Tuesday, 24 September 2024

अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर पिता बोले बिटिया ही है मेरा मान और सम्मान

   परिजनों को लगता ही नहीं कि उनका अपना कोई सगा बेटा नहीं बेटियों को ही मानते अपना बेटा

उज्जैन, (राज कछवाय)



महिदपुर  ! नगर में अंतर्रा ष्ट्रीय महिला दिवस की जिन परिवारों के पेरेंट्सों की महज बेटियों ही है वे अपने आप को बड़ा गौरवांविंत महसू स करते हुए गर्व के साथ रहते हैं कि उनकी बेटियां उनके लिये बेटों से भी बढ़कर है नगर में ऑटो पार्ट्स का व्यापार करने वाले राकेश सेठिया की दो बेटियां चंचल तथा तुलसी से ठिया हैं जो उच्च शिक्षित होकर न के वल अपने पिता की दुकान पर बैठ कर उनकी अनुपस्थिति में दुकान में उपलब्ध सारा सामान दुकान पर आ ने वाले कस्टमर को विक्रय करती है बल्कि अपने अंकल सुनील सेठिया की किराने की दुकान पर भी अपने अंकल के भोजन करने जाने अथवा कहीं बाहर जाने के दिन पूरे दिन भर उसे दिन के दौरा‌न दुकान पर बैठकर दुकान पर किराना सामान लेने आने वाले कस्टमर को उनके द्वारा डिमांड किये गये सामान को पेमेंट प्राप्त कर उपलब्ध कराती है 

          दूध डेयरी संचालक अनिल मिनावदा की कक्षा में चौथी में अध्य नरत बिटिया सुबह शाम समय निका‌ लकर अपने पापा की दुकान पर बैठ‌ कर अपने पापा के काम में हाथ बंटा कर कंप्यूटर से बिल तैयार करती है    

             टूर एंड ट्रेवल्स के संचालक सुनील कारा तथा शिक्षिका मोनिका पोर वाल की बेटी सलोनी सी ए है वहीं छोटी बेटी लक्षिता इंजीनियरिंग की पढ़ाई क‌र रही है वे जब भी यहां घर आती है तब खुद ड्राइविंग करते हुए अपनी मम्मी को नगर से 10 कि मी  दूर स्थित दूर उनके शासकीय स्कूल छोड़ने त‌था लेने जाती है

No comments:

Post a Comment