प्रवीण सोलंकीमेघनगर. सरकार द्वारा पंचायती राज व्यवस्था ग्रामीण अंचलों में विकास कार्यों सहित ग्रामीणों के उत्थान के लिए बनाई गई है। पंचायत में विकास कार्यों के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार से सीधे राशि पहुंच रही है। जनप्रतिनिधियों द्वारा भी विकास कार्यों के लिए राशि उपलब्ध कराई जाती है। परंतु पंचायती राज व्यवस्था में अब प्रशासनिक निगरानी व्यवस्था में लापरवाही के चलते और मिलीभगत से घटिया निर्माण, कार्य किये बिना लाखो का भुगतान, लंबे समय तक निर्माण नही करना जैसे मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मेघनगर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत इटावा मे चबूतरा निर्माण के नाम पर लाखो रुपयो का भुगतान कर राशि डकार ली गई.
जन चर्चा के अनुसार ग्राम पंचायत इटावा के हनुमान फलिया मे हनुमान मन्दिर पर चबूतरा निर्माण के लिए ग्राम पंचायत मे 2/10/2023 को ग्राम सभा मे प्रस्ताव पास किया गया था, जिसका टी एस नंबर 446 है, ओर निर्माण के लिए 3 लाख 64 हजार रुपये स्वीकृत किये गये थे, लेकिन सरपंच, सचिव अशोक डामोर, इंजीनियर ओर जनपद पंचायत सी.ई.ओ.मेघनगर द्वारा आपसी मिली भगत कर इंजीनियर के फर्जी भौतिक सत्यापन ओर सचिव द्वारा चुने गए वेंडर के बिल्लो पर 3 लाख लगभग राशि का फर्जी भुगतान कर दिया गया, जबकि साइड पर एक भी ईट नही रखी गई. पूरे मामले की पड़ताल के बाद झाबुआ बुलेटिन मे समाचार प्रकाशित किये जाने के बाद प्रशासन ओर पंचायत अमले मे खलबली मच गई. ताबड तोड़ सभी भ्रष्ट जिम्मेदारों ने मंडली बैठकर जल्दी निर्माण दिखाने की योजना तैयार कर ली ओर मन्दिर के चारो ओर जे. सी. बी. से खुदाई करवा दी, जबकि पहले मन्दिर निर्माण को ही चबूतरा बनाकर पंचायत द्वारा निर्माण दिखाने की कोशिश की जा रही थी, पोल खुलती देख सारी योजना धरी की धरी रह गई. इस पूरे मामले मे इंजीनियर ओर मुख्य कार्यपालन अधिकारी की भूमिका संधिग्ध है , इस मामले मे सी.ई.ओ., इंजीनियर सहित सरपंच , सचिव पर एफ. आई. आर. होने के साथ वसूली की कारवाही की जानी चाहिए. सभी जिमेदारो द्वारा किया गया यह क्रत्य गंभीर है. जिला पंचायत सी ई ओ ओर कलेक्टर महोदया को इस दिशा मे ध्यान देने की आवश्यकता है.
यह बोले जिम्मेदार-
मामले को लेकर इंजीनियर से मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन फोन नही उठाया गया.
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