Tuesday, 25 July 2023

विकास पर्व के दौरान प्रदेश में लगभग 15 हजार 175 करोड़ के भूमि-पूजन एवं लोकार्पण

 

विकास पर्व 16 जुलाई - 14 अगस्त 2023

प्रदेश में चलाए जा रहे विकास पर्व के दौरान 24 जुलाई तक लगभग 15 हजार 175 करोड़ 9 लाख 5 हजार रूपये लागत के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन/लोकार्पण किया गया। प्रदेश के सभी जिलों में विकास एवं निर्माण कार्यों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन का क्रम जारी है।

प्रदेश में विकास पर्व के नौवे दिन 24 जुलाई को कुल 99 करोड़ 6 लाख 51 हजार रूपये के विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया गया। इंदौर जिले में 4 करोड़ 71 लाख 32 हजार, रतलाम जिले में 85 लाख 16 हजार, सतना जिले में 1 करोड़ 44 लाख, पन्ना जिले में 2 लाख 53 हजार, मुरैना जिले में 5 लाख, गुना जिले में 9 करोड़ 19 लाख, खण्डवा जिले में 7 करोड़ 30 लाख 95 हजार, रायसेन जिले में 30 लाख 75 हजार, अशोक नगर जिले में 43 लाख, शहडोल जिले में 24 लाख 90 हजार, मंदसौर जिले में 7 करोड़ 99 लाख 14 हजार, झाबुआ जिले में 65 करोड़ 40 लाख 26 हजार, कटनी जिले में 13 लाख 50 हजार और उमरिया जिले में 97 लाख विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किये गये।

रामसर साइट साख्य सागर माधव राष्ट्रीय पार्क

 

मध्यप्रदेश में 4 रामसर साइट हैं। भोपाल की भोज वेटलेण्ड, शिवपुरी की साख्य सागर, इंदौर की सिरपुर और यशवंत सागर। रामसर साइट घोषित होने से इनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व और संरक्षण बढ़ जाता है।

साख्य सागर झील शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित है। झील को चांदपाठा के नाम से भी जाना जाता है। रामसर कन्वेंशन द्वारा जुलाई 2022 में देश के पाँच वेटलेंडस को रामसर साइट का दर्जा दिया गया। उसमें मध्यप्रदेश की यह झील भी शामिल है। भोज वेटलेंड के बाद इसे प्रदेश की दूसरी रामसर साइट होने का गौरव प्राप्त है।

साख्य सागर झील का निर्माण ग्वालियर राज्य के तत्कालीन महाराजा सिंधिया द्वारा 19वीं शताब्दी में मनियर नदी पर बाँध बनाकर किया गया था। झील निर्माण का मुख्य उद्देश्य सिंचाई, मछली पालन, मनोरंजन आदि था। इसे माधव राष्ट्रीय उद्यान के रूप में वर्ष 1956 में 167 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल के साथ अधिसूचित किया गया था। वर्ष 1959 में ग्वालियर के महाराजा माधव राव सिंधिया के नाम पर इसका नाम बदलकर माधव राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया।

साख्य सागर झील प्रदेश के महत्वपूर्ण जलीय प्रणालियों में से एक है, जो जैव विविधता से समृद्ध है। मनियर नदी के अलावा कई छोटी-बड़ी नदियाँ एवं नाले इस झील में आकर मिलते हैं। झील के आस-पास माधव राष्ट्रीय उद्यान के पहाड़ और घने जंगल हैं।

साख्य सागर स्थानीय एवं प्रवासी पक्षियों का आवास स्थल है। हर साल यहाँ गूस, पोचार्ड, पिंटेल, मल्लार्ड, शेल डक, गडवाल और शोर बर्ड्स आदि प्रवासीयों पक्षी आते हैं। स्थानीय पक्षियों में रेड-बॉटल्ड, लैपविंग, लार्ज पाइड वैंगटेल, इंडियन पोंड हेरॉन, कॉर्मोरेंट, पेंटेड स्टाक, व्हाइट आइबिस, पर्पल सनबर्ड और व्हाइट ब्रेस्टेड किंगफिशर है, जो आसानी से देखने को मिलते है। राष्ट्रीय उद्यान के उभयचरों के लिये यह उपयुक्त स्थल है। यह विभिन्न प्रकार के सरीसर्पो का निवास स्थान है यहां मगरमच्छ, अजगर और मॉनिटर लिजार्ड पाई जाती है। झील माधव राष्ट्रीय पार्क के आस-पास की जैव विविधता को बनाए रखती है। राष्ट्रीय उद्यान के अंदर होने के कारण यह झील चारों ओर हरियाली से घिरी हुई है और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।

प्रदेश में एक अगस्त से आयुष आपके द्वार योजना

 संचालनालय ने अधिकारियों को जारी किये दिशा-निर्देश

प्रदेश में वर्षाकाल में आयुष की पहुँच दुर्गम क्षेत्रों में भी सुनिश्चित करने के लिये आयुष आपके द्वार योजना एक अगस्त से में शुरू की जा रही है। योजना का मकसद वर्षाकाल में ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष मेला न हो पाने के कारण इस योजना के माध्यम से आयुष चिकित्सा की पहुँच सुनिश्चित की जायेगी। आयुष आपके द्वार योजना के संबंध में आयुष संचालनालय ने प्रधानाचार्य आयुष महाविद्यालय, संभागीय आयुष अधिकारी और जिला आयुष अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

वर्षाजनित रोग के उपचार की सुविधा

निर्देशों में कहा गया है कि बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रभावित होती हैं। इस स्थिति को देखते हुए जन-सामान्य को वर्षाजनित रोग के उपचार के लिये हाट-बाजार में आयुष औषधियों का नि:शुल्क वितरण किया जाये। इसके साथ ही जन-सामान्य को इस मौसम में होने वाली बीमारी से बचाव की जानकारी दी जाये और साफ-सफाई के प्रति जागरूक किया जाये। ऐसे जन-जागरण के कार्यक्रम हाट-बाजार के अलावा पंचायत, स्थानीय विद्यालय एवं महाविद्यालय परिसर में आयोजित किये जा सकते हैं। इस कार्य के लिये आयुष विभाग की समस्त संस्थाओं, आयुष महाविद्यालय, संबद्ध चिकित्सालय, आयुष विंग, आयुष औषधालय, आयुष ग्राम और आयुष हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर में पदस्थ अमले की मदद ली जाये। आयुष ग्राम में हेल्थ सर्वे फार्म में व्यक्ति की स्वास्थ्य रिपोर्ट दर्ज की जाये।

स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरण

दिशा-निर्देश में इस मौसम में होने वाली बीमारियों, उनके उपचार और उपलब्ध औषधियों के बारे में भी मैदानी अमले को जानकारी दी गई है। संचालनालय द्वारा योजना के क्रियान्वयन के दौरान होने वाली कार्यवाही की रिपोर्ट नियमित रूप से संचालनालय को भेजा जाना भी सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों का निर्वाचन संबंधी दो दिवसीय प्रशिक्षण कल से

 

विधानसभा निर्वाचन-2023

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अनुपम राजन ने बताया कि आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 की तैयारियों को लेकर कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण 26 एवं 27 जुलाई को आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल में भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर्स द्वारा दिया जाएगा। प्रशिक्षण में प्रदेश के सभी 52 जिलों के कलेक्टर, जिला निर्वाचन अधिकारी उपस्थित रहेंगे। दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को वल्नरेबिलिटी मैपिंग, स्वीप गतिविधि, एमसीएमसी, पेड न्यूज, मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन, ई-रोल, कानून व्यवस्था, ईवीएम, व्हीव्हीपीएटी सहित निर्वाचन संबंधी विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

सीहोर में 26 जुलाई को होगी जनसुनवाई

 विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम द्वारा किया जाएगा विद्युत शिकायतों का निराकरण

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सीहोर क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं की विद्युत संबंधी शिकायतों के शीघ्र निराकरण के लिए वृत्त कार्यालय सीहोर में 26 जुलाई को विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम की जनसुनवाई का आयोजन किया जाएगा।

गौरतलब है कि विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम द्वारा इस जनसुनवाई में सीहोर वृत्त के विद्युत उपभोक्ताओं की विद्युत विद्युत बिल, मीटर, नवीन कनेक्शन में विलंब, विद्युत आपूर्ति में व्यवधान, वोल्टेज, लोड शेडिंग/अधिसूचित विद्युत कटौती, सुरक्षा निधि पर ब्याज अदायगी संबंधी एवं अन्य शिकायतों की सुनवाई की जाएगी। शिकायतों का त्वरित निराकरण भी किया जाएगा।

कंपनी ने बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि दशहरा वाला बाग, मंत्री पेट्रोल पम्प के पास, इंदौर नाका स्थित वृत्त कार्यालय सीहोर में 26 जुलाई को सुबह 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक होने वाली जन-सुनवाई के माध्यम से बिजली उपभोक्ता अपनी विद्युत संबंधी शिकायतों का निराकरण कराने के लिए सुबह 11 बजे के पूर्व अपना रजिस्ट्रेशन कराना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोपे पीपल, कदम्ब और खिरनी के पौधे

 ग्राम पंचायत पेसा मोबिलाइजर कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने भी किया पौध-रोपण

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिदिन पौध-रोपण के क्रम में आज श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पीपल, कदंब और खिरनी के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ ग्राम पंचायत पेसा मोबिलाइजर कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्षों ने भी पौधे रोपे। पौध-रोपण में संघ के जिला अध्यक्षों सर्वश्री राजेन्द्र सलताने खरगोन, राजाराम साह डिंडोरी, क्षमता दीक्षित छिंदवाड़ा, उपेन्द्र कढ़ापे मंडला, रेशमा राठौर अनूपपुर, महिपाल बैगा शहडोल, दिनेश पोरवाल रतलाम, अजित बैगा उमरिया, विनोद सिंह दीक्षित बालाघाट, राकेश अम्लियार रतलाम, महावीर सिंह श्योपुर, संजय धुर्वे बैतूल, शहरूक धार, मनोज कुमार धुर्वे मंडला, महेश प्रसाद रैदास शहडोल, संदीप मंडावी बैतूल, सारिका भसमकर बैतूल, दीनबंधु कोल छिंदवाड़ा, धनराज बैतूल, अजमेर परस्ते डिंडोरी, राकेश पंदे बालाघाट, महेश नागवंशी छिंदवाड़ा, साक्षी दीक्षित छिंदवाड़ा, शितिक खान धार, रामनरेश सिंह बैतूल और राजेन्द्र यादव श्योपुर ने पौधे लगाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ पूर्व विधायक श्री ध्रुव नारायण सिंह तथा श्री शंकरलाल शर्मा ने अपने जन्म-दिवस पर पौधे लगाए। पौध-रोपण में सर्वश्री विनोद जैन, रामपाल चंद्रवंशी, आशीष ठाकुर, राजेन्द्र सिंह, अभिनव पाठक, अशोक सिंह, अजय साहू शामिल हुए।

आज से आरंभ हो रहा है लाड़ली बहना योजना का पंजीयन : मुख्यमंत्री श्री चौहान

 अब 21 से 23 वर्ष की विवाहित बेटियाँ भी योजना की पात्रता में शामिल

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना में किए गए परिवर्तनों के साथ आज से पुन: पंजीयन आरंभ हो रहा है। अब 21 से 23 वर्ष की विवाहित बेटियाँ भी योजना में शामिल हो सकेंगी। साथ ही फोर व्हीलर होने पर पात्रता न होने के प्रावधान के अनुसार परिवार में ट्रेक्टर होने के कारण जो बहनें छूटी थीं, उन्हें भी योजना में शामिल किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत में यह बात कही।

प्रधानमंत्री श्री मोदी 12 अगस्त को सागर में करेंगे संत रविदास मंदिर का भूमि-पूजन : मुख्यमंत्री श्री चौहान

 सामाजिक समरसता का संदेश देने आरंभ हो रही हैं पाँच यात्राएँ

मुख्यमंत्री सिंगरौली में करेंगे यात्रा का शुभारंभ आरंभ
धार, श्योपुर, बालाघाट और नीमच से भी आरंभ होंगी यात्राएँ
संत रविदास सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रसन्नता और आनंद का विषय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को सागर में संत शिरामणि रविदास महाराज के मंदिर निर्माण का भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी अद्भुत संत थे। भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों तथा विशेषकर "सियाराम मैं सब जग जानी" के भाव को मानकर संत रविदास ने न केवल भक्ति अपितु सेवा का भी एक नया इतिहास रचा। "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिलै सबन को अन्न-छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न" और "मन चंगा तो कठौती में गंगा", "प्रभुजी तुम चंदन हम पानी-जाकी अंग-अंग बास समानी"- प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा- प्रभु जी तुम दीपक हम बाती-जाकी जोति बरै दिन राती" जैसे समरसता के अद्भुत संदेशों और अपने सेवाभाव से संत रविदास जी ने ऐसे भाव का सृजन किया जिससे कई राजा-रानी उनके शिष्य बने।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे। राज्य सरकार सागर में उनका एक भव्य स्मारक बनाने जा रही है। संत रविदास जयंती पर मैंने इस आशय की घोषणा की थी, यह घोषणा अब साकार हो रही है। प्रदेश के अलग-अलग पाँच स्थानों से आज पाँच यात्राएँ आरंभ हो रही हैं। गाँव की मिट्टी और नदियों का जल एकत्रित करते हुए तथा सामाजिक समरसता का संदेश देते हुए यह यात्राएँ सागर पहुँचेंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे सिंगरौली से यात्रा प्रारंभ करेंगे। सिंगरौली के साथ-साथ ये यात्राएँ धार, श्योपुर, बालाघाट और नीमच से भी आरंभ हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के बनखेड़ी में जन-दर्शन के दौरान उमड़ा जन-सैलाव

 गाजे-बाजे के साथ कहीं पुष्प-वर्षा से तो कहीं शॉल-श्रीफल से किया मुख्यमंत्री का सम्मान

विकास पर्व के दौरान मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आज नर्मदापुरम के ग्राम बनखेड़ी में जन-दर्शन किया। इस दौरान नागरिकों ने उनका आत्मीय स्वागत और सम्मान किया। कहीं घरों की छत से, मुंडेर से, कहीं मंच से पुष्प-वर्षा की तो कहीं शॉल श्रीफल से मुख्यमंत्री श्री चौहान का आत्मीय स्वागत किया। लाड़ली बहनाओं द्वारा मुख्यमंत्री श्री चौहान की आरती उतारकर उनका स्वागत किया और अपने भैया को राखी भेंट कर फूल माला पहनाई गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान बनखेड़ी तिराहे से मस्जिद चौराहा मार्ग से जनदर्शन करते हुए कार्यक्रम स्थल पहुंचे। मार्ग पर स्वागत द्वारों और रंग-बिरंगे गुब्बारों से पूरा शहर सजाया गया।

       मार्ग पर अनेक स्थानों पर मंच बनाए गए थे। जहाँ  ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों व जिला पंचायत के प्रतिनिधियों द्वारा उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का सम्मान किया जा रहा था। इस दौरान ग्रामीण अंचल से बड़ी संख्या में महिलाओं के साथ किसान व युवा भी शामिल हुए। विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता जन-दर्शन में शामिल हुए। जनहित में चलाई जा रही विभिन्न लोकहितकारी योजनाओं के नाम तखतियों पर लिखकर हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।

कदम-कदम पर उत्साह का माहौल

मुख्यमंत्री श्री चौहान के बनखेड़ी आगमन पर नगर में कदम-कदम पर उत्साह का माहौल था। बच्चे, युवाओं, महिलाओं के साथ ही बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहे। अनेक स्थानों पर स्वागत द्वार बनाए गए थे। गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों को उड़ाकर तथा गुलाल उड़ाकर विकास पर्व मनाया जा रहा था। मुख्यमंत्री श्री चौहान का पंचायत प्रतिनिधियों, किसान संगठन, कृषि साख सहकारी समितियों के सदस्यों, स्वास्थ्य विभाग, जन अभियान परिषद, नगर पालिका कर्मचारी संगठन, व्यापारी वर्ग, सहित विभिन्न समाजों, सामाजिक संस्थाओं, महिला संगठनों, लाड़ली बहना सेना सहित विभिन्न संगठनों के द्वारा स्वागत किया गया। सांसद श्री राव उदयप्रताप सिंह, पिपरिया विधायक श्री ठाकुर दास नागवंशी, सोहागपुर विधायक श्री विजयपाल सिंह, श्री दर्शन सिंह चौधरी, श्री माधवदास अग्रवाल सहित अन्य जन-प्रतिनिधि एवं विशाल जन-समूह जन-दर्शन में शामिल हुआ।

चुनौतियों के साथ समाधान ज़रूरी : श्री पटेल

 राज्यपाल द्वारा एम्स में जनजातीय स्वास्थ्य पर सम्मेलन का शुभारम्भ

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय स्वास्थ्य की चुनौतियों का तत्परता के साथ समाधान ज़रूरी है। जनजातीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहुँच, काउंसलिंग, जन-सहयोग, जन-जागरण के और अधिक ठोस कार्यों की आवश्यकता है। उन्होंने पारंपरिक जनजातीय औषधियों की उपचारात्मक विरासत की खोज और हितधारकों के मध्य वैचारिक विमर्श को जनजातीय स्वास्थ्य के समाधान की दिशा में सार्थक पहल बताया हैं। राज्यपाल श्री पटेल कहा कि यहाँ हुआ चिंतन जनजातीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य की रीति-नीति का रोड मैप बनाने में सफल होगा।

राज्यपाल श्री पटेल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के सरदार वल्लभभाई पटेल भवन में आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन "भारत में जनजातीय स्वास्थ्य: वर्तमान परिदृश्य, अपूरित आवश्यकता और भविष्य की दिशा का अनावरण" विषय केन्द्रीत रहा।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय समुदाय तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बढ़ाने और जन-जागरण के लिए समान गति और बल के साथ प्रयास किए जाने चाहिए। जनजातीय समुदाय की पारंपरिक, सांस्कृतिक जीवन शैली को समझ कर कार्य किए जाने चाहिए। चिकित्सा, जनजातीय कल्याण के क्षेत्र के सभी हितधारकों को एक साथ कर, एकजुट प्रयास किया जाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल के रूप में विगत 2 वर्षों में उन्होंने सभी  जिलों का भ्रमण कर लिया है। भ्रमण में दूरस्थ अंचल के वंचित समुदायों के साथ संपर्क और संवाद कायम किया है। प्रदेश में जनजातीय समुदाय सिकल सेल और क्षय रोग की प्रमुखता के साथ ही थैलेसीमिया, कुष्ठ, लेप्टोस्पाइरोसिस और रतौंधी जैसे रोगों से पीड़ित रहा है। इसके समाधान के लिए एकीकृत पहल पर विचार किया जाना चाहिए।

राज्यपाल श्री पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल में बनी योजना दूध संजीवनी का उल्लेख करते हुए बताया कि योजना में स्कूलों में दूध वितरण के द्वारा बच्चों में रतौंधी और कुपोषण उन्मूलन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी मिले। इसलिए स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान प्रयासों में चिकित्सकीय प्रयासों के साथ खान-पान, आहार-विहार आदि के संबंध में काउंसिलिंग और आर्थिक सहयोग के प्रयासों पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने जनजातीय समुदाय के साथ सीधे संपर्क और संवाद के लिए ग्राम सभा को प्लेटफार्म बनाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा और पंचायतों के माध्यम से जनजातीय समुदाय की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य किया जाना अधिक प्रभावी होगा। जनजातीय समुदाय के साथ परिवार के सदस्य के समान संवाद कौशल पर बल दिया।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास बड़े बदलाव कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 में देश में कोई भी बच्चा सिकल सेल के साथ जन्म नहीं ले, इसके लिए जरूरी है सिकल सेल सर्वेक्षण में एक भी परिवार और एक भी व्यक्ति छूटे नहीं। उन्होंने जनजातीय स्वास्थ्य के प्रति एम्स भोपाल की वैचारिक चिंतन की पहल की सराहना की। यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर जनजातीय स्वास्थ्य प्रयासों का दिशा दर्शन करेगी।

अध्यक्ष एम्स डॉ. सुनील मलिक ने कहा कि संस्थान द्वारा जनजातीय स्वास्थ्य की दिशा में सभी आयामों, शोध, अनुसंधान, अकादमिक, क्लीनिकल गतिविधियों, नवाचार, प्रोत्साहन एवं प्रेरणास्पद कार्य किए जा रहे हैं। पारंपरिक जनजातीय विरासत और समृद्ध ज्ञान के अभिलेखन प्रयासों के द्वारा धरोहर का संरक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एम्स को जनजातीय स्वास्थ्य के हर आयाम में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा।

निदेशक एन.आई.आर.टी.एच. डॉक्टर अपरूप दास ने कहा कि जनजातीय स्वास्थ्य की दिशा में सम्मेलन की पहल अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। जनजातीय समुदाय के पास पहुँचकर, उनकी आवश्यकता के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता जनजातीय स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाएगा।

डॉ. मेधा कटारे ने बताया कि सम्मेलन में आकर्षक प्रस्तुतियों, इंटरैक्टिव पैनल चर्चाओं और विशेषज्ञों की अंतर्दृष्टि के माध्यम से प्रतिभागियों को जनजातीय स्वास्थ्य से संबंधित विविध मुद्दों और प्रथाओं के सम्बन्ध में व्यापक समझ विकसित की जाएगी।  सम्मेलन जनजातीय आबादी के लिए समान स्वास्थ्य देखभाल पहुँच और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए एक रोडमैप को रेखांकित करेगा।

कार्यपालक निदेशक एम्स भोपाल डॉ. अजय सिंह ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि जनजाति समुदाय की विशिष्टता  और पर्यावरण के साथ ही जनजातीय आबादी की सदियों से देखभाल कर रही पारंपरिक उपचार प्रणाली को एकीकृत कर स्वास्थ्य सेवाओं के दिशा-दर्शन का सम्मेलन में प्रयास किया जाएगा। एम्स में विशेष वार्ड भी तैयार किया जा रहा है।

कार्यक्रम में एम्स और एन.आई.आर.टी.एच. के मध्य एम.ओ.यू. का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर प्रबंध संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती प्रियंका दास सहित चिकित्सक एवं विशेषज्ञ मौजूद थे। आभार दंत चिकित्सक एम्स डॉ. अंशुल राय ने किया। राज्यपाल श्री पटेल ने प्रारम्भ में दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उनका शॉल, श्रीफल, स्मृति-चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। उन्होंने एम्स में पूर्व रोपित पौधे को सिंचित किया।

Monday, 24 July 2023

भोपाल की रामसर साइट भोज ताल

 

मध्यप्रदेश में 4 रामसर साइट हैं। भोपाल की भोज वेटलेण्ड, शिवपुरी की साख्य सागर, इंदौर की सिरपुर और यशवंत सागर। रामसर साइट घोषित होने से इनका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्व और संरक्षण बढ़ जाता है।

लोगों के बीच बड़ा और छोटा तालाब के नाम से प्रसिद्ध भोज वेटलेण्ड को भोज ताल के नाम से भी जाना जाता है। भोज वेटलेण्ड को वर्ष 2002 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की रामसर साइट का दर्जा मिला, जिसमें भोपाल के पश्चिम में स्थित 2 झीलें शामिल हैं।

भोज ताल का निर्माण मालवा क्षेत्र के शासक राजा भोज (1005-1055) द्वारा मुख्य जल-स्रोत कोलांस नदी पर बाँध का निर्माण कराया गया था। बड़े तालाब की जल निकासी भदभदा बाँध के माध्यम से कलियासोत जलाशय से कलियासोत नदी होते हुए बेतवा नदी में होती है। वहीं बड़े तालाब में कोलांस और उलझावन नदी से पानी आता है। दोनों झीलों का भोपाल शहर के लिये बहुत महत्व है।

छोटा तालाब का निर्माण नवाब हयात मोहम्मद खान के मंत्री नवाब छोटे खान ने सन् 1794 में करवाया था। पानी को रोकने के लिए बांध बनवाया था, जिसे पातरा पुल के नाम से जानते हैं। छोटे तालाब की जल निकासी से हलाली नदी का उद्धगम होता है जो आगे जाकर बेतवा में मिल जाती है। बड़े तालाब से भोपाल की लगभग 30 प्रतिशत आबादी को पीने का पानी मिलता है। वहीं लगभग 500 मछुआरों के परिवार का भरण-पोषण भी यह तालाब करता है।

भोज वेटलेंट का रख-रखाव भोपाल नगर निगम केन्द्र शासन द्वारा स्वीकृत राशि से करता है। भोज ताल प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र भी है। तालाब के बीचों-बीच तकिया टापू है। बोट क्लब पर विभिन्न वाटर स्पोर्ट्स जैसे कयाकिंग, कैनोइंग, राफ्टिंग, वाटर स्कीइंग, पैरासेलिंग आदि की किये जाते है। दक्षिण-पूर्वी किनारे पर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान है।

भोज वेटलेंट जैव-विविधता से समृद्ध है। शरद कालीन पक्षी गणना 2022 में 207 प्रजातियों के पक्षियों की पहचान की गई। सर्दियों में यहाँ हजारों किलोमीटर से दूरी तय कर दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भी आते है। हर साल लगभग 20 हजार पक्षी आवागमन करते हैं। इसके अलावा जीव-जन्तु और वनस्पतियाँ भी बहुतायत में मिलती हैं। इसमें मैक्रोफाइट्स की 106, फाइटोप्लांकटन 208, जूप्लेंक्टन की 105, मछलियों की 43, कीट 98 और 10 से अधिक सरीसृप और उभयचर प्रजातियाँ शामिल हैं।

प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थी अब 26 जुलाई तक कर सकेंगे शालाओं के विकल्प का चयन

प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थियों को आवंटित जिले में प्रदर्शित शालाओं के विकल्प के चयन के लिए समय सीमा में वृद्धि की गई है। संचालक लोक शिक्षण श्री के.के. द्विवेदी ने बताया कि अब प्राथमिक शिक्षक अभ्यर्थी https://trc.mponline.gov.in/ पोर्टल पर 26 जुलाई तक शालाओं के विकल्प के चयन कर सकेंगें। पूर्व में यह तिथि 24 जुलाई निर्धारित थी। अभ्यर्थियों को आवंटित जिले की विज्ञापित समस्त शालाओं को प्राथमिकता क्रम में चयन करना होगा। अभ्यर्थियों को सभी शालाओं का अनिवार्य रूप से चयन करना होगा अन्यथा उनके विकल्प लॉक नहीं होगें। प्राथमिक शिक्षक का पद जिला संवर्ग का है, अतः उन्हें आवंटित जिला किसी भी स्थिति में परिवर्तित नहीं होगा।

ज्ञातव्य है कि प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए 26 नवंबर 2022 को जारी विज्ञापन के अनुक्रम में प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा, 2020 में अर्हता प्राप्त अभ्यर्थी, जिनके नाम संवर्गवार अनुक्रम मेरिट क्रम में हैं, उनकी एम.पी. ऑनलाईन के पोर्टल पर जिलेवार प्रावधिक चयन सूची जारी की जा चुकी है।

निर्धारित समयावधि में शाला का विकल्प चयन न करने पर अथवा संबंधित को शालाएं आवंटित न हो पाने की स्थिति में विभाग की प्राथमिकता के आधार पर आवश्यकता के अनुरूप उपलब्ध रिक्तियों में से शाला का आवंटन किया जाएगा। यह आवंटन विभागवार, नियोक्तावार, संवर्गवार रोस्टर के आधार पर होगा। च्वाइस फिलिंग के आधार पर पदस्थापना अभ्यर्थी का अधिकार नहीं है, अतः अभ्यर्थी यह दावा नहीं कर सकेगा कि उसे विकल्प अनुसार ही पदस्थापना दी जाए। विभागीय प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति एवं पदस्थापना की जा सकेगी। अभ्यर्थी नियोजन संबंधी अद्यतन स्थिति के लिए एम.पी. ऑनलाईन का पोर्टल https://trc.mponline.gov.in/ को नियमित रूप से देख सकते हैं।

 

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा श्री मदन दास देवी के निधन पर दुख व्यक्त

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विचारक और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्री मदन दास देवी के निधन पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री मदन दास देवी जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध थे और आजीवन सेवा कार्यों से जुड़े रहे। उन्होंने हर दायित्व को गंभीरता से पूरा कर दिखाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ईश्वर से स्व. देवी जी की आत्मा की शांति और उनके शोकाकुल परिजन को यह दुख सहन करने की क्षमता देने की प्रार्थना की है।

विकास पर्व के दौरान प्रदेश में लगभग 15 हजार 76 करोड़ के भूमि-पूजन एवं लोकार्पण

 

विकास पर्व  16 जुलाई - 14 अगस्त 2023

प्रदेश में विकास पर्व के दौरान 23 जुलाई तक लगभग 15 हजार 76 करोड़ 2 लाख 54 हजार रूपये लागत के विकास एवं निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन/लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 जुलाई को जिला सीहोर में विकास पर्व पर 133 करोड़ 53 लाख रूपये के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। प्रदेश के सभी जिलों में विकास एवं निर्माण कार्यों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन का क्रम जारी है।

प्रदेश में विकास पर्व के पाँचवे एवं छठवें दिन 22-23 जुलाई को कुल 224 करोड़ 55 लाख 40 हजार रूपये के विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया गया। आगर-मालवा जिले में एक करोड़ 8 लाख 7 हजार, जबलपुर जिले में 36 करोड़ 19 लाख, सागर जिले में 4 करोड़ 82 लाख 26 हजार, इंदौर जिले में 3 करोड़ 56 लाख 62 हजार, सतना जिले में 43 लाख 88 हजार, मंदसौर जिले में 19 करोड़ 94 लाख 58 हजार, खण्डवा जिले में 3 करोड़ 70 लाख 9 हजार, रीवा जिले में 10 करोड़ 83 लाख 2 हजार, कटनी जिले में एक करोड़ 55 लाख, अशोकनगर जिले में 21 करोड़ 79 लाख, गुना जिले में 3 करोड़ 28 लाख 32 हजार, मुरैना जिले में 10 लाख, रायसेन जिले में 5 लाख, रतलाम जिले में 3 करोड़ 91 लाख और सीहोर जिले में 134 करोड़ 28 लाख रूपये के विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किये गये।

आलमपुर और दबोह में जल प्रदाय व्यवस्था का परीक्षण जारी

 

मध्यप्रदेश सरकार हर घर नल से जल पहुँचाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से भिण्ड जिले के आलमपुर और दबोह में जल प्रदाय परियोजना का कार्य किया जा रहा है। दोनों निकायों में जल प्रदाय परियोजना का कार्य लगभग अंतिम चरण में है यहॉ जल प्रदाय व्यवस्था का प्रायोगिक परीक्षण भी जारी है। दोनों निकायों में स्वच्छ जल पहुँचाने के लिए सिंध नदी से पानी लेकर इसे रतनगढ माता मंदिर के पास स्थित जल शोधन संयंत्र में शोधित किया जा रहा है। इस जल शोधन संयंत्र की क्षमता 3.88 एमएलडी है।

आलमपुर में पानी के संग्रहण के लिए 220 किलोलीटर का ओवर हैड टैंक निर्मित किया गया है। पहले से निर्मित 315 किलोलीटर के ओएचटी का उपयोग भी किया जा रहा है। आलमपुर में करीब 32 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाई गई है। वहीं दबोह में 400-400 किलोलीटर के दो पहले से मौजूद ओएचटी का उपयोग किया जा रहा है। यहाँ लगभग 51 किलोमीटर की वितरण लाइन बिछाई गई है। आलमपुर जल प्रदाय परियोजना की लागत लगभग 26 करोड़ 16 लाख रूपये और दबोह जल प्रदाय परियोजना की लागत लगभग 31 करोड़ 66 लाख रूपये है। रहवासियों का कहना है कि अब हमें पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ जल मिल रहा है। पानी भी नियमित तौर पर और उचित दबाब के साथ आ रहा है।

उल्लेखनीय है कि आलमपुर के समस्त 15 वार्डों में 1700 कनेक्शन दे दिए गए है। इसी तरह दबोह के भी समस्त 15 वार्डों में 3500 घरों को नल कनेक्शन से जोड़ दिया गया है। दोनों कस्बों की जल प्रदाय परियोजना के माध्यम से लगभग 26 हजार से अधिक की आबादी लाभन्वित हो रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बेलपत्र, करंज और नीम के पौधे लगाए

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट उद्यान में बेलपत्र, करंज और नीम के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ गंज बासौदा (विदिशा) की पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती मधुलिका रंजन अग्रवाल ने अपने पोते जक्ष के पहले जन्म-दिवस पर बेलपत्र का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पौध-रोपण कर बालक जक्ष को गोदी में लेकर दुलार किया। उनके परिजन सर्वश्री राजन अग्रवाल, दिलीप अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, सुश्री सुरभि अग्रवाल ने भी पौधे लगाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ श्रीमती अमिता त्रिवेदी ने अपने पिता श्रद्धेय मुरलीधर त्रिवेदी की 100वीं जयंती पर पौध-रोपण किया। डॉ. अनुजा पाठक, सुश्री सीमा त्रिवेदी और श्री पवन साथ थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ राष्ट्रीय सरपंच संघ के अध्यक्ष श्री जयराम पलसानिया ने पौधा लगाया, सुश्री पल्लवी जाट साथ थीं।

मूलभूत आवश्यकताओं और जन-उपयोगी सुविधाओं को दें सर्वोच्च प्राथमिकता - मुख्यमंत्री श्री चौहान

 भोपाल में महाराणा प्रताप पर केन्द्रित पार्क और रेजांगला युद्ध स्मारक बनेगा

ग्वालियर में विकसित होगा अंबेडकर धाम
मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई जिला खनिज प्रतिष्ठान की राज्य स्तरीय बैठक

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान में उपलब्ध राशि से जनजातीय मजरों-टोलों के विद्युतीकरण के कार्य प्राथमिकता पर कराए जाएं। मूलभूत आवश्यकताओं और जन-उपयोगी सुविधाओं से जुड़े कार्यों को सर्वोच्च महत्व दिया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में जिला खनिज प्रतिष्ठान की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। खनिज साधन तथा श्रम मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री राघवेंद्र कुमार सिंह, सचिव वित्त श्री अजीत सिंह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इंदौर का नेहरू स्टेडियम अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा

बैठक में विभिन्न जिलों के विभिन्न कार्यों की स्वीकृति दी गई। इनमें भोपाल में महाराणा प्रताप और उनके सहयोगियों के गौरवशाली इतिहास को दर्शाते हुए पार्क विकसित करने, शहीदों के सम्मान में रेजांगला युद्ध स्मारक के निर्माण और बंजारी में इनडोर और आउटडोर खेल गतिविधियों के लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम के उन्नयन और जगदीशपुर भोपाल में ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर केन्द्रित मिनी पार्क निर्माण के कार्यों को स्वीकृति दी गई। इंदौर स्थित नेहरू स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने, इंदौर के निकट जानापाव पहाड़ी पर रोप-वे निर्माण, ग्वालियर जिले में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर केन्द्रित अंबेडकर धाम स्थापित करने तथा दतिया में माँ पीतांबरा कॉरिडोर का निर्माण और वहाँ जन-सुविधाओं का विस्तार शामिल है।

नर्मदापुरम को दिया जाएगा स्मार्ट स्वरूप

नर्मदापुरम को धार्मिक, आध्यात्मिक नगरी के रूप में स्मार्ट स्वरूप देने, रीवा में कोल गढ़ी के जीर्णोद्धार, सीहोर जिले के ग्राम पिपलानी में कोरकू समुदाय के राजा श्री भभूत सिंह जी के नाम पर पार्क विकसित करने की भी स्वीकृति हुई। सिंगरौली जिले के बरगवां में शासकीय महाविद्यालय भवन निर्माण और बैढ़न में पी.जी. कॉलेज भवन निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई। विभिन्न ग्राम पंचायतों में सामुदायिक भवन, रैन-बसेरा, छात्रावास निर्माण, पहुँच मार्ग, पुलिया, तालाबों के जीर्णोद्धार तथा अन्य जन-सुविधाओं से संबंधित कार्यों को भी स्वीकृति दी गई।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से हमीदिया महाविद्यालय की अमृत महोत्सव समिति ने की भेंट

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, भोपाल की अमृत महोत्सव आयोजन समिति के प्रतिनिधियों ने निवास कार्यालय में भेंट की। उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अगस्त माह में महाविद्यालय का 'अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान को आयोजन समिति के सदस्यों ने अमृत महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। प्राचार्य डॉ. पुष्पलता चौकसे, जन-भागीदारी समिति के अध्यक्ष श्री देवेंद्र रावत, संयोजक प्रो. मनोज अग्निहोत्री, महाविद्यालय के वरिष्ठ पूर्व-छात्र श्री भरत चतुर्वेदी, श्री सुरजीत सिंह चौहान, श्री शुभम चौहान तथा श्री देवेंद्र चौहान उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी के कल्याण की कामना के लिए भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक किया

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने धर्मपत्नि श्रीमती साधना सिंह, पुत्र श्री कार्तिकेय सिंह एवं श्री कुणाल सिंह के साथ श्रावण माह के तृतीय सोमवार 24 जुलाई को उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल भगवान का अभिषेक किया। मुख्यमंत्री ने सबके कल्याण, स्वास्थ्य, सुखमय जीवन के लिए संपूर्ण सृष्टि के कल्याण के साथ-साथ जीव चराचर के कल्याण की भी कामना की।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी श्री अभिषेक शर्मा(बाला गुरु), पुरोहित श्री सुभाष शर्मा ने विधि-विधान से पूजन-अभिषेक कराया।

लघु उद्यमी, सीखो-कमाओ योजना में युवाओं को जोड़ें: मुख्यमंत्री श्री चौहान

 लघु उद्योगों में युवाओं के लिए सीखने और रोजगार के पर्याप्त अवसर विद्यमान

मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिला लघु उद्योग भारती का प्रतिनिधि-मंडल

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा आरंभ की गई मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना, युवाओं के कौशल उन्नयन और उन्हें आत्म-निर्भर बनाने की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। लघु उद्योगों में युवाओं के लिए सीखने और रोजगार प्राप्त करने के पर्याप्त अवसर विद्यमान हैं। योजना के अंतर्गत व्यवसायी अपनी इकाइयों में युवाओं को जोड़कर काम सिखाने के लिए आगे आएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान मंत्रालय में लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान से प्रतिनिधियों ने औद्योगिक क्षेत्र में 5 हजार वर्ग फुट या उससे कम के छोटे प्लाटों के लिए भूमि आरक्षित करने, जिलों में ग्रामीण स्तर पर स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए "प्लग एण्ड प्ले" की सुविधा से युक्त मल्टीस्टोरी क्लस्टर का निर्माण, अनुदान राशि की डीबीटी के माध्यम से उपलब्धता तथा सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के विकास में आने वाली कठिनाइयों और उनके समाधान आदि पर चर्चा की।

प्रतिनिधि-मंडल में लघु उद्योग भारती के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेश गुप्ता, महामंत्री श्री अरूण सोनी, अखिल भारतीय सचिव श्री समीर मूंदणा, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जीतेंद्र गुप्त, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजेश मिश्रा और कोषाध्यक्ष श्री अरविंद काले शामिल थे।

भोपाल में बनेगा राष्ट्रीय मीडिया संग्रहालय

 सिनेमा और भारतीय भाषाओं पर आधारित विभागों की एमसीयू में होगी स्थापना

मुख्यमंत्री श्री चौहान की अध्यक्षता में हुई महा-परिषद की बैठक

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की महा-परिषद की बैठक में जानकारी दी गई कि भोपाल में राष्ट्रीय मीडिया संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्वविद्यालय में केन्द्रीय स्टूडियो, डिजिटल मीडिया लैब, सिनेमा और भारतीय भाषाओं पर केन्द्रित पृथक विभागों तथा भरतमुनि शोध पीठ की स्थापना के प्रस्ताव को अनुमोदित किया। जनवरी 2018 के बाद हुई महा-परिषद की बैठक में पूर्व वर्षों के बजट अनुमान, लेखों एवं अंकेक्षण प्रतिवेदन का अनुमोदन किया गया। विभिन्न प्रबंधकीय विषयों पर भी निर्णय लिए गए। बताया गया कि एशिया के पहले और देश के सबसे बड़े पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को लागू किया गया है। इंडिया टूडे, द वीक जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं द्वारा विश्वविद्यालय को देश के प्रथम 10 शिक्षण संस्थानों में शामिल किया गया है।

62 वर्ष होगी सेवानिवृत्ति की आयु

महा-परिषद ने विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों के लिए 7वां वेतनमान लागू करने की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की। साथ ही 01 जनवरी 2016 से लागू किए गए 7वें वेतनमान के आधार पर सभी शिक्षकों को ऐरियर का भुगतान करने की स्वीकृति भी दी गई। संविदा पर कार्यरत शिक्षकों के नियमितिकरण पर भी सहमति हुई। महा-परिषद ने अधि-वार्षिकी आयु को 60 से 62 वर्ष किए जाने पर भी अनुमोदन प्रदान किया। बैठक में विश्वविद्यालय के नवीन परिसरों की भी जानकारी दी गई।

रेडियो कर्मवीर की स्थापना और पी.एचडी पाठ्यक्रम में सीट वृद्धि का अनुमोदन

बैठक में विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर में विद्यार्थियों के व्यावहारिक प्रशिक्षण तथा सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए रेडियो कर्मवीर की स्थापना को भी स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही शोध पुस्तक लेखन, पी.एचडी पाठ्यक्रम में सीट वृद्धि संबंधी प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।

विश्वविद्यालय ने देश-विदेश की प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थाओं से किए एम.ओ.यू.

बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा कंसोर्टियम फॉर एज्यूकेशनल कम्यूनिकेशन, यू.एन. पॉपुलेशन फंड, महात्मा गांधी कॉलेज ऑफ कम्यूनिकेशन कोजीकोड केरल, मीडिया एण्ड इंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल नई दिल्ली तथा अन्य विश्वविद्यालयों और प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एम.ओ.यू. किए गए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान का बैठक से पहले अंगवस्त्रम एवं प्रतीक-चिन्ह भेंट कर अभिवादन किया गया। बैठक में सांसद इंदौर श्री शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.जी. सुरेश, सचिव जनसंपर्क श्री विवेक पोरवाल, दादा लखमीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफार्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स रोहतक के कुलपति श्री गजेन्द्र सिंह चौहान, वरिष्ठ पत्रकार श्री महेश श्रीवास्तव, श्री अतुल तारे, द इंडिया टूडे ग्रुप के एक्जीक्यूटिव एडीटर श्री सईद अंसारी, चैनल हेड बंसल न्यूज श्री शरद द्विवेदी, इनाडू ग्रुप के श्री रविकांती श्रीनिवास, बैंगलुरू की डॉ. नंदिनी लक्ष्मीकांता, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन एंड जर्नलिज्म अहमदाबाद के श्री शिरीष काषिकर तथा अन्य सदस्य उपस्थित थे।

प्रदेश में लॉजिस्टिक पार्क, फार्मा, खाद्य प्र-संस्करण, रेलवे वेगन निर्माण और पीवीसी केन्द्रित इकाईयों की स्थापना के प्रस्ताव

 मुख्यमंत्री श्री चौहान से मिले उद्योगपति

टीवीएस, इप्‍का, बैरलोकर इंडिया, हिंदुस्तान अर्बन इंफ्रा-स्ट्रक्चर में निवेश के इच्छुक

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से फार्मा, लाजिस्टिक पार्क, खाद्य प्र-संस्करण, आयरन एण्ड स्टील तथा प्लास्टिक के क्षेत्र में कार्यरत उद्योग समूहों ने मंत्रालय में भेंट कर प्रदेश में निवेश और इकाइयों के विस्तार के संबंध में चर्चा की।

टीवीएस स्थापित करेगा लॉजिस्टिक्स पार्क

मुख्यमंत्री श्री चौहान से टीवीएस इंडस्ट्रीज एण्ड लॉजिस्टिक्स पार्क के सीईओ श्री रामनाथ सुब्रमण्यम और रीजनल हेड श्री कुशल मोतियानी ने देवास और पीथमपुर में 250 करोड़ रुपए की लागत से इंडस्ट्रियल व लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की। पार्क से लगभग 1000 लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में फार्मा क्षेत्र में 1300 करोड़ रूपए की लागत से तीन इकाइयां स्थापित कर चुकी इप्का लेबोरेट्रीज के मेनेजिंग डायरेक्टर श्री अजित कुमार जैन ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से भेंट कर देवास में 470 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित हो रही फार्मा इकाई के बारे में बातचीत की। इस इकाई में लगभग 700 लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुरैना के सीतापुर में खाद्य प्र-संस्करण इकाई पर चर्चा

मुख्यमंत्री श्री चौहान से सात्विक एग्रो प्रोसेसिंग के श्री नीलेश गर्ग और श्री माणिक गर्ग ने मुरैना जिले के सीतापुर में नई खाद्य प्र-संस्करण इकाई स्थापित करने के संबंध में चर्चा की। सात्विक एग्रो 284 करोड़ रूपए के शुरूआती निवेश के साथ एक लाख 44 हजार मीट्रिक टन की उत्पादन क्षमता के साथ नई इकाई स्थापित कर रही है। कम्पनी द्वारा इसके लिए भूमि अधिग्रहण कर लिया गया है। सर्वा फोम के श्री कुणाल ज्ञानी रायसेन जिले के तामोट प्लास्टिक पार्क में 100 करोड़ रूपए के निवेश के साथ रिबांडेड फोम और पालियोरेथेन फोम के लिए बुनियादी कच्चा माल बनाने की इकाई की स्थापना के प्रस्ताव और अपेक्षाओं पर चर्चा की।

मालनपुर में स्थापित होगी रेलवे वेगन इकाई

मुख्यमंत्री श्री चौहान से हिन्दुस्तान अर्बन इंफ्रा-स्ट्रक्चर के श्री राघवेन्द्र मोदी ने मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र में 500 करोड़ के निवेश और लगभग 1000 लोगों को रोजगार देने की क्षमता रखने वाली रेलवे वेगन निर्माण इकाई स्थापित करने के संबंध में बातचीत की। इसी क्रम में बैरलोकर इंडिया ऐडिटिव्स के श्री ज्येन मोदी और श्री अंकुर कुमार ने देवास में 316 करोड़ रूपए के निवेश से पीवीसी स्टेबलाइजर इकाई की स्थापना पर बातचीत की। इकाई से लगभग 150 लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैडमिंटन खिलाड़ियों को दी बधाई

 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत के स्टार बेडमिंटन खिलाड़ी सर्वश्री सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी को कोरिया ओपन बेडमिंटन के पुरुष युगल का खिताब जीतने पर बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ट्वीट कर कहा कि - "यह अभूतपूर्व सफलता आपकी दृढ़ इच्छा-शक्ति और सतत् समर्पण का प्रतिफल है।" मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि "ऐसे ही सर्वदा विजय आपका वरण करती रहे।"

Monday, 10 July 2023

श्रीमती निर्मला बुच ने यशस्वी जीवन जिया: मुख्यमंत्री श्री चौहान

 प्रभावी प्रशासक के रूप में उन्हें लंबे समय तक याद रखा जाएगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूर्व मुख्य सचिव स्व.श्रीमती बुच को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव स्व.श्रीमती निर्मला बुच के अंतिम दर्शन कर पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अरेरा कॉलोनी स्थित उनके निवास पहुँचकर श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिजन से शोक संवेदना व्यक्त कर ढांढस बँधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीमती बुच ने यशस्वी जीवन जिया। बहुमुखी प्रतिभा की धनी श्रीमती बुच को उनके कुशल नेतृत्व और संवेदनशील व्यक्तित्व के लिए प्रदेश के प्रभावी प्रशासकों की अग्रिम पंक्ति में लंबे समय तक याद रखा जाएगा। श्रीमती निर्मला बुच का अवसान 9 जुलाई को भोपाल में हुआ।

सामाजिक क्षेत्र में रही महत्वपूर्ण भूमिका

श्रीमती बुच ने देवास और उज्जैन ज़िलों की कलेक्टर रहने के बाद मध्य प्रदेश शासन में कई महत्वपूर्ण पद संभाले। विकास आयुक्त रहते हुए पाँच वर्ष के लंबे कार्यकाल में ग्रामीण विकास में उनका विशेष योगदान रहा। श्रीमती बुच प्रमुख सचिव गृह एवं श्री सुन्दरलाल पटवा के मुख्यमंत्री काल के दौरान सितंबर 1991 से जनवरी 1993 तक मुख्य सचिव रही। वे भारत सरकार में संयुक्त सचिव (समाज-कल्याण) और सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय रही। शासकीय सेवानिवृत्ति के बाद श्रीमती बुच सामाजिक सेवा, विशेषकर महिला विकास के क्षेत्र में व्यस्त रही। उन्होंने "महिला चेतना मंच" संस्था की स्थापना कर इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लगाए बरगद, आम और कचनार के पौधे

 मुख्यमंत्री का संकेत के परिवार ने पौध-रोपण कर माना आभार

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में बरगद, आम और कचनार के पौधे रोपे। हरदा निवासी 10 वर्षीय बालक संकेत कपूर के परिजन ने बालक के उपचार कराने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार मानते हुए पौध-रोपण किया।

मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से बालक संकेत को सहायता राशि उपलब्ध कराकर एस.एल. रहेजा अस्पताल मुंबई में इलाज कराया गया। संकेत सर्वाइकल लेमिनेट टॉमी ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी से संघर्षरत रहा है। संकेत को तत्काल उपचार की आवश्यकता थी। बालक संकेत के परिजन सर्वश्री सनी कपूर, साकेत कपूर, सुश्री कशिश एवं गुनगुन कपूर और प्रिया आहूजा ने पौधे रोपे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ सुश्री शक्ति विजय कुमार भारती, श्री सुशील सिंह और राजगढ़ के श्री जसवंत सिंह गुर्जर ने भी अपने जन्म-दिवस पर पौधे लगाएं। पौध-रोपण में बड़ी संख्या में जन-प्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।

कमाई का आधा हिस्सा किराए में देने वाली दिव्यांग और निराश्रित कामकाजी बहनाओं ने पायी स्कूटी

 किसी को व्यापार तो किसी को घर-गृहस्थी चलाने में होगी सुविधा

सफलता की चाबी लेकर सरपट दौड़ेंगी दिव्यांग बहनाएँ

मुख़्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इंदौर में 23 दिव्यांग बहनों और 2 निराश्रित महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी। ये दिव्यांग और निराश्रित कामकाजी बहनें अपनी गाढ़ी कमाई का आधा हिस्सा परिवहन में खर्च कर रही थीं। मुख़्यमंत्री श्री चौहान द्वारा दी गई चाबी सिर्फ स्कूटी की नहीं, बल्कि बहनों की सफलता, सम्मान की चाबी है। कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. के प्रयासों से इंडियन रेड क्रॉस इंदौर के सहयोग से 25 जरूरतमंद दिव्यांग व निराश्रित कामकाजी बहनों और महिलाओं को स्कूटी प्रदान की गई है। इन जरूरतमंद महिलाओं ने जन-सुनवाई के दौरान आर्थिक सहायता के लिए आवेदन किए थे।

फिरदौस बम्बई बाजार से लाती हैं सामग्री

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में सिरपुर निवासी फिरदौस बी को स्कूटी की चाबी सौंपी। फिरदौस अपने एक पैर से कमजोर हैं और कमजोरी के बाद भी पॉलीथिन सिलाई के काम में जुटी हैं। इस काम से वे हर माह 7 से 8 हजार रुपये की कमाई कर लेती हैं। सिलाई के लिए वो हर तीसरे दिन बम्बई बाजार से सामग्री खरीदने पहुँचती हैं। साथ ही रोज अपने बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने का काम करती हैं। उन्हें 15 से 20 रुपये सिटी बस के सफर में देना पड़ते हैं। मुख़्यमंत्री द्वारा प्रदान की गई स्कूटी से उन्हें और उनके परिवार को सुविधा होगी।

कोरोना में पति को खोया अब टिफिन सेंटर से दो बच्चों का कर रहीं पोषण

मालवीया नगर इंदौर निवासी अर्चना सोलंकी कोरोना काल में पति संजय सोलंकी की मृत्यु के बाद टिफिन सेंटर चलाकर दो बच्चों का पालन-पोषण कर रही हैं। स्कूटी मिलने से अब उन्हें सामग्री लाने में आसानी होगी। राजेन्द्र नगर की शीला वर्मा महू नाके की मेडिकल शॉप पर कंप्यूटर ऑपरेटर का काम कर रही हैं। अब उन्हें सिटी बस के सफर से मुक्ति मिलेगी और समय से काम पर पहुँच सकेंगी। मूसाखेड़ी की मुस्कान वर्मा 15 वर्ष पहले एक दुर्घटना में पति की मृत्यु के बाद घर-घर खाना बनाकर परिवार चला रही है। स्कूटी मिलने के बाद उन्हें भी काम पर जाने में सहूलियत। मुस्कान कहती है कि स्कूटी से ज्यादा घरों में खाना बनाने जा सकूंगी। न्यू रामनगर की दिव्यांग सरिता साहू और अहीरखेड़ी की लाछा राठौर की स्थिति भी कुछ ऐसी है। स्कूटी मिलने से वे आधी परेशानी से चिंता मुक्त हो गई।