मेघनगर।
साधर्मिक के प्रति अहोभाव रखकर हमेशा साधार्मिको की भक्ति करना, हर संभव उनकी सहायता करना, यह भाव हमारे जीवन में रखना चाहिए, यह हमारा तीसरा कर्तव्य है और क्षमा भाव रखकर सभी को क्षमा करना यह हमारा चौथा कर्तव्य है, जो कि परमात्मा ने हमे बताया है, और इन अट्ठाईधर के दिवस में, पर्युषण में इन कर्तव्यों का पालन करना हमे बतलाया है। इन कर्तव्यों को याद कराने के लिए ही यह पर्वाधिराज पर्युषण के दिन आते है। उक्त उद्गार नगर में ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास को निश्रा प्रदान कर रहे पूज्य साध्वीजी श्री तत्वलताश्रीजी महाराज ने पर्युषण पर्व के दूसरे दिन धर्मसभा में व्यक्त किए। उक्त जानकारी देते हुए नवयुवक परिषद अध्यक्ष देवेंद्र जैन ने बताया कि, आज प्रवचन के बाद सामूहिक तप आराधना के 7वे बियाशने के लाभार्थी परिवार श्रीमती स्नेहलताबेन मनोहरलालजी कावड़िया परिवार के एडवोकेट रजत कावड़िया, रूचिता कावड़िया, का बहुमान, इस माह के बहुमान के लाभार्थी बोहरा, रूनवाल, रांका, कावड़िया परिवार द्वारा किया गया। ज्ञान मंदिर के ट्रस्टी रजत कावड़िया ने बताया की, रविवार की परमात्मा की एवं गुरुदेव की अंगरचना का लाभ, नरेन्द्रजी, राहुलजी रांका परिवार, और सुजानमलजी, राहुलजी लोढ़ा परिवार ने लिया। साथ ही कावड़िया ने बताया की नगर में आयोजित सामूहिक सिद्धितप आराधना के 35 तपस्वियों का पारणा त्रिदिवसीय महोत्सव के साथ दिनांक 8 सितंबर से 10 सितंबर तक मनाया जायेगा।
No comments:
Post a Comment