा से हेलीकॉप्टर से खजुराहो विमानतल पहुँचे, यहाँ से विशेष विमान द्वारा कोच्चि के लिये रवाना हुए।

भारत को विकसित देश बनाने के लिए गाँवों की सामाजिक, आर्थिक और पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा: प्रधानमंत्री श्री मोदी

 हमारी सरकार ने करोड़ों दीदियों को लखपति दीदी बनाया

मध्यप्रदेश की नारी शक्ति बधाई की पात्र
गाँव के हित हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता
पीएम स्वामित्व योजना में मध्यप्रदेश में हुआ बेहतर कार्य
समावेशी विकास के लिए हर नागरिक को जुटना होगा
हम सब को समझना होगी "धरती की पुकार"
डबल इंजन सरकार ने की खुशियाँ डबल
4 लाख 11 हजार लाभार्थियों को कराया गृह प्रवेश
म.प्र को दी 2300 करोड़ से अधिक की रेल परियोजनाओं की सौगात
7853 करोड़ की समूह जल प्रदाय योजनाओं का किया शिलान्यास
ई-ग्राम स्वराज और ई-जैम एकीकृत पोर्टल का किया लोकार्पण
प्रधानमंत्री श्री मोदी रीवा में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए
प्रधानमंत्री की मंशानुरूप किसानों की आय दोगुना करने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर हुआ पूरा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गाँव- गरीब का जीवन आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार ने जो योजनाएँ बनाई हैं, उन्हें पंचायती राज संस्थाएँ प्रभावी तरीके से जमीन पर उतार रही हैं। आज मध्यप्रदेश के विकास से जुड़ी 17 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण हो रहा है। यह परियोजनाएँ प्रदेशवासियों का जीवन आसान बनाने में मददगार होंगी। साथ ही रोजगार सृजन के नए अवसर भी निर्मित होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में मध्यप्रदेश सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज कर बेहतरीन कार्य किया है। मध्यप्रदेश की 50 लाख से अधिक महिलाएँ स्व-सहायता समूह से जुड़ी हैं। महिला सशक्तिकरण की दिशा में मध्यप्रदेश की नारी शक्ति को मैं बधाई देता हूँ। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के इस कार्यक्रम से देश के 30 लाख से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधि जुड़े हैं। यह भारत के लोकतंत्र की सशक्त तस्वीर है। हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं और देश तथा लोकतंत्र के लिए समर्पित हैं। "जन सेवा से राष्ट्र सेवा" ही हम सब का लक्ष्य है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर देशभर की पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों के साथ-साथ विशेष ग्राम सभाओं को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह की उपस्थिति में रीवा के विशेष सशस्त्र बल मैदान में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के 4 लाख 11 हजार हितग्राहियों को वर्चुअल गृह प्रवेश कराया। साथ ही मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन की 7853 करोड़ रूपये की लागत की रीवा, सतना और सीधी जिलों के लिए स्वीकृत 5 बड़ी समूह जल-प्रदाय योजनाओं का शिलान्यास भी किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के रेल नेटवर्क के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित कर 2300 करोड़ रूपये से अधिक की रेल परियोजनाओं का लोकार्पण, शिलान्यास एवं शुभांरभ किया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हम विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए समर्पित भाव से निरंतर प्रयासरत हैं। विकसित भारत के लिए गाँवों की सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था में सुधार और पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करना आवश्यक है। हमारी सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। देश में वर्ष 2014 के पहले पंचायतों के लिए मात्र 70 हजार करोड़ रूपये का वित्त आयोग का अनुदान था, जो हमारी सरकार के दौरान 2 लाख करोड़ से अधिक का हुआ है। पंचायतों को सुदृढ़ करने की दिशा में पिछले 8 साल में 30 हजार से अधिक पंचायत भवनों का निर्माण किया गया है। पंचायतों तक ऑप्टिकल फायबर की कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए 2 लाख से अधिक गाँवों में ऑप्टिकल फायबर का जाल बिछाया गया है। स्वतंत्रता के पहले से देश में व्यवस्था का आधार रही पंचायती राज संस्थाओं पर पिछली सरकारों ने भरोसा नहीं किया। पंचायतों के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई। हमारी सरकार ने वर्ष 2014 के बाद पंचायतों के सशक्तिकरण का बीड़ा उठाया और आज परिणाम सामने हैं। पंचायतें देश के विकास की प्राण-वायु बन कर उभरी हैं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पंचायतों की मदद से गाँव और शहरों के बीच की खाई को कम करने की प्रयास भी निरंतर जारी है। डिजिटल माध्यम से पंचायतों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। अमृत सरोवरों के निर्माण में ड्रोन से सर्वे कराने के साथ निर्माण प्रक्रिया में अद्यतन तकनीक का उपयोग किया गया है। आज लोकार्पित किया गया एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल पंचायतों को अधिक सशक्त और उनकी व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनायेगा। आधुनिक तकनीक का लाभ प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना में स्पष्टत: दिखाई दे रहा है। गाँवों के आबादी क्षेत्र के ड्रोन टेक्नोलॉजी से हुए सर्वे और मानचित्रीकरण से सम्पत्ति के संबंध में बनने वाली विवाद की स्थितियाँ निर्मूल हुई हैं। देश के 75 हजार गाँवों में इसका कार्य पूर्ण हो गया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश की आधी से अधिक आबादी गाँवों में रहती है। उनकी बेहतर व्यवस्था के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता। हमारी सरकार ने वर्ष 2014 के बाद गाँवों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उज्ज्वला योजना में रसोई गैस के 10 करोड़ से अधिक कनेक्शन और गाँवों में 3 करोड़ 75 लाख से अधिक आवासों का निर्माण इसका स्पष्ट प्रमाण हैं। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना से गाँवों के लाखों घरों में बिजली पहुँची है। जल जीवन मिशन से देश के 9 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को घर में नल से जल मिल रहा है। इनमें से 60 लाख घर मध्यप्रदेश के हैं। पिछली सरकारों ने गाँव के लोगों का देश के बैंकों पर अधिकार ही नहीं माना। गाँव के लोगों के न बैंक में खाते थे और न ही उन्हें बैंक से कोई सुविधा मिल पाती थी। हमारी सरकार ने जन-धन योजना में 40 करोड़ से अधिक लोगों के बैंक खाते खुलवाए, पोस्ट ऑफिस का उपयोग कर गाँवों तक बैंकों की पहुँच बढ़ाई और बैंक मित्र एवं बैंक सखी के माध्यम से लोगों को बैंकों से जोड़ा। इस अभियान का प्रभाव गाँवों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। खेती-किसानी से लेकर व्यापार तक में ग्रामीणों को बैंकों की मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में करीब ढाई लाख करोड़ रूपए सीधे किसानों के खातों में भेजे गए हैं। इस योजना से मध्यप्रदेश के लगभग 90 लाख किसानों को 18 हजार 500 करोड़ रूपए मिले हैं। रीवा के किसानों को इस निधि से लगभग 500 करोड़ रूपए प्राप्त हुए हैं। एमएसपी बढ़ाने से गाँवों में अतिरिक्त राशि पहुँच रही है। साथ ही गाँव में रहने वाले गरीब परिवारों को कोरोना काल से मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। गरीब कल्याण की इस योजना पर भी 3 लाख करोड़ रूपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। गाँवों में हो रहे इन कार्यों से रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। गाँव के युवाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से संचालित मुद्रा योजना में 24 लाख करोड़ रूपये की मदद दी गई है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि धरती हमारी माँ है और माँ को मारने का हक किसी को नहीं है। खेती में बढ़ते रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों के उपयोग ने धरती के लिए संकटपूर्ण स्थिति निर्मित कर दी है। सभी पंचायत प्रतिनिधियों को धरती की सेहत सुधारने के लिए कृत-संकल्पित होना होगा। हम प्राकृतिक खेती अपना कर और लोगों को यह पद्धति अपनाने के लिए प्रेरित कर अपना योगदान दे सकते हैं। पंचायतें प्राकृतिक खेती पर केन्द्रित जन-जागरण अभियान चलाएँ।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश में रेलवे नेटवर्क के विस्तार से प्रदेशवासियों को हुए लाभ, पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं और रोजगार के नए अवसरों तथा किसानों, विद्यार्थियों, कारोबारियों को होने वाली सुविधा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मन की बात के 100 एपिसोड पूर्ण होने के संबंध में कहा कि मध्यप्रदेश के अनेक लोगों की उपलब्धियों का उल्लेख मन की बात में आया है। उन्होंने आगामी रविवार को मन की बात के 100वें एपिसोड से अधिक से अधिक लोगों को जुड़ने की अपील की।

प्रदेशवासी 30 अप्रैल को मन की बात के 100वें एपिसोड से अवश्य जुड़ें - मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी देशवासियों के दिल में बसते हैं। उनकी मन की बात, देशवासी सुनते भी हैं और आत्मसात भी करते हैं। यह सौभाग्य का विषय है कि मन की बात के 100वें एपिसोड का प्रसारण 30 अप्रैल को होगा। प्रदेश के सभी पोलिंग बूथ, वार्डों और पंचायतों में मन की बात सुनने की व्यवस्था की जाएगी। प्रदेशवासी 30 अप्रैल को प्रात: 10.45 बजे से मन की बात कार्यक्रम से अवश्य जुड़ें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का रीवा में सुपारी से बनने वाले खिलौना भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश और प्रदेश बदल रहा है। विंध्य क्षेत्र में भी रोड कनेक्टिविटी और सिंचाई क्षेत्र के साथ ही सभी क्षेत्रों में विकास हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान की आय दोगुनी करने का वचन दिया था। प्रदेश में गेहूँ, धान और सरसों का उपार्जन बढ़ा है। प्रधानमंत्री की मंशानुरूप किसानों की आय दोगुना करने का काम मध्यप्रदेश की धरती पर पूरा हुआ है। जल जीवन मिशन में ग्रामवासियों को घर में नल से जल उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में व्यापक स्तर पर गतिविधियाँ जारी हैं। विंध्य क्षेत्र को रेल कनेक्टिविटी के साथ नये एयरपोर्ट की सौगात भी मिल रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने धरती को बचाने और पर्यावरण-संरक्षण के लिए अपनी भावनाएँ व्यक्त की हैं। प्रदेशवासी पर्यावरण-संरक्षण और धरती की सेहत में सुधार के लिए संकल्पित हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेशवासियों को बिजली बचाने, पानी बचाने, पेड़ लगाने, प्राकृतिक खेती को अपनाने और स्वच्छता में योगदान देने का संकल्प दिलाया।

केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम में पधार कर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्रामवासियों का उत्साह बढ़ाया है। यह इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी गाँव, गरीब और किसान से निकट से जुड़े हैं। उन्होंने पंचायती राज और ग्रामीण विकास की बेहतरी के लिए निरंतर प्रेरणा दी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में कार्बन न्यूट्रल पंचायत, पानीयुक्त गाँव, ग्रीन पंचायत के माध्यम से प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने मध्यप्रदेश में लागू की गई मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित गतिविधियों की सराहना की।

एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का शुभारंभ

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर देश भर की पंचायतों के लिए एकीकृत ई-ग्राम स्वराज और जीईएम पोर्टल का लघु फिल्म के माध्यम से राष्ट्रीय शुभारंभ किया। इस एकीकृत पोर्टल से पंचायतें सामान और सेवाओं की खरीद और उनका भुगतान डिजिटल तरीके से कर सकेंगी।

"एकम समावेशी विकास" वेबसाइट और मोबाइल ऐप लांच

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के लिए समावेशी विकास थीम का भी शुभारंभ किया। लघु फिल्म से "एकम समावेशी विकास" वेबसाइट और मोबाइल एप को राष्ट्रीय स्तर पर लांच किया गया। सरकार की योजनाओं का पूर्ण लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में लोगों की भागीदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने "विकास की ओर साझे क़दम" अभियान का भी शुभांरभ किया। समावेशी विकास पर केन्द्रित इस अभियान में अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश का 1 करोड़ 25 लाखवां स्वामित्व संपत्ति कार्ड सिंगरौली जिले के ग्राम गड़हरा की श्रीमती सीता साकेत तथा श्री सूरजलाल साकेत को प्रदान किया। इसमें गाँव की आबादी भूमि और घरों के सर्वे तथा मानचित्रण के बाद भूमि स्वामियों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक और अधिकार अभिलेख उपलब्ध कराए जाते हैं। योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश, देश में प्रारंभ से ही अग्रणी है। "स्वामित्व- मेरी संपत्ति मेरा हक" पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ।

2300 करोड़ रूपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और शुभारंभ

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लगभग 2300 करोड़ रूपये की विभिन्न रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और शुभारंभ भी किया। इनमें रीवा से इतवारी (नागपुर) व्हाया छिन्दवाड़ा, छिन्दवाड़ा से नैनपुर और नैनपुर से छिन्दवाड़ा चलने वाली ट्रेन का हरी झण्डी दिखाकर शुभारंभ किया। साथ ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन के 535 करोड़ रूपए की लागत से पुनर्विकास कार्य का शिलान्यास किया।

जल जीवन मिशन की 7,853 करोड़ रुपये की 5 परियोजनाओं का शिलान्यास

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कार्यक्रम में जल जीवन मिशन की लगभग 7,853 करोड़ रुपये की 5 परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनमें रीवा जिले की 2319 करोड़ 45 लाख रूपये लागत की 1411 गाँव में पानी पहुँचाने वाली रीवा बाणसागर परियोजना, रुपये 2153 करोड़ 12 लाख लागत की रीवा और सतना जिले के 295 गाँव को लाभान्वित करने वाली सतना बाणसागर-2 परियोजना जल-प्रदाय योजना, रूपये 1641 करोड़ 52 लाख रूपये लागत की 677 गाँव में पीने का पानी पहुँचाने वाली सीधी बाणसागर समूह नल-जल योजना, रूपये 951 करोड़ 18 लाख रूपये लागत की रीवा जिले के 630 गाँव को लाभान्वित करने वाली टमस समूह नल-जल योजना और रूपये 788 करोड़ 63 लाख रूपये लागत की 323 गाँव को लाभान्वित करने वाली गुलाब सागर समूह जल-प्रदाय योजना शामिल है। इन योजनाओं से 4 हजार 36 गाँव के लगभग 9 लाख 48 हजार परिवार लाभान्वित होंगे।

"धरती कहे पुकार के" शीर्षक की सांस्कृतिक प्रस्तुति

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और नवाचारों पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन, आजीविका मिशन, अमृत सरोवर, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए होमस्टे, हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, जल जीवन मिशन, स्वामित्व योजना, रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजना, बाणसागर परियोजना, व्हाइट टाइगर प्रोजेक्ट और कृषि के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों पर केंद्रित स्टाल थे। कार्यक्रम के आरंभ में "धरती कहे पुकार के" शीर्षक से सांस्कृतिक प्रस्तुति भी हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस समारोह का साक्षी बनने के लिए देश की सभी ग्राम सभाएँ कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ी।

केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटील, केन्द्रीय जल-शक्ति एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम, मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, सांसद श्री वी.डी. शर्मा, श्री जनार्दन मिश्र, श्री गणेश सिंह, श्रीमती रीति पाठक, पूर्व मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ला, विधायक, जन-प्रतिनिधि, केन्द्र, मध्यप्रदेश शासन और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। समारोह में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न योजनाओं के हितग्राही और स्थानीय निवासी बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

Friday, 21 April 2023

वोल्टास लिमिटेड देगा आईटीआई के युवाओं को प्रशिक्षण

 एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

केन्द्र सरकार की ड्यूल सिस्टम ऑफ ट्रेनिंग (DST) में शासकीय संभागीय आईटीआई ग्वालियर, इंदौर और भोपाल के साथ वोल्टास लिमिटेड ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है। एमओयू के अनुसार प्रशिक्षणार्थी मैकेनिक, रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनिंग ट्रेड का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। युवाओं को प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड भी प्राप्त होगा।

शासकीय आईटीआई ग्वालियर, इंदौर एवं भोपाल के प्रशिक्षणार्थी संस्थान में सैद्धांतिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वोल्टास लिमिटेड की विनिर्माण, इंजीनियरिंग समाधान, रख-रखाव सेवाओं एवं मरम्मत सुविधा में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षणार्थियों को कार्य के वास्तविक दुनिया के माहौल में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना तथा रेफ्रिजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग मैकेनिक के क्षेत्र में कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। प्रशिक्षण से रोजगार के साथ स्व-रोजगार के भी अवसर प्राप्त होंगे। साथ ही उद्योग की आवश्यकताओं और कार्यबल के कौशल के बीच की खाई को पाटने में मददगार साबित होगा। प्रशिक्षणार्थी शासकीय आईटीआई में शैक्षणिक-सत्र 2023-24 से प्रवेश ले सकेंगे।

एमओयू श्री जी.एन. अग्रवाल अतिरिक्त संचालक कौशल विकास संचालनालय मध्यप्रदेश के मार्गदर्शन में निष्पादित किया गया। शासकीय आईटीआई इंदौर के प्राचार्य श्री जी.एस. साजापुरकर एवं टी.पी.ओ श्री विपिन पुरोहित, शासकीय आईटीआई भोपाल के प्राचार्य श्री श्रीकांत गोलाईत एवं टी.पी.ओ श्री विलास नागदावने एवं वोल्टास लिमिटेड के श्री रवि शर्मा की उपस्थिति में एमओयू का आदान-प्रदान हुआ।

कर्मचारी चयन मण्डल की सभी परीक्षाओं का एक बार ही लिया जाएगा परीक्षा शुल्क

 राज्य शासन द्वारा आदेश जारी

राज्य शासन ने कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से होने वाली सभी परीक्षाओं में वन टाइम परीक्षा शुल्क लेने और रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करने का आदेश जारी किया है, जो आगामी एक वर्ष तक लागू रहेगा। अब मण्डल की समस्त परीक्षाओं में उम्मीदवार से एक बार ही परीक्षा शुल्क लिया जाएगा।

आवेदक को मात्र एक बार प्रोफाइल रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद पहली परीक्षा में आवेदन भरने पर निर्धारित परीक्षा और पोर्टल शुल्क देना होगा। आवेदक को इसके बाद कर्मचारी चयन मण्डल की किसी भी अन्य परीक्षा में आवेदन भरते समय परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन भरते समय एम.पी. ऑनलाइन का निर्धारित पोर्टल शुल्क यथावत देना होगा।

किफायती होने के साथ अधिक फायदा देता है बकरी पालन

 योजना में 10 बकरी और एक बकरा देने का है प्रावधान

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि बड़े पशुओं की तुलना में बकरी पालन पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से काफी फायदेमंद है। राज्य शासन द्वारा बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई योजना संचालित है। इसमें हितग्राही को 10 बकरी और एक बकरा दिया जाता है। इकाई की लागत 77 हजार 456 रूपये है। सामान्य वर्ग के हितग्राही को इकाई लागत का 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति को इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। वर्ष 2022-23 में सामान्य वर्ग के 169, अनुसूचित जनजाति के 71 और अनुसूचित जाति के 75 लोगों को योजना का लाभ दिया गया।

बकरी पालन मजदूर, सीमांत और लघु किसानों में काफी लोकप्रिय है। चाहे घरेलू स्तर पर 2-4 बकरी पालन हो या व्यवसायिक फार्म में दर्जनों, सैकड़ों या हजारों की तादाद में, इनकी देख-रेख और चारा पानी पर खर्च बहुत कम होता है। वैज्ञानिक तरीके से पालन करने से 4-5 माह में आमदनी शुरू हो जाती है।

बकरी पालन टिप्स

बकरी की प्रजाति का चुनाव स्थानीय वातावरण को ध्यान में रख कर करना चाहिए। कम बच्चे देने वाली या अधिक बच्चे देने वाली बकरियों से कमाई एक-सी ही होती है। उन्नत नस्ल की प्राप्ति के लिए बाहर से बकरा लाकर स्थानीय बकरियों के संपर्क में लाना चाहिए। आमतौर पर इसके लिए अप्रैल-मई और अक्टूबर-नवम्बर माह अनुकूल रहता है।

संभव हो तो बकरी का बाड़ा पूर्व से पश्चिम दिशा में ज्यादा फैला होना चाहिए। बाड़े की लंबाई की दीवार की ऊँचाई एक मीटर और उसके ऊपर 40X60 वर्ग फीट की जाली होना चाहिए। बाड़े का फर्श कच्चा और रेतीला होना चाहिए। रोग मुक्त रखने के लिए समय-समय पर चूने का छिड़काव करना चाहिए। जन्म के एक सप्ताह के बाद मेमने और बकरी को अलग-अलग रखना चाहिए। एक वयस्क बकरी को उसके वजन के अनुसार रोजाना एक से तीन किलोग्राम हरा चारा, आधा से एक किलोग्राम भूसा और डेढ़ से चार सौ ग्राम दाना रोजाना खिलाना चाहिए। बकरियों को साबुत अनाज और सरसों की खली नहीं खिलाना चाहिए। दाने में 60 प्रतिशत दला हुआ अनाज, 15 प्रतिशत चोकर, 15 प्रतिशत खली, 2 प्रतिशत खनिज तत्व और एक प्रतिशत नमक होना चाहिए।

बकरियों को पीपीआर, ई.टी. खुरपका, गलघोंटू और चेचक के टीके जरूर लगवायें। यह टीके मेमनों को 3-4 माह की उम्र के बाद लगते हैं। साथ ही अंत:परजीवी नाशक दवाइयाँ साल में दो बार जरूर पिलायें। अधिक सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने के इंतजाम करें। नवजात मेमने को आधे घंटे के भीतर बकरी का पहला दूध पिलाने से उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ जाती है।

वर्ष 2023 की राज्य स्तरीय खेलवृत्ति के लिए 31 मई तक आवेदन आमंत्रित

 

खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2023 के राज्य स्तरीय खेलवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किये हैं। खेलवृत्ति के लिये अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक विजेता प्रतिभावान खिलाड़ियों को 31 मई तक अपने आवेदन जमा करना होंगे।

अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को 10 हजार, रजत पदक विजेता को 8 हजार तथा काँस्य पदक विजेता को 6 हजार रूपये की खेलवृत्ति का प्रावधान है। खेलवृत्ति के लिये आवेदन संबंधित जिले के जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी से प्राप्त किये जा सकते हैं। खेलवृत्ति के लिये निर्धारित दिशा-निर्देश एवं नियमावली विभागीय वेबसाइट www.dsywmp.gov.in पर उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश राज्य खेल अकादमी, प्रशिक्षण केन्द्र, फीडर सेंटर, भारतीय खेल प्राधिकरण एवं खेल छात्रावास में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को खेलवृत्ति की पात्रता नहीं होगी।

उल्लेखनीय है कि "अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार एवं प्रोत्साहन नियम-2019'' में मान्यता प्राप्त खेल संघ द्वारा आयोजित अधिकृत राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में पदक अर्जित करने वाले जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों को खेलवृत्ति प्रदान किये जाने का प्रावधान है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ पौध-रोपण किया

 करंज, नीम और चंपा के पौधे लगाए

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट उद्यान में नीम, करंज और चंपा के पौधे लगाए। सामाजिक कार्यकर्ता सर्वश्री संदेश राजपूत, विवेक भास्कर, शिवेंद्र राजपूत, रतन सिंह, राज सिंह, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा की सुश्री भगवती शुक्ला, सर्वश्री प्रशांत तिवारी, संदीप शर्मा, भूपेन्द्र वालोटिया, आकाश शर्मा, सत्येन्द्र शर्मा, रविरूद्र शर्मा, गोपाल कृष्ण पाठक और हरीश शर्मा भी पौध-रोपण में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ पीआर एसआई संस्था के सर्वश्री विजय बोंद्रिया, अविनाश वाजपेयी, मनोज द्विवेदी, प्रकाश साकल्ले, दिनेश शुक्ला, के.के. शुक्ला, पंकज मिश्रा, महावीर उपाध्याय और सुश्री बबीता ने भी पौधे लगाए।

सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती माया पटेल, श्री प्रेम नारायण पटेल, सुश्री हिमांशी, शिवांशी, पार्थ पटेल, योगेश पटेल, प्रकाश मालवीय और विवेक साहू ने भी पौध-रोपण किया।

सिविल सेवकों का जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं, अपनों के लिए होता है : मुख्यमंत्री श्री चौहान

 टीम मध्यप्रदेश ने प्रदेश के विकास में किया जुट कर कार्य

मध्यप्रदेश में हुआ है सराहनीय कार्य-संस्कृति का विकास
प्रशासन अकादमी सभा कक्ष में मनाया गया सिविल सर्विस-डे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सिविल सेवकों से कहा कि आपका जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं अपनों के लिए होता है। जन-कल्याण सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। आम जनता से जुड़े छोटे-छोटे कार्य, वास्तव में बड़े-बड़े कार्य होते हैं। सिविल सेवक इन कार्यों को समय पर पूरा करवा लें, यही सुशासन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल के सभा कक्ष में सिविल सर्विस-डे के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा मूल काम समाज सेवा है। हम जो भी कार्य करते हैं, आम नागरिकों के लिए ही होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीम मध्यप्रदेश को सिविल सेवा दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ दी। सिविल सेवा दिवस पर हुए इस विशेष कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद, लेखक इन्फोसिस के पूर्व सदस्य और वर्तमान में मणिपाल ग्लोबल एजुकेशनल के अध्यक्ष श्री मोहनदास पाई थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सर्विस-डे का अर्थ यही है कि हम लोक सेवक हैं और देश की सेवा हमारा मुख्य उद्देश्य है। लोकतंत्र में जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवा दिवस 2023 की थीम "विकसित भारत, नागरिकों को सशक्त करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना है।" उन्होंने टीम मध्यप्रदेश को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि सबने मिल कर मध्यप्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। टीम मध्यप्रदेश ने जुट कर कार्य किया है। मध्यप्रदेश में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन आया है। सिंचाई की क्षमता को हमने आश्चर्यजनक रूप से साढ़े 7 लाख हेक्टयर से बढ़ा कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुँचा दिया है। इसे क्रास कर अब 65 लाख हेक्टेयर पर काम करेंगे। आज 4 लाख किलोमीटर सड़कें प्रदेश में बन चुकी हैं। किसी समय यह सिर्फ 71 हजार किलोमीटर हुआ करती थी और टूटी-फूटी हालत में होती थी। अब प्रदेश में शानदार सड़कें हैं। प्रदेश में ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत कार्य हुआ है। प्रदेश में अच्छे संसाधन हैं, इसलिए हम कार्य कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निर्माण विभाग भी सक्रिय रहे। मध्यप्रदेश की गिनती आज विकसित प्रांतों में है, मध्यप्रदेश बीमारू नहीं है। इसका श्रेय टीम मध्यप्रदेश के असाधारण परिश्रम को है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम जन के बिना हमारा कार्य नहीं होता, हम हितग्राही तक पहुँच जाते हैं। प्रदेश में विकास यात्राएँ जन- कल्याण यात्राएँ बन गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अधो-संरचना की बात करें तो यह देखने को मिलता है कि काफी सकारात्मक परिवर्तन आया है। कृषि उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। अनाज के भंडार भरे हैं। प्रति व्यक्ति आय बड़ी है। देश की जीएसडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान बढ़ा है। वर्ष 2005-06 में प्रदेश में का बजट आकार 25 हजार करोड़ होता था, वो बढ़ कर वर्ष 2012-13 में एक लाख करोड़, वर्ष 2020-21 में दो लाख करोड़ और इस बार 3 लाख करोड़ को पार कर गया है, यह आसान बात नहीं है। असाधारण उपलब्धि है। मध्यप्रदेश ने तुलनात्मक रूप से लम्बी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय टीम मध्यप्रदेश को जाता है।

सुशासन से जनता और प्रशासन की दूरी हुई है समाप्त

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता और प्रशासन के बीच की दूरी समाप्त की गई है, जो सुशासन के प्रयासों से संभव हुआ है। मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान से केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से 83 लाख से अधिक हितग्राहियों को जोड़ने में सफलता मिली। हमारे कार्यक्रम जनता के कार्यक्रम बन गए। जनता की निर्णयों में भी भागीदारी हो गई है। आगामी 10 से 25 मई तक समस्याओं के निराकरण के लिए पुन: अभियान संचालित किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवकों को यह चुनौती स्वीकार करना है कि नागरिकों को अपने कामों के लिए भटकना न पड़े। गाँव और शहरों के वार्डों में शिविरों के माध्यम से समस्याएँ हल की जाएँ। सीएम हेल्प लाइन सहित सुशासन की दिशा में अनेक उपायों को लागू किया गया। जन सुनवाई, वन-डे गर्वेनेंस और समाधान ऑनलाइन ऐसे ही उपाय हैं। इनको तकनीकी से जोड़ कर कार्यों के निपटारे के साथ सामने आने वाली विसंगतियों को भी दूर करने पर ध्यान देना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गीता के श्लोकों के माध्यम से सिविल सेवक की भूमिका कैसी हो, इसका विस्तारपूर्वक उल्लेख भी किया।

मध्यप्रदेश में सुशासन और अधिकारियों की श्रेष्ठ भूमिका

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सुशासन के क्षेत्र में निरंतर कार्य हुआ है। बुरहानपुर में हर घर जल पहुँचाने और गति शक्ति प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के कार्य हुए हैं। प्रदेश में अनेक नवाचार भी प्रशासनिक स्तर पर हुए हैं। अधिकांश सिविल सेवक श्रेष्ठ भूमिका का निर्वहन करते हुए सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों को जमीन पर उतारने का कार्य कुशलता से कर रहे हैं। प्रदेश के सिविल सेवक तेजी से क्रियान्वयन का गुण भी रखते हैं, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनने के बाद दो माह में आवश्यक वातावरण निर्माण और एक करोड़ से अधिक पंजीयन इसका उदाहरण है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवक एक लीडर भी हैं और उनका दायित्व सभी को सम दृष्टि से देख कर सबका उत्साह भी बढ़ाना है। व्यक्ति में अहंकार न हो। उत्साह में कमी न हो। धैर्य के साथ समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जाए। मनोवृत्ति यह होना चाहिए कि किसी निराशा से घिरे व्यक्ति को भी उत्साहित कर दें। व्यक्ति जैसा सोचता है वैसा बन भी जाता है। सिविल सेवक सिर्फ अपने लिए कार्य नहीं करता बल्कि उसके कार्य से जनता और पूरा देश प्रभावित होता है। अप्रासंगिक कार्य को भी प्रासंगिक बनाने की कला होना चाहिए। एक व्यक्ति चाहे तो देश के प्रति विश्व की धारणा बदल सकता है। यह बात समस्त देशवासियों ने अनुभव की है। इसी तरह एक सिविल सेवक सही दिशा में कार्य कर विभाग को बदल सकता है। सिविल सेवक अधिकतम योगदान देने का प्रयास करें। इसलिए सिविल सेवाएँ सिर्फ व्यक्ति के लिए न होकर, राष्ट्र के लिए उपयोगी मानी गई हैं।

आनंद और प्रसन्नता के साथ करें कार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने मनुष्य को अनंत शक्तियों का भंडार बताया है। किसी कार्य में पूरी तरह प्रयत्न करना आवश्यक है। यदि एक बार सफल नहीं हुए तो पुन: प्रयास करना ही चाहिए। समय का भी सद्पयोग करना चाहिए। एक-एक क्षण कीमती है। जब तक व्यक्ति का जीवन है, दूसरों की जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए हर पल का उपयोग किया जाए। प्राय: धन-दौलत से सुख प्राप्त नहीं होता। ईमानदारी पूर्वक कार्य करने से अच्छे परिणाम निकलते हैं। कोरोना काल में अधिकारियों ने जिस जज्बे से कार्य किया वो गर्व करने लायक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिविल सेवकों से आहवान किया कि आनंद और प्रसन्नता से कार्य करें। परिवार में सभी सदस्यों का ध्यान रखते हुए मनोयोग पूर्वक अपने शासकीय दायित्वों को निभाना आसान होता है। ऐसा ही जीवन प्रासंगिक होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य के लिए हम तेजी से कार्य करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इस कार्य को पूरी निष्ठा से पूर्ण करना है।

योजनाएँ जनता के सुझावों पर बनी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता भी विकास कार्यों में भागीदारी कर रही है। मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद हो या अन्य संगठन, सभी मिल कर योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदार हैं। मध्यप्रदेश में अनेक योजनाएँ आम जनता के सुझावों पर बनी हैं। प्रदेश में एक आदर्श कार्य-संस्कृति निर्मित हुई है। जिलों में जनता और कलेक्टर के बीच की दूरी खत्म हुई है।

अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं सिविल सेवक

मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि सिविल सर्विसेज की लंबी परंपरा देश में रही है। विशेष परिस्थितियों और चुनौतीपूर्ण स्थितियों का हमारी प्रशासनिक व्यवस्था डट कर मुकाबला करती है। श्री बैंस ने कहा कि अपने लंबे कार्यकाल में उन्हें ऐसा अवसर याद नहीं आता जब हमें कोई विशेष दायित्व दिया गया हो और अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे हों। मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसी दक्ष टीम के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है, इस बात का संतोष है और गर्व भी है। उन्होंने कहा कि चाहे कोरोना काल की बात हो या सिंहस्थ के आयोजन की बात हो या फिर माफिया के खिलाफ कार्रवाई का समय हो, अधो-संरचना का विकास हो या जनता की समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था हो, मध्यप्रदेश में सभी प्रशासनिक आयामों पर अनेक उपलब्धियों का इतिहास रचा गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि हम जो भी कार्य करते हैं उसका विश्लेषण भी किया जाता है। अनेक कमियाँ भी सामने आती हैं और बहुत सा अच्छा कार्य कमियों के आगे दब जाता है। अपने श्रेष्ठ कार्यों को प्रचारित करने और उनकी व्याख्या करने के प्रति भी हमें सजग रहना चाहिए।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान और अतिथियों ने दीप जला कर सिविल सर्विस-डे का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान का श्री अनिरुद्ध मुखर्जी ने स्वागत किया। मुख्य सचिव और अन्य अतिथियों का भी स्वागत पुष्प-गुच्छ से किया गया। पुलिस महानिदेशक श्री सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन श्री विनोद कुमार सहित बड़ी संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, भारतीय पुलिस सेवा और वन सेवा के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर्स, कमिश्नर्स और मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी वर्चुअली जुड़े।